Sharjeel Imam Bail: शरजील इमाम को दिल्ली की अदालत ने दी जमानत, भड़काऊ भाषण देने का है आरोप
Sharjeel Imam News: भड़काऊ भाषण देने के मामले में शरजील इमाम (Sharjeel Imam) को साकेत कोर्ट (Saket Court) से 30 हजार के निजी मुचलके पर जमानत मिली है.
Sharjeel Imam Gets Bail: देशद्रोह के मामले में शरजील इमाम को जमानत मिल गई है. दिल्ली की साकेत कोर्ट ने शुक्रवार को जेएनयू के पूर्व छात्र शारजील इमाम को जमानत दे दी है. CAA के खिलाफ अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी और जामिया इलाके में भड़काऊ भाषण (Provocative Speech) देने के मामले में शरजील को साकेत कोर्ट से जमानत मिली है. उन्होंने निचली अदालत में जमानत याचिका दायर की थी.
शरजील इमाम (Sharjeel Imam) पर भड़काऊ भाषण देने का आरोप लगाया गया था, जिसकी वजह से साल 2019 में जामिया नगर इलाके में कथित तौर पर हिंसा हुई थी.
30 हजार के मुचलके पर जमानत
भड़काऊ भाषण देने के मामले में शरजील इमाम को दिल्ली की साकेत कोर्ट (Saket Court) से 30 हजार के निजी मुचलके पर जमानत दी गई है. शरजील ने दिल्ली की साकेत कोर्ट में जमानत याचिका दायर की थी, जिसमें IPC की धारा 124A के तहत देशद्रोह का अपराध भी शामिल था. शरजील ने अपनी याचिका में सुप्रीम कोर्ट के आदेश का हवाला देते हुए कहा कि केंद्र सरकार से भी देशद्रोह एक्ट पर पुनर्विचार होने तक इसे स्थगित करने को कहा गया है.
अभी जेल में ही रहेंगे शरजील
शरजील इमाम पर दिल्ली पुलिस (Delhi Police) ने FIR 22/2020 के तहत मामला दर्ज किया गया था. वहीं UAPA के तहत देशद्रोह को बाद में जोड़ा गया था. फिलहाल अभी शरजील इमाम के खिलाफ कई और मुकदमे अदालत में लंबित है, लिहाजा वो अभी जेल में ही रहेंगे.
दिल्ली हाईकोर्ट ने क्या कहा था?
दिल्ली हाईकोर्ट (Delhi High Court) ने निचली अदालत से सीआरपीसी की धारा 436-ए के तहत राहत की मांग करने वाले शरजील इमाम के आवेदन पर इस आधार पर विचार करने को कहा था कि वो 31 महीने से हिरासत में है. इमाम को अक्टूबर 2021 में साकेत कोर्ट ने नियमित जमानत देने से इनकार कर दिया था. कोर्ट ने कहा था कि उनके भड़काऊ भाषण के बोल समाज की शांति और सद्भाव को कमजोर करने वाला था.
धारा 436-ए में क्या है प्रावधान?
शरजील इमाम (Sharjeel Imam) ने हाल ही में निचली अदालत में धारा 436-ए के तहत एक आवेदन दायर किया था. धारा 436-ए में प्रावधान है कि जब किसी व्यक्ति को मुकदमे की समाप्ति से पहले उसके खिलाफ कथित अपराध के लिए तय अधिकतम सजा के आधे तक कारावास हो चुका है तो उसे अदालत द्वारा जमानत पर रिहा किया जा सकता है.
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