दिल्ली: कांग्रेस के वरिष्ठ नेता शशि थरूर सीएए और एनआरसी के विरोध में चल रहे प्रदर्शन को अपना समर्थन देने जवाहरलाल नेहरू यूनिवर्सिटी पहुंचे. जेएनयू जाते समय थरूर लंबे जाम में फंस गए जिस वजह से उन्हे यूनिवर्सिटी मेट्रो के जरिए जाना पड़ा. उन्होंने जेएनयू पहुंचते ही छात्रों के सामने यह बात रखते हुए कहा, " जाम को देखते हुए मैं तुरंत गाड़ी से उतर गया और मेट्रो लेकर जेएनयू पहुंचा हूं " .
जामिया में 15 दिसंबर को पुलिस ने जो छात्रों के विरुद्ध कार्रवाई की थी उसको थरूर ने '' राष्ट्र पर एक धब्बा '' बताया. वहीं जेएनयू में 5 जनवरी को हुई हिंसा के दौरान पुलिस के ढीले रवैए की निंदा भी की. सीएए के विरोध में थरूर ने आवाज उठाते हुए कहा कि यह कानून भेदभाव को बढ़ावा देता है. लिहाजा ये भारत की संरचना, आत्मा और संविधान के मूल्यों के खिलाफ है. पहली बार धर्म के आधार पर इस तरह का भेदभाव कानून की आड़ में किया गया है और तो और सरकार को इसका अफसोस भी नहीं है यह बहुत दुर्भाग्यपूर्ण है. ये कानून विवेकानंद के मूल्यों के भी खिलाफ है जो भारत की विविधताओं की बात करते थे.
बीजेपी को आड़े हाथ लेते हुए थरूर ने कहा, " जब इनसे पूछा जाता है कि आखिर किस तरह से आप इस क्राइटेरिया पर पहुंचे तो कोई जवाब सही से नहीं मिलता है. " उन्होंने कहा कि भारत में 60 प्रतिशत से ज्यादा लोगों के पास जन्म प्रमाण पत्र नहीं है. खास कर 1987 से पहले जन्म लिए लोगों के पास. ये कानून उन सबके वजूद पर सवाल उठाता है. क्या यही वो भारत है जिसका सपना आपने देखा था ?
एनपीआर पर थरूर ने कहा कि " अब सरकार एनपीआर लेकर आ रही है जिस पर नागरिकों के नाम लिखे जाएंगे. आधार कार्ड पर पहले भी नाम लिए गए थे. जो एनपीआर कंडक्टर कर रहे हैं वो पूछेंगे कि आपके मां बाप कहां हैं, आप कब पैदा हुए ? एनपीआर, एनआरसी लागू करने के लिए एक बैक डोर से ज्यादा कुछ नहीं है.
उन्होंने कहा कि जेएनयू के छात्र-छात्राएं लगभग दो महीने से फीस बढ़ोतरी को लेकर संघर्ष कर रहे हैं. शशि थरूर ने बढ़ी हुई फीस को लेकर कहा कि " मैंने कई रिपोर्ट पढ़ीं जिसके अनुसार 40 प्रतिशत छात्रों को फीस बढ़ोतरी के बाद जेएनयू छोड़ना पड़ जाएगा क्योंकि वो इतनी महंगी फीस जुटाने में सक्षम नहीं है. यह रिपोर्ट मुझे बहुत चिंतित करती है. जेएनयू एक ऐसा शिक्षा संस्थान है जहां तक पहुंचना बहुत मुश्किल होता है लेकिन पहुंचने के बाद फीस की चिंता नहीं रहती है लेकिन इसे भी बदलने की कोशिश की गई है. हमें छात्रों के लिए स्कॉलरशिप लानी चाहिए. जेएनयू ऐसी यूनिवर्सिटी है जहां से गरीब बच्चे भी अच्छी पढ़ाई कर पाते थे."
थरूर ने बीजेपी पर निशाना साधते हुए कहा कि मैं और कांग्रेस पार्टी छात्रों के साथ और उनके हितों के साथ खड़े हैं. बीजेपी केवल सबका साथ सबका विकास की बात करती है, लेकिन कई लोगों को इस विकास और विश्वास से बाहर निकाल दिया गया है. उन्होंने कहा कि मोदी और शाह चाहें भगवा चुन लें हम तो तिरंगा ही चुनेंगे.
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