Tharoor Soros Tweet Controversy: कांग्रेस सांसद शशि थरूर ने हाल ही में ये स्पष्ट किया कि उनका अमेरिकी निवेशक गॉर्ज सोरोस से कोई राजनीतिक या वित्तीय संबंध नहीं है. दरअसल एक पुरानी ट्वीट को लेकर सोशल मीडिया पर हो रही चर्चा के बीच थरूर ने इसे "बेहद हास्यास्पद" बताया और कहा कि ये केवल "अस्वस्थ जिज्ञासा" का परिणाम है.
थरूर ने 15 साल पुराने ट्वीट का हवाला देते हुए कहा कि उन्होंने सोरोस को अपने संयुक्त राष्ट्र के दिनों में एक न्यूयॉर्क निवासी के रूप में जाना और उनका रिश्ता सिर्फ सामाजिक था. थरूर ने सोशल मीडिया पोस्ट में ये स्पष्ट किया कि "मैंने न तो कभी सोरोस से कोई वित्तीय मदद ली है और न ही उनसे कोई मदद मांगी है." साथ ही ये भी कहा कि इस ट्वीट को लेकर बनाई जा रही हंसी उड़ाने वाली बहस में कोई सच्चाई नहीं है.
BJP के आरोपों का कांग्रेस ने किया खंडन
ये बयान उस समय आया है जब बीजेपी के नेताओं ने आरोप लगाया था कि कांग्रेस पार्टी सोरोस के साथ मिलकर भारत में अस्थिरता पैदा कर रही है. थरूर ने इन आरोपों को निराधार बताया और कांग्रेस ने भी बीजेपी के इन आरोपों को झूठा करार दिया है. कांग्रेस का कहना है कि बीजेपी का ये आरोप सिर्फ ध्यान भटकाने के लिए है और इसका उद्देश्य अडानी घोटाले से ध्यान हटाना है.
थरूर ने सोरोस से मिलने की दी जानकारी
थरूर ने ये भी कहा कि 15 साल पहले ट्वीट करने के बाद वे सोरोस से एक बार भारत के तत्कालीन संयुक्त राष्ट्र के राजदूत हरदीप सिंह पुरी के एक डिनर के दौरान मुलाकात की थी. उन्होंने यह बताया कि इसके बाद वे कभी सोरोस के संपर्क में नहीं आए.
थरूर ने आलोचकों पर साधा निशाना
थरूर ने आलोचकों को "15 साल पुरानी सामान्य ट्वीट" को सनसनीखेज बनाने के लिए आलोचना की और "ट्रोल फैक्ट्री" पर कटाक्ष करते हुए कहा कि ये सब केवल एक झूठी कहानी को बढ़ावा देने के लिए किया जा रहा है. उन्होंने कहा "मैं उम्मीद करता हूं कि ये स्पष्टीकरण उन लोगों के लिए मददगार होगा जो इस ट्वीट को लेकर निराधार आरोप लगा रहे हैं."
कांग्रेस और बीजेपी के बीच बढ़ते तनाव
कांग्रेस और बीजेपी के बीच ये विवाद उस समय गहरा हुआ जब बीजेपी ने कांग्रेस की पूर्व अध्यक्ष सोनिया गांधी पर भी सोरोस से संबंध रखने का आरोप लगाया. बीजेपी का दावा है कि सोरोस भारत की लोकतांत्रिक संस्थाओं को कमजोर करने की कोशिश कर रहे हैं. वहीं कांग्रेस ने इन आरोपों को पूरी तरह से नकारते हुए इसे बीजेपी का एक राजनीति रणनीति बताया है जिसका उद्देश्य अपनी भ्रष्टाचार की बहस से ध्यान हटाना है.
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