थरूर ने कहा कि मछुआरे अपनी नौकाओं को अंदरूनी इलाकों में ले गए और स्थानीय स्थितियों की बेहतर जानकारी होने के वजह से राहत कार्य में उनकी हिस्सेदारी काफी सहायक साबित हुई.
उन्होंने कहा कि मछुआरों ने आस-पड़ोस में फंसे हुए कर्मियों की न सिर्फ सहायता की बल्कि बचाव टीमों की नौकाओं को रास्ता भी दिखाया. उन्होंने कहा कि उनकी बाढ़ के दौरान लोगों की जान बचाने की सेवा स्पष्ट तौर पर दिखी.
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