नई दिल्लीः कांग्रेस नेता शशि थरूर ने शनिवार को भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी)-नीत केंद्र सरकार पर धर्म और प्रतिमाओं का इस्तेमाल अपने एजेंडे के लिए करने का आरोप लगाया. उन्होंने कहा कि ऐस करके सरकार लोगों का ध्यान अपनी विफलताओं से भटका रही है. उत्तर प्रदेश में योगी आदित्यनाथ सरकार की भगवान राम की प्रतिमा स्थापित करने की योजना और हाल ही में गुजरात में दुनिया की सबसे बड़ी प्रतिमा 'स्टेच्यू ऑफ यूनिटी' का अनावरण करने का संदर्भ देते हुए, थरूर ने इस प्रचलन को रोमन सम्राज्य के दौरान ग्लेडियेटर सर्कस से की, जिसे लोगों का ध्यान वहां हो रहे अत्याचार से हटाने के लिए किया जाता था.


थरूर ने कहा, "जब आप पूछेंगे कि क्यों 390 रुपये में मिलने वाला गैस सिलिंडर अब 970 रुपये में मिल रहा है, या यह पूछेंगे कि क्यों संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (यूपीए) सरकार के कार्यकाल में प्रति लीटर पेट्रोल पर 3.70 रुपये कर को बढ़ाकर 19.48 कर दिया गया, तो वे (बीजेपी) राम मंदिर, अयोध्या, स्टेच्यू ऑफ यूनिटी और इस तरह की बाते करेंगे. यह ध्यान भटकाने वाली चीजें हैं."


उन्होंने कहा, "प्रतिमाओं को स्थापित करना मुझे रोमन साम्राज्य के उन दिनों की याद दिलाता है, जब लोगों को उनके ऊपर हो रहे अत्याचारों से ध्यान भटकाने के लिए सर्कस दिखाया जाता था."


यह दावा करते हुए कि एनडीए सरकार काम करने में विफल रही है, उन्होंने कहा कि ऐसे चश्मे सरकार को भाते हैं, क्योंकि वे लोगों के दुखों को छुपाने में मदद करते हैं. उन्होंने कहा, "भारत के लोगों और मीडिया को इन चीजों से बाहर निकलना चाहिए और हकीकत क्या है इस पर ध्यान देना चाहिए. भारत का आम आदमी बीते साढ़े चार साल से दुख झेल रहा है."


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बता दें कि हाल ही में थरूर ने पीएम मोदी पर भी हमला बोला था. अपने इस हमले में थरूर ने कहा था, "पीएम मोदी शिवलिंग पर बैठे बिच्छू की तरह हैं जिसे न तो हाथ से हटा सकते हैं और नहीं चप्पल से मार सकते हैं."


थरूर के इस बयान के बाद दिल्ली प्रदेश बीजेपी के एक नेता ने उनके खिलाफ मानहानी की शिकायत दर्ज करवाया था. बीजेपी नेता ने अपने शिकायत में कहा है कि थरूर के इस बयान से शिव भक्तों का अपमान हुआ है.