Manipur Violence: देश के पूर्वोत्तर राज्य मणिपुर में पिछले दो महीनों से जातीय हिंसा की लगातार खबरें आ रही हैं. ऐसे में वहां पर इंटरनेट सुविधाओं को बंद कर दिया गया है. मामले को लेकर कांग्रेस सांसद और वरिष्ठ नेता शशि थरूर ने रविवार (16 जुलाई) को कहा है कि ये अजीब है कि भारत "दुनिया का एकमात्र लोकतंत्र" है जो नियमित रूप से लंबे समय तक इंटरनेट शटडाउन का सहारा लेता है, जिससे आम नागरिकों को असुविधा होती है.
कांग्रेस नेता का ये बयान ऐसे समय पर आया है जब मणिपुर हिंसा को लेकर सुप्रीम कोर्ट में सोमवार (17 जुलाई) को सुनवाई होनी है. इन्फॉर्मेशन टेक्नोलॉजी पर संसदीय स्टैंडिंग कमिटी के अध्यक्ष रहे शशि थरूर ने कहा कि 2022 में समिति ने पाया कि इस चीज को लेकर कोई सबूत नहीं है कि इंटरनेट बंद करने से वास्तव में हिंसा को रोका जा सकता है.
क्या कहा शशि थरूर ने?
उन्होंने ट्वीट करते हुए कहा, “सुप्रीम कोर्ट सोमवार को मणिपुर हाई कोर्ट के उस आदेश के खिलाफ सरकार की अपील पर सुनवाई करेगा जिसमें पिछले तीन महीनों से राज्य में डिजिटल लाइफ को बाधित करने वाले इंटरनेट पर प्रतिबंध में ढील दी गई. सूचना प्रौद्योगिकी पर संसदीय स्थाई समिति ने 2022 में तीखी टिप्पणी की थी कि सरकार की ओर से ऐसा कोई औचित्य नहीं दिया गया है, जो किसी भी तरह से प्रदर्शित करता हो कि इंटरनेट शटडाउन वास्तव में बाधा डालता है, कहीं भी हिंसा या आतंकवाद को रोकना तो दूर की बात है.”
वो आगे कहते हैं, “मुझे उम्मीद है कि सुप्रीम कोर्ट उन बाबुओं के बजाय नागरिकों के अधिकारों के लिए खड़ा होगा जो बैंकिंग, क्रेडिट कार्ड लेनदेन, नामांकन, परीक्षाओं और सभी महत्वपूर्ण जानकारी हासिल करने के लिए इंटरनेट का उपयोग करने वाले नागरिकों पर अपने फैसलों के प्रभाव के प्रति पूरी तरह से उदासीन हैं. कोर्ट को अब इस भयानक प्रथा को खत्म करना चाहिए.”
क्या है मामला?
मणिपुर उच्च न्यायालय ने 7 जुलाई को राज्य में इंटरनेट पर प्रतिबंध हटाने का निर्देश दिया, जिसके खिलाफ राज्य सरकार सुप्रीम कोर्ट में चली गई. अब इस पर सुनवाई होनी है. उधर, राज्य में कुकू और मैतेई समुदायों के बीच झड़पों के कारण 3 मई से हिंसा देखी जा रही है. अब तक इस हिंसा में सैकड़ों लोगों की मौत हो गई है और कई लोग घायल हुए हैं.
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