Parliamentary Committee Meet: संसदीय समिति की बैठक में नहीं शामिल हुए थरूर, केंद्र को ठहराया जिम्मेदार, बोले- जानबूझकर...
Parliamentary Committee Meet: शनिवार को पीएम मोदी की अमेरिका यात्रा पर चर्चा के लिए संसदीय सलाहकार समिति की बैठक बुलाई गई थी. इसमें कांग्रेस और TMC के सदस्य नहीं शामिल हुए थे.
Parliamentary Committee Meeting: केंद्र ने शनिवार (5 अगस्त) को विदेश मामलों की संसदीय सलाहकार समिति की बैठक बुलाई थी, जिसमें कांग्रेस नेता शशि थरूर समेत कुछ सांसद नहीं शामिल हुए थे. अब थरूर ने बैठक में खुद के न पहुंच पाने को लेकर केंद्र सरकार को जिम्मेदार ठहराया है. उन्होंने कहा कि ये बैठक सप्ताह के अंत में ऐसे समय बुलाई गई, जब अधिकांश सांसद राजधानी में नहीं रहते हैं. साथ ही आरोप भी लगाया कि जानबूझकर देर से निमंत्रण भेजा गया ताकि कुछ सांसद इस बैठक में हिस्सा न ले सकें.
थरूर ने पार्टी की तरफ से बैठक में शामिल न होने को लेकर किसी तरह का निर्देश होने से इनकार किया. कांग्रेस सांसद ने इंडिया टुडे से कहा, मुझे बैठक का बहिष्कार करने के लिए पार्टी से कोई निर्देश नहीं था.
देरी से मिला निमंत्रण- थरूर
थरूर ने बताया, मैं इसमें शामिल होना पसंद करता, लेकिन जैसा कि आम है कि संसद सत्र के दौरान अधिकांश लोकसभा सांसद सोमवार से शुक्रवार तक दिल्ली में रहते हैं. सप्ताह के आखिर में हम अपने निर्वाचन क्षेत्रों में जाते हैं. ऐसे में संसद सत्र के दौरान इस तरह से बैठक आयोजित करने का मतलब है कि हमारे शामिल न होने की गारंटी.
उन्होंने आगे कहा कि इसके अलावा निमंत्रण काफी देर से आया. ये इतना कम समय था कि केरल में उनके मौजूदा कार्यक्रमों में बदलाव का प्रयास भी असंभव था. यही वजह है कि वे बैठक में शामिल नहीं हो सके.
बताया, बैठक में होते तो क्या पूछते सवाल
भारत-अमेरिका संबंधों में हुए हालिया घटनाक्रम और प्रधानमंत्री मोदी की हालिया अमेरिका यात्रा पर चर्चा के लिए विदेश मामलों की संसदीय सलाहकार समिति की बैठक शनिवार को बुलाई गई थी. बैठक में कई राजनीतिक दलों के सांसद शामिल हुए थे, लेकिन कांग्रेस और तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) के सदस्य इसमें नहीं पहुंचे.
हालांकि थरूर बैठक में शामिल नहीं हुए थे, लेकिन उन्होंने ये जरूर बताया कि अगर वे वहां जाते तो क्या करते? तिरुवनंतपुरम सांसद ने कहा, प्रधानमंत्री की अमेरिका यात्रा को जिस तरह से बताया गया है, उसे सुनने में मेरी दिलचस्पी रहती. मेरा मानना है कि ये पार्टी की नीतियों से ऊपर है. उन्होंने कहा, मैंने ब्रीफिंग सुनी होती, तो उस पर टिप्पणी करता, लेकिन मैंने नहीं सुनी है, इसलिए इस पर कहने के लिए मेरे पास कुछ नहीं है.
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