नई दिल्ली: बांग्लादेश में प्रधानमंत्री द्वारा दिए गए एक भाषण पर टिप्पणी करने के बाद कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री शशि थरूर को माफी मांगनी पड़ी है. दरअसल, प्रधानमंत्री ने बांग्लादेश के स्वतंत्रता दिवस की स्वर्ण जयंती और बंगबंधु शेख मुजीबुर रहमान की जन्म शताब्दी के अवसर पर आयोजित समारोह में अपनी बात रखते हुए बांग्लादेश की आजादी के लिए सत्याग्रह करने की बात कही थी.
उनके दिए भाषण के इसी अंश पर शशि थरूर ने विरोध जताया क्योंकि उन्हें लगा कि उन्होंने बांग्लादेश की आजादी में पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी के योगदान का जिक्र ही नहीं किया. इस पर उन्होंने फिर ट्वीट किया, "सब जानते हैं कि बांग्लादेश को किसने आजाद कराया है."
हालांकि जब उन्हें बाद में पता चला कि पीएम मोदी ने इंदिरा गांधी का जिक्र किया था, तो उन्होंने अपने किए पर तुरंत माफी भी मांग ली. उन्होंने लिखा, "सॉरी. जब मैं गलत होता हूं तो इसे स्वीकारने में मुझे बुरा नहीं लगता है."
मोदी ने बांग्लादेश में मतुआ मंदिर में की पूजा अर्चना
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी दो दिन के बांग्लादेश दौरे पर हैं. अपने दौरे के दूसरे दिन उन्होंने ओराकांडी में स्थित मतुआ मंदिर में पूजा अर्चना की. ओरकांडी में ही मतुआ समुदाय के अध्यात्मिक गुरु हरिचंद ठाकुर का जन्म हुआ था. मोदी ने हरिचंद-गुरुचंद मंदिर में पूजा की जहां उनका स्वागत स्थानीय परंपरा के मुताबिक, ‘धाक, शंख और उलू’ से किया गया. वह मास्क लगा कर मंदिर पहुंचे.
ओराकांडी मतुआ समुदाय का मूल स्थान है. इस समुदाय के लोग बड़ी संख्या में पश्चिम बंगाल में रहते हैं. अपनी यात्रा से पहले मोदी ने कहा था कि वह ओराकंडी में मतुआ समुदाय के प्रतिनिधियों के साथ बातचीत के लिए उत्सुक हैं जहां श्री श्री हरिचंद ठाकुर ने अपने पवित्र संदेशों का प्रसार किया था.
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