कांग्रेस नेता शर्मिष्ठा मुखर्जी का योगी सरकार पर हमला, कहा- उन्नाव मामले में पुलिस ने कमजोर चार्जशीट बनाई
शर्मिष्ठा मुखर्जी ने कहा कि लड़की न्याय मांगने कोर्ट जा रही थी, लेकिन कोर्ट जाने से पहले ही उसे जला दिया गया. महिलाएं बिल्कुल असुरक्षित हैं. इससे पहले भी एक रेप की घटना हुई थी. जिसमें बीजेपी के विधायक शामिल थे. उनके सपोर्ट में एक रैली निकाली गई.
नई दिल्ली: गैंगरेप का शिकार हुई उत्तर प्रदेश के उन्नाव की ‘बहादुर बेटी’ ने दम तोड़ दिया है. रात 11 बजकर 40 मिनट पर राजधानी दिल्ली के सफदरजंग अस्पताल में उसकी दिल का दौरा पड़ने से मौत हो गई. उन्नाव की बेटी के साथ जो हुआ वो बेहद डराने वाला है. ये घटना यूपी पुलिस की भूमिका पर और समाज की भूमिका पर कई गंभीर सवाल उठाती है. उन्नाव घटना को लेकर पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मूखर्जी की बेटी और कांग्रेस नेता शर्मिष्ठा मुखर्जी ने दुख जताया है.
शर्मिष्ठा मुखर्जी ने कहा कि इस घटना की जितनी भी कड़े शब्दों में निंदा की जाए वह कम है. यह बिल्कुल शॉकिंग है. उन्होंने कहा कि पुलिस ने कमजोर चार्जशीट बनाई. जिसकी वजह से तीनों आरोपियों को बेल मिल गई. अगर तीनों आरोपी जेल के अंदर रहते तो पीड़िता की जान बच सकती थी.
कांग्रेस नेता शर्मिष्ठा मुखर्जी ने कहा कि लड़की न्याय मांगने कोर्ट जा रही थी, लेकिन कोर्ट जाने से पहले ही उसे जला दिया गया. महिलाएं बिल्कुल असुरक्षित हैं. इससे पहले भी एक रेप की घटना हुई थी. जिसमें बीजेपी के विधायक शामिल थे. उनके सपोर्ट में एक रैली निकाली गई. यह सभ्य समाज में कहीं नहीं होता. कानून व्यवस्था के लिए योगी सरकार क्या कर रही हैं यह हम जानना चाहते हैं. महिलाओं को सुरक्षित करने के लिए क्रेंद सरकार क्या कर रही है ये हम जानना चाहते हैं. इस सरकार में दुष्कर्म के आरोपी सुरक्षित महसूस कर रहे हैं और जो विक्टिम है और उसका परिवार के साथ हादसा बढ़ रहा है.
उन्होंने कहा कि पीड़िता के साथ पूरा देश खड़ा है. उसकी जो आखिरी ख्वाहिश थी आरोपियों को सजा, वह हिंदुस्तान की जनता दिलवाएगी. उन्होनें कहा कि फास्ट ट्रैक कोर्ट कहां हैं. सारे आंकड़े सामने आ रहे हैं. जितने कोर्ट बनने चाहिए थे उसमें सिर्फ 31 फीसदी ही बने हैं. वहीं, लाखों मामले कोर्ट में पड़े हैं. जो लोग महिला सशक्तिकरण की बात करते हैं उनके लिए ये बात सिर्फ एक कहने की बात है. उन्होंने कहा कि निर्भया केस के बाद निर्भया फंड बनया गया था. जिसका 91 फीसदी फंड इस्तेमाल ही नहीं हुआ. पैसा भी है. बजट भी है, लेकिन महिला की सुरक्षा के लिए राज्य सरकार और केंद्र सरकार कोई कदम नहीं उठा रही है.
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