'समय आ गया है कि कांग्रेस गांधी-नेहरू परिवार से बाहर देखें', परिवारवाद पर जानें और क्या बोलीं शर्मिष्ठा मुखर्जी
Sharmistha Mukherjee On Congress: पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी की बेटी शर्मिष्ठा मुखर्जी ने कहा कि विपक्षी गठबंधन 'इंडिया' को अपने मुद्दे सुलझाने होंगे.
Sharmistha Mukherjee On Congress: पूर्व राष्ट्रपति दिवंगत प्रणब मुखर्जी की बेटी शर्मिष्ठा मुखर्जी ने कांग्रेस को मजबूत करने के लिए पार्टी को आत्मनिरीक्षण का सुझाव दिया. उन्होंने कहा कि अब समय आ गया है कि नेतृत्व के लिए कांग्रेस पार्टी गांधी-नेहरू परिवार से बाहर देखे.
शर्मिष्ठा मुखर्जी ने 17वें जयपुर साहित्योत्सव से इतर न्यूज एजेंसी पीटीआई से बात करते हुए कहा कि लोकसभा में कांग्रेस की सीटों की संख्या भले ही कम हो गई है, लेकिन इसके बावजूद कांग्रेस की राष्ट्रीय राजनीति में बहुत मजबूत उपस्थिति है, क्योंकि वह देश की सबसे बड़ी विपक्षी पार्टी है. कांग्रेस की तेलंगाना, हिमाचल प्रदेश, कर्नाटक में सरकार में है.
उन्होंने कहा,'' कांग्रेस अभी भी मुख्य विपक्षी दल है. उसका स्थान निर्विवाद है, लेकिन इस उपस्थिति को कैसे मजबूत करना है? ये सवाल है. इस पर विचार करना कांग्रेस नेताओं का काम है.''
शर्मिष्ठा मुखर्जी ने क्या कहा?
शर्मिष्ठा मुखर्जी ने कहा कि पार्टी में लोकतंत्र की बहाली, सदस्यता अभियान, पार्टी के भीतर संगठनात्मक चुनाव और नीति निर्णय की प्रक्रिया में हर स्तर पर जमीनी कार्यकर्ताओं को शामिल करने की जरूरत है. उन्होंने कहा, ''कोई जादू की छड़ी नहीं है. ये कांग्रेस नेताओं को देखना है कि पार्टी को मजबूत करने के लिए कैसे काम करना है.’’
नेतृत्व के सवाल पर शर्मिष्ठा ने कहा, ‘‘इसका जवाब कांग्रेस नेताओं को देना है, लेकिन एक कांग्रेस समर्थक और जिम्मेदार नागरिक होने के नाते मुझे पार्टी की चिंता है. निश्चित रूप से समय आ गया है कि नेतृत्व के लिए गांधी-नेहरू परिवार से बाहर देखा जाए.’’
कांग्रेस समर्थक होने के नाते पार्टी से अपेक्षाओं को लेकर शर्मिष्ठा ने कहा,'' कांग्रेस यह आत्मनिरीक्षण करे कि क्या वह सही मायने में आज पार्टी की विचारधारा को आगे ले जा रही है? बहुलवाद , धर्मनिरपेक्षता, सहिष्णुता, समावेशिता, अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता, जो कांग्रेस के मूल में रहे हैं, क्या व्यवहार में उनका अनुसरण किया जा रहा है? ... इन सवालों पर कांग्रेस को गंभीरता से विचार करने की जरूरत है कि क्या आज वह सही मायने में पार्टी की विचारधारा के इन मूल सिद्वांतों को बरकरार रखे हुए है या नहीं. यही मेरा उनसे सवाल है. ''
विपक्षी गठबंधन ‘इंडिया’को लेकर क्या कहा?
शर्मिष्ठा मुखर्जी ने विपक्षी गठबंधन ‘इंडिया’ के संबंध में कहा, ''उन्हें अपने मुद्दे सुलझाने की जरूरत है, जैसे सीट बंटवारे का मुद्दा आदि, लेकिन आम चुनाव तक क्या यह गठबंधन बचा रहेगा, मैं इसका जवाब नहीं दे सकती. जहां तक नेतृत्व का सवाल है, गठबंधन में बहुत से वरिष्ठ नेता हैं, उन्हें स्वयं सुलझाना चाहिए. मैं इसका जवाब नहीं दे सकती.''
राष्ट्रपति पद पर प्रणब मुखर्जी की उम्मीदवारी का तृणमूल कांग्रेस प्रमुख ममता बनर्जी के विरोध किए जाने के प्रसंग का जिक्र करते हुए उन्होंने जेएलएफ के एक सत्र में कहा कि यह उनके पिता के लिए हमेशा एक रहस्य ही बना रहा.