'चीन की हरकतों के बाद भारत का गुटनिरपेक्ष रहना संभव नहीं', बोले कांग्रेस नेता शशि थरूर
Non-Aligned Policy: कांग्रेस नेता शशि थरूर ने सवाल खड़ा करते हुए कहा कि चीन भारत की सीमा में बैठा है और भारत अभी भी गुटनिरपेक्ष नीति को अपनाए हुए है.
Shashi Tharoor on India Non-Aligned Policy: कांग्रेस सांसद और पूर्व राजनयिक शशि थरूर ने शनिवार (27 जनवरी) को कहा कि चीन भारत की सीमा पर बैठा है. इस तरह की स्थिति में भारत का 'वास्तव में गुटनिरपेक्ष' रहना संभव नहीं है. दुनिया के अस्त-व्यस्त होने से भारत की विदेश नीति की कई मान्यताएं भी प्रभावित हुई हैं.
न्यूज एजेंसी पीटीआई के मुताबिक, केरल के तिरुवनंतपुरम से लोकसभा सांसद थरूर ने भारत की गुट निरपेक्षता नीति को लेकर कहा कि हम अभी भी गुटनिरपेक्ष हैं और गुटनिरपेक्ष आंदोलन के सदस्य हैं लेकिन मौजूदा समय में इसके क्या खास मायने हैं, इसको लेकर ज्यादा स्पष्टता नहीं है.
उन्होंने चीन के तेजी से आगे बढ़ने की बात कहते हुए कहा कि दुनिया की अब दो महाशक्तियां अमेरिका और (तत्कालीन) सोवियत संघ नहीं रहा है. उन्होंने कहा कि अब दो महाशक्तियां, एक अमेरिका तो दूसरी तेजी से बढ़ता चीन है.
'चीन अपना रहा शत्रुतापूर्ण रवैया'
कांग्रेस नेता शशि ने शनिवार को कोलकाता अंतर्राष्ट्रीय पुस्तक मेले के एक टॉक शो में यह सब कहा. थरूर ने कहा कि ऐसे हालातों में जब शत्रुतापूर्ण रवैया अपनाने वाला चीन, भारत की सीमा पर बैठा हो तो उसके साथ वास्तव में गुटनिरपेक्ष नहीं रहा जा सकता.
उन्होंने इस बात पर भी जोर दिया कि अगर चीन और ज्यादा आक्रामक रूख अपनाता है तो इसकी पूरी संभावना है कि भारत को भी ठोस विकल्प चुनने होंगे. पूर्व राजनयिक थरूर ने कहा कि भारत नाटो जैसी संधि में नहीं है, लेकिन उसने क्वाड में अमेरिका, ऑस्ट्रेलिया और जापान के साथ साझेदारी की है.
'भारत पहले की तुलना में इजरायल के काफी करीब'
केरल सांसद ने कहा कि भारत एक नए ग्रुप I2U2 का भी सदस्य है जिसमें भारत, इजरायल, अमेरिका और संयुक्त अरब अमीरात शामिल हैं. उन्होंने यह भी कहा कि मुझे मालूम नहीं है कि गाजा संघर्ष के बाद I2U2 का भविष्य क्या है. जहां तक भारत के इजरायल के साथ संबंधों की बात है तो भारत पहले की तुलना में इजराइल के काफी करीब आया है. दोनों देशों के बीच द्विपक्षीय संबंध मजबूत हैं. पीएम नरेंद्र मोदी इजरायल की यात्रा करने वाले पहले भारतीय प्रधानमंत्री हैं. वहीं, इजरायली प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू भी दो बार यहां आए हैं.
'ग्लोबल साउथ' की आवाज बनाने का प्रयास कर रहे पीएम मोदी
उन्होंने कहा कि पीएम मोदी भारत को 'ग्लोबल साउथ' की आवाज के रूप में स्थापित करने का पूरा प्रयास कर रहे हैं. इसको उन्होंने गुटनिरपेक्ष आंदोलन का अपडेटेड वर्जन बताया. उन्होंने इस बात को भी कहा कि भारत भी अंतरराष्ट्रीय विकास के मद्देनजर उतार-चढ़ाव की स्थिति से गुजर रहा है. कांग्रेस नेता ने कहा कि स्वतंत्रता के बाद से भारत की हर सरकार रणनीतिक स्वायत्तता के विचार से जुड़ी रही है.
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