लोकसभा सदस्य शशि थरूर ने मंगलवार को कहा कि यूक्रेन-रूस संघर्ष पर भारत अपने कूटनीतिक रुख पर बातचीत करने में बहुत ‘‘जटिल और चुनौतीपूर्ण दौर’’ से गुजरा है और अन्य देशों के साथ उसके कई हितों के कारण वह ‘‘एक तरह से मुश्किल स्थिति में है, जिसमें छोटी-सी गलती के भी बहुत बुरे परिणाम हो सकते हैं.’’


वह ‘यूक्रेन अनकही (झलकियां)’ पर तीन दिवसीय फोटो प्रदर्शनी के उद्घाटन के बाद यहां बातचीत के दौरान एक सवाल का जवाब दे रहे थे. उन्होंने कहा, ‘‘भारत, यूक्रेन-रूस संकट पर अपने रुख पर बातचीत में बहुत जटिल और चुनौतीपूर्ण दौर से गुजरा है. इसमें कोई शक नहीं है कि भारत अपने पहले ही बयान में ऐसा कुछ भी कहने के लिए तैयार नहीं दिखा था जिससे रूस को परेशानी होती’’


बातचीत काफी दिलचस्प होगी- थरूर


थरूर ने रूस के विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव की इस सप्ताह भारत की संभावित यात्रा पर कहा, ‘‘उनके पास बचाव के लिए कठिन वजह होगी और मुझे भरोसा है कि नयी दिल्ली में वह जो बातचीत करने जा रहे हैं, वह काफी दिलचस्प होगी.’’ संघर्ष पर भारत के रुख के बारे में कांग्रेस सांसद ने कहा, ‘‘संयुक्त राष्ट्र में (यूक्रेन संकट पर) मतदान से अनुपस्थित रहते हुए अपने बयानों में हम अपने सिद्धांतों को दोहराने में अधिक मुखर रहे हैं और हमारी कूटनीति ने उन विविध हितों को ध्यान में रखा है, जिनकी हमें देखभाल करनी है.’’


थरूर ने आगे कहा, ‘‘हम क्वाड के सदस्य हैं और हम नहीं चाहते कि अमेरिका हिंद-प्रशांत से अपनी नजर हटाए और पूरी तरह यूरोप पर ध्यान केंद्रित करे.’’ थरूर ने कहा, ‘‘ यूक्रेन से हमें पहले कुछ सप्ताहों में 23,000 भारतीय नागरिकों को निकालना पड़ा, जिनमें ज्यादातर छात्र थे. इसलिए, इन सभी हितों के कारण हम मुश्किल स्थिति में हैं, जिसमें छोटी-सी गलती के भी बुरे परिणाम हो सकते हैं.’’


यह भी पढ़ें.


Russia Ukraine War: रूस-यूक्रेन के बीच इस्तांबुल में 3 घंटे चली बैठक, कीव ने कहा- आगे जारी रहेगी बातचीत, साथ ही रखी ये शर्त


Russia Ukraine War: क्रेमलन ने किया रूसी मध्यस्थ रोमन अब्रामोविच को जहर दिए जाने की रिपोर्ट का खंडन, कहा- यह सूचना युद्ध का हिस्सा