Shashi Tharoor On Mamata Banerjee: पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के बांग्लादेश में संयुक्त राष्ट्र शांति मिशन तैनात करने के अनुरोध पर कांग्रेस के तिरुवनंतपुरम से सांसद शशि थरूर ने मंगलवार (3 दिसंबर, 2024) को प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा कि उन्हें पता नहीं कि वह उनकी भूमिका को पूरी तरह समझती हैं या नहीं. वह बोले कि किसी भी देश के अंदर संयुक्त राष्ट्र शांति सैनिकों को बहुत कम ही भेजा जाता है. ऐसा उस समय होता है, जब उनकी सरकार खुद कहती है. 


बांग्लादेश में अल्पसंख्यकों पर हो रहे अत्याचारों को देखते हुए पश्चिम बंगाल राज्य के विधानसभा में बोलते हुए ममता बनर्जी ने सोमवार (2 दिसंबर, 2024) को केंद्र से बांग्लादेश में शांति सेना तैनात करने के लिए संयुक्त राष्ट्र से आग्रह करने को कहा था. बनर्जी ने ये भी मांग की थी कि विदेश मंत्री को मौजूदा स्थिति पर देश के रुख को संसद को अवगत कराना चाहिए.


विधानसभा में बनर्जी ने कही थी बात


विधानसभा में बोलते हुए ममता बनर्जी ने कहा था कि अगर जरूरत हो तो बांग्लादेश की अंतरिम सरकार से बात करने के बाद एक अंतरराष्ट्रीय शांति सेना बांग्लादेश भेजी जाए, जिससे वहां सामान्य स्थिति बहाल करने में मदद मिल सके.


शशि थरूर ने दी प्रतिक्रिया


ममता बनर्जी की इसी मांग को सेतक सांसद शशि थरूर ने कहा, “मुझे पता नहीं है कि वह संयुक्त राष्ट्र शांति सैनिकों की भूमिका को पूरी तरह समझती हैं या नहीं. कई वर्षों तक संयुक्त राष्ट्र शांति सैनिकों के रूप में काम करने के बाद, मैं आपको बता सकता हूं कि संयुक्त राष्ट्र शांति सैनिकों को किसी देश के अंदर बहुत कम ही भेजा जाता है, सिवाय किसी देश के अनुरोध के. कोई भी देश जब पूरी तरह से ढह जाता है तभी शांति सैनिकों को भेजा जाता है और वो भी उस देश की सरकार को उनसे आग्रह करना पड़ता है, लेकिन मैं पूरी तरह से सहमत हूं कि हमें इस बात पर नज़र रखनी होगी कि क्या हो रहा है". 


चिन्मय कृष्ण दास की गिरफ्तारी के बाद स्थिति तनावपूर्ण


इसके अलावा ममता बनर्जी ने विदेशी धरती से परेशान किए जा रहे भारतीयों को वापस लाने में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के हस्तक्षेप की भी मांग की थी. हिंदुओं और अन्य धार्मिक अल्पसंख्यकों पर हमलों और पूर्व इस्कॉन पुजारी चिन्मय कृष्ण दास की गिरफ्तारी के साथ बांग्लादेश में स्थिति तनावपूर्ण होती जा रही है.


कब होगी अगली सुनवाई


रिपोर्ट के अनुसार चिन्मय दास को मंगलवार को कोई राहत नहीं मिली क्योंकि उनका प्रतिनिधित्व करने के लिए कोई वकील उपलब्ध नहीं होने के कारण अदालत में उनकी जमानत की सुनवाई स्थगित कर दी गई. उनकी अगली सुनवाई 2 जनवरी, 2025 को तय की गई है. इस बीच बांग्लादेश की अंतरिम सरकार ने ढाका में संयुक्त राष्ट्र शांति सेना तैनात करने के बनर्जी के आह्वान पर आश्चर्य व्यक्त किया.


ममता बनर्जी के बयान पर बोले बांग्लादेश के मंत्री


बांग्लादेश के विदेश मंत्री तौहीद हुसैन ने पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री की टिप्पणी पर असंतोष व्यक्त किया और कहा, "मुझे नहीं पता, मैं समझ नहीं पा रहा हूं कि ममता बनर्जी ने ऐसा बयान क्यों दिया. मैं उन्हें व्यक्तिगत रूप से जानता हूं, मैं कई बार उनके घर गया हूं." हालांकि, हुसैन ने यह भी कहा कि समस्याओं का समाधान किया जा सकता है. पारस्परिक हितों को संरक्षित किया जाना चाहिए और बांग्लादेश भारत के साथ मैत्रीपूर्ण संबंध चाहता है."


अल्पसंख्यकों के अधिकारों की रक्षा की मांग 


पड़ोसी देश में मौजूदा स्थिति को लेकर पूरे भारत में विरोध प्रदर्शन हुए, जिसमें लोगों और संगठनों ने हिंदुओं और धार्मिक अल्पसंख्यकों के अधिकारों की रक्षा की मांग की, और चिन्मय दास की जेल से रिहाई की भी मांग की.


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