Shashi Tharoor On Rahul Gandhi's UK remarks: लंदन में भारतीय लोकतंत्र के बारे में राहुल गांधी की टिप्पणियों पर बवाल मचा हुआ है. बीजेपी ने सड़क से संसद तक कांग्रेस के खिलाफ मोर्चा खोल रखा है और राहुल गांधी से माफी मांगने की मांग कर रही है. अब इस मामले में कांग्रेस सांसद शशि थरूर की प्रतिक्रिया सामने आई है. थरूर ने साफ कहा, "राहुल गांधी ने ऐसा कुछ नहीं कहा है, जिससे उन्हें माफी मांगनी चाहिए." थरूर ने यह बातें इंडिया टुडे कॉन्क्लेव में कहीं. 


कांग्रेस सांसद ने आगे कहा, "राजनीति में बीजेपी काफी माहिर है. वह राहुल गांधी से उस बात पर माफी मांगने को बोल रहे हैं, जो उन्होंने कहा ही नहीं." थरूर ने कहा, "राहुल ने जो काम किया ही नहीं, उसके लिए उन्हें दोषी ठहराने की कोशिश की जा रही है." कांग्रेस सांसद ने कहा, "यदि राजनीतिक बयानों को लेकर किसी को माफी मांगने के लिए कहा जा सकता है, तो पीएम मोदी को कहना चाहिए."


थरूर का पीएम मोदी पर निशाना


थरूर ने कहा, "पीएम मोदी ने ही सबसे पहले विदेशी धरती पर जाकर भारतीय नेताओं और भारतीय लोकतंत्र का मजाक उड़ाया था. उन्होंने विदेशी धरती पर भारत की पुरानी सरकारों की आलोचना की." उन्होंने कई बार विदेश में कहा कि 60 साल में देश में कुछ नहीं हुआ." थरूर ने कहा, "लोकतंत्र में हर किसी को अपनी बात रखने का अधिकार है." राहुल के बयान पर हो रहे हंगामे पर कांग्रेस सांसद ने कहा, "ये हमारी समस्या है और हम इसका समाधान करेंगे."


'इसमें कुछ भी राष्ट्र विरोधी नहीं'


यह पूछे जाने पर कि क्या इसे टाला जा सकता था? थरूर ने कहा, "ठीक है, मैं बोलने वाला नहीं हूं, लेकिन मेरी तरफ से मुझे नहीं लगता कि ऐसा कुछ भी है जिसके लिए राहुल गांधी को माफी मांगनी चाहिए. वहां ऐसा कुछ भी नहीं हुआ जो दूर-दूर तक राष्ट्र-विरोधी हो." थरूर ने बीजेपी पर निशाना साधते हुए पूछा, "क्या यह संसद के सामने सबसे महत्वपूर्ण मुद्दा है जिसके चलते संसद को बाधित किया रहा है. क्या हम इस तू-तू, मैं-मैं से आगे नहीं बढ़ सकते हैं और राष्ट्र पर ध्यान केंद्रित कर सकते हैं?"


राहुल के खिलाफ बीजेपी हमलावर


वहीं बीजेपी ने राहुल गांधी पर भारत विरोधी ताकतों की भाषा बोलने और टुकड़े-टुकड़े गैंग के साथ खड़े होने का आरोप लगाया. बीजेपी ने कहा, "विदेशी धरती से भारतीय लोकतंत्र व संसद को गाली देने के बाद स्वदेश लौटे पूर्व कांग्रेस अध्यक्ष के मुंह से अपनी टिप्पणियों के लिए खेद स्वरूप एक भी शब्द न निकलना उनके अहंकार को दर्शाता है."


संसदीय कार्य मंत्री प्रह्लाद जोशी ने कहा, "भारत की प्रतिष्ठा पर पहले कभी इस तरह से हमला नहीं हुआ है. राजनीतिक मतभेद हो सकते हैं, लेकिन विदेशी शक्तियों से हस्तक्षेप की मांग करने से बड़ा कोई अपराध नहीं हो सकता."


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