नई दिल्ली: विवादित बयान और असम को भारत से काटने वाले भाषण देने के बाद चर्चा में आए जेएनयू के छात्र शरजील इमाम को दिल्ली पुलिस की अपराध शाखा ने बिहार के जहानाबाद से गिरफ्तार कर लिया है. यह गिरफ्तारी आज दोपहर को की गई है. अपराध शाखा के अधिकारियों का कहना है कि उसे ट्रांजिट रिमांड पर दिल्ली लाया जाएगा और जितनी जल्दी हो सके उसे दिल्ली लाने का प्रयास किया जा रहा है.


अपराध शाखा के डीसीपी राजेश देव ने बताया कि शरजील इमाम के कुछ भाषणों के वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुए थे. जिसमें वह काफी भड़काने वाली बातें कह रहा था. एक भाषण उसने 13 दिसंबर को दिल्ली के जामिया इलाके में दिया था, जबकि दूसरा भाषण अलीगढ़ में 16 जनवरी को दिया था. जब ये दोनों भाषण से जुड़े वीडियो वायरल हुए हैं तो 25 जनवरी को अपराध शाखा ने 13 दिसम्बर को जामिया में दिए गए भाषण के संबंध में शरजील के खिलाफ मामला दर्ज किया. उसके खिलाफ देश द्रोह की आईपीसी धारा 124a के अलावा 505 और 153a के तहत एफआईआर दर्ज की गई थी.


जहानाबाद में रैली में देखा गया था शरजील


डीसीपी राजेश देव ने बताया कि 25 जनवरी को ही सूचना मिली कि शरजील को बिहार के जहानाबाद इलाके में देखा गया है. वह किसी रैली में शामिल था. पुलिस की टीमें तुरंत ही वहां के लिए रवाना कर दी गई. पटना पुलिस और बिहार पुलिस की मदद से उसे तलाश किया गया. अपराध शाखा की टीम ने 25, 26 और 27 जनवरी को जहानाबाद में अलग-अलग जगहों पर रेड की. उसका भाई मुजम्मिल मिला, जिसके बाद आज यानी 28 जनवरी को उसे गिरफ्तार कर लिया गया है.


ट्रांजिट रिमांड पर दिल्ली लाया जा रहा है शरजील को


पुलिस का कहना है कि शरजील को जहानाबाद की अदालत में पेश करने के बाद उसे ट्रांजिट रिमांड पर दिल्ली लेकर आया जाएगा. पुलिस का प्रयास रहेगा कि जितनी जल्दी हो सके उसे दिल्ली में लाया जा सके.


जामिया और एनएफसी में हुए दंगों को लेकर भी हो सकता है शरजील पर मामला दर्ज


डीसीपी राजेश देव ने बताया कि 13 दिसंबर और 15 दिसंबर को दिल्ली के जामिया और एनएफसी में हुए दंगों को लेकर भी शरजील के खिलाफ मामला दर्ज किया जा सकता है. अपराध शाखा के पास ऐसे 3 मामलों की जांच है. डीसीपी राजेश देव ने यह भी कहा कि हम इस बात की जांच कर रहे हैं कि 13 दिसम्बर को जामिया में दिए गए शरजील के भाषण से ही तो कहीं 13 और 15 दिसंबर को जामिया और एनएफसी में दंगे नहीं हुए थे. अगर ऐसा पाया जाता है तो शरजील के खिलाफ और भी मामला दर्ज किया जा सकता है. यह सब उसे दिल्ली लाने के बाद ही स्पष्ट हो पाएगा.


सरेंडर नहीं गिरफ्तार किया गया है


शरजील को लेकर ऐसी बात भी सामने आई थी कि उसने खुद दिल्ली पुलिस के सामने सरेंडर किया है. जब इस बारे में डीसीपी राजेश देव से पूछा गया तो उन्होंने कहा कि उसे गिरफ्तार किया गया है. अगर उसे सरेंडर करना होता तो अदालत के समक्ष करता. पुलिस के सामने या तो जांच में सहयोग किया जाता है या फिर अगर उसकी तलाश किसी आपराधिक मामले में है तो उसे गिरफ्तार किया जाता है.


क्या कहती हैं शरजील के खिलाफ लगी धाराएं-


1. धारा 124 ए आईपीसी: शब्दों द्वारा अपराध, या तो बोला गया या लिखित रूप से कानून द्वारा स्थापित सरकार के खिलाफ अप्रभाव का कारण बनता है. सजा- उम्रकैद तक की.


2. धारा 153 ए आईपीसी: विभिन्न धार्मिक समूहों के बीच वैमनस्य पैदा करने के इरादे से दुश्मनी को बढ़ावा देना. सजा- तीन साल तक की कैद.


3. धारा 505 आईपीसी: सार्वजनिक दुर्व्यवहार के लिए जिम्मेदार माना जाने वाला बयान. सजा- तीन साल तक की कैद.


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