Shashi Tharoor On Siddique Kappan: कांग्रेस सांसद शशि थरूर (Shashi Tharoor ) ने केरल के पत्रकार सिद्दीक कप्पन (Journalist Siddique Kappan ) की रिहाई की सराहना की. कप्पन को उत्तर प्रदेश पुलिस (Uttar Pradesh Police) ने अक्टूबर 2020 में हाथरस गैंगरेप मामले के बाद मौके पर जाकर अशांति फैलाने के आरोप में गिरफ्तार किया था. हालांकि, उनका कहना था कि वह हाथरस मामले की रिपोर्टिंग करने गए थे. इसे लेकर काफी विवाद खड़ा हुआ था. केंद्र पर भी कई सवाल उठे थे. अब कप्पन की रिहाई के बाद यह सवाल और गंभीर हो गए हैं. 


इस मामले को लेकर अब शशि थरूर ने भी केंद्र की आलोचना की है. थरूर ने कहा कि कप्पन की रिहाई से पता चलता है कि यूएपीए (Unlawful Activities Prevention Act) 'लोकतंत्र के लिए खतरा' है. इसके साथ ही उन्होंने सुप्रीम कोर्ट की पिछले साल की 'जमानत, जेल नहीं' टिप्पणी को भी याद दिलाया. उन्होंने कहा कि गांधी की भूमि में कप्पन के साथ 'अमानवीय' व्यवहार निंदनीय है. 


'क्या है हमारी मानवता का स्तर?'


उन्होंने यह भी बताया कि जब सिद्दीक कप्पन ने जेल में पढ़ने के लिए किताबें मांगी तो उन्हें केवल हिंदी में किताबें दी गईं क्योंकि वह हिंदी नहीं पढ़ सकते हैं. उन्हें अंग्रेजी या मलयालम में भी किताबें दी जा सकती थी. उन्होंने सवाल किया कि क्या यह हमारी मानवता का स्तर है? उनका आरोप है कि केंद्र यूएपीए एक्ट का गलत इस्तेमाल कर रही है. 


क्या है UAPA एक्ट? 


यूएपीए एक्ट यानी गैरकानूनी गतिविधियां (रोकथाम) अधिनियम (Unlawful Activities Prevention Act) काफी खतरनाक होता है. इसमें काफी कड़ी सजा का प्रावधान है. वैचारिक विरोध और आंदोलन या दंगा भड़काने की स्थिति में भी यह एक्ट लगाया जाता है. इस कानून का मुख्य काम आतंकी गतिविधियों को रोकना होता है. इस एक्ट से जुड़े मामलों में एनआईए यानी राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) को काफी शक्तियां होती है. 


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