नई दिल्ली: बजट को लेकर कांग्रेस के लोकसभा सांसद शशि थरूर ने सरकार को आड़े हाथों लिया. उन्होंने कहा कि पूर्व प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्त्री ने ‘जय जवान, जय किसान’ का नारा दिया था. लेकिन पीएम मोदी ने इस बजट के माध्यम से ‘ना जवान, ना किसान’ का नारा दिया.
लोकसभा में 2021-22 के बजट पर चर्चा की शुरुआत करते हुए कांग्रेस नेता शशि थरूर ने बजट को देश के लोगों को निराश करने वाले वाला करार दिया. उन्होंने आरोप लगाया कि अर्थव्यवस्था में पहले से गिरावट थी और कोरोना संकट के बाद यह ध्वस्त हो गई. लेकिन वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण के भाषण में अर्थव्यवस्था को पटरी पर लाने को लेकर कुछ दिशा नहीं दिखी, सिर्फ बयानबाजी हुई. उन्होंने कहा कि चुनौतियों से निपटने का कोई खाका बजट में पेश नहीं किया गया. पिछले सात साल में इस सरकार ने आम आदमी को निराश किया है.
कांग्रेस सांसद के मुताबिक, कोविड टीकाकरण कार्यक्रम के लिए 35,000 करोड़ रूपये तय किये गये हैं और पेयजल का आवंटन भी स्वास्थ्य बजट में जोड़ दिया गया. उन्होंने कहा कि स्वास्थ्य बजट सिर्फ 71,000 करोड़ रुपये का है, जबकि सरकार इसे दो लाख करोड़ रुपये से अधिक का बता रही है. उन्होंने कहा कि मनरेगा के लिए आवंटन कम कर दिया गया है. एमएसएमई उपक्रमों के लिए कोई सीधी वित्तीय सहायता देने का प्रावधान नहीं किया गया. उन्होंने कहा कि भारत को आत्मनिर्भर होना चाहिए, लेकिन इससे सरकार का मतलब यह नहीं होना चाहिए कि लोग खुद पर निर्भर हों और सरकार की कोई जिम्मेदारी नहीं हो.
कांग्रेस के अलावा तृणमूल कांग्रेस और द्रमुक सहित दूसरे विपक्षी दलों ने आम बजट को निराशजनक करार दिया. विपक्षी दलों ने कहा कि बजट में सिर्फ शब्दों का हेरफेर किया गया है, लेकिन सशस्त्र बलों, मध्यम वर्ग, किसानों और छोटे और लघु कारोबारों सहित आम लोगों के लिए कुछ ठोस प्रावधान नहीं किए गए हैं.
वहीं, बीजेपी ने बजट को ‘दूरदर्शी’ बताते हुए कहा कि बजट में गांव, गरीब, वंचित वर्गो, किसानों आदि के कल्याण के साथ उन सभी लोगों को मौका दिया गया है जो भारत की स्थिति, उसकी अर्थव्यवस्था को बदलना चाहते हैं.
TMC सांसद महुआ मोइत्रा के खिलाफ विशेषाधिकार हनन का नोटिस, पूर्व CJI पर की थी टिप्पणी