Shashi Tharoor on Vladimir Putin: रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन (Vladimir Putin) ने गुरुवार (5 अक्टूबर) को प्रधानमंत्री नरेेंद्र मोदी की तारीफ की थी. पुतिन ने भारतीय नेतृत्व को स्व-निर्देशित बताया था. साथ ही इस बात जोर दिया था कि भारतीय नेतृत्व राष्ट्रीय हितों को साथ लेकर आगे बढ़ रहा है. रूसी राष्ट्रपति के बयान पर कांग्रेस के सांसद शशि थरूर ने भी प्रतिक्रिया जाहिर की है. उन्होंने रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के बयान को सही करार दिया.
कांग्रेस सांसद शशि थरूर ने कहा कि उनका कहना सही है कि भारत का नेतृत्व स्व-निर्देशित है. थरूर ने कहा, ''आजादी के बाद से ही भारत आत्म-निर्देशित हो गया और चूंकि भारत ने हमेशा इस स्वायत्तता को अहम माना है. इसलिए जवाहरलाल नेहरू कभी किसी गुट में शामिल नहीं हुए थे.''
पुतिन ने की थी तारीफ
पुतिन ने पीएम नरेंद्र मोदी की सराहना करते हुए कहा था कि भारतीय नेतृत्व स्व-निर्देशित है. इसका मतलब यह है कि भारत बिना किसी दबाव और झुकाव के काम कर रहा है. भारतीय नेतृत्व राष्ट्रीय हितों को साथ लेकर आगे बढ़ रहा है. इसलिए उनकी (पश्चिमी देश) कोशिशों का कोई मतलब नहीं बनता है.
रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने एक कार्यक्रम के दौरान भारत की तारीफ की थी. इस दौरान रूसी राष्ट्रपति पुतिन ने पश्चिमी देशों पर भी आरोप लगाया था कि पश्चिम उन सभी को दुश्मन के रूप में पेश करने की कोशिश कर रहा है, जो इन पश्चिमी अभिजात्य वर्ग का आंख बंद करके अनुसरण करने के लिए तैयार नहीं हैं.
'भारत के साथ भी की ऐसी कोशिश...'
उन्होंने कहा था, ''एक समय में उन्होंने भारत के साथ भी ऐसा ही करने की कोशिश की थी. अब वे निश्चित रूप से छेड़खानी कर रहे हैं. हम सभी इसे अच्छी तरह से समझते हैं. हम एशिया की स्थिति को देखते, महसूस करते हैं. सब कुछ साफ है. मैं यह कहना चाहता हूं कि भारतीय नेतृत्व स्व-निर्देशित है.''
रूसी राष्ट्रपति ने कहा कि भारत, ब्राजील और दक्षिण अफ्रीका जैसे देश संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में अधिक प्रतिनिधित्व के हकदार हैं. उन्होंने कहा कि संयुक्त राष्ट्र में सुधार किया जाना चाहिए,
क्या बोले शशि थरूर?
पुतिन की ओर से पीएम मोदी की तारीफ पर थरूर ने कहा, ''हम एक स्व-निर्देशित राष्ट्र हैं. आजादी के बाद से ही यह बहुत महत्वपूर्ण था कि हमें अपने फैसले लेने की स्वायत्तता होनी चाहिए. इसीलिए पंडित जवाहरलाल नेहरू ने शीत युद्ध के दौरान किसी भी गुट में शामिल होने से इनकार कर दिया था. हमारे लिए, स्वयं होना और स्वयं को निर्देशित करना ही स्वतंत्रता के मायने थे."
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