Lok Sabha Election 2024: कब तक तैयार हो जाएगा कांग्रेस का घोषणापत्र? सांसद शशि थरूर ने बताया
Shashi Tharoor Remarks: कांग्रेस नेता शशि थरूर ने कहा है कि लोकसभा चुनाव 2024 की तारीखों की घोषणा से पहले उनकी पार्टी का घोषणापत्र घोषित कर दिया जाएगा.
Shashi Tharoor On Congress Manifesto: कांग्रेस सांसद शशि थरूर ने शनिवार (27 जनवरी) को कहा कि आगामी लोकसभा चुनाव के लिए पार्टी के घोषणापत्र का पहला मसौदा 15 फरवरी तक जारी किया जाएगा और अंतिम मसौदा चुनाव की तारीखों की घोषणा से पहले सामने आएगा. शशि थरूर ने यह भी उम्मीद जताई कि विपक्षी गठबंधन ‘इंडिया’ अपने घटक दलों के घोषणापत्रों में से मुख्य तत्वों का चयन करके प्रमुख मुद्दों की एक सूची ला सकता है.
उन्होंने कहा, ‘‘हमारी अपनी आंतरिक प्रक्रियाएं हैं. पहला मसौदा 15 फरवरी तक तैयार हो जाना चाहिए, लेकिन उसके बाद इस पर सहमति बनानी होगी और हमारी कार्य समिति की ओर से इसे अपनाया जाएगा, लेकिन निश्चित रूप से जब तक निर्वाचन आयोग चुनावों की घोषणा करेगा, हमारा घोषणापत्र तैयार हो जाएगा और घोषित कर दिया जाएगा.’’
घटक दलों के घोषणापत्रों से समान तत्वों को चुनेगा गठबंधन- शशि थरूर
शशि थरूर ने पार्टी के घोषणापत्र को तैयार करने के लिए नागरिक संस्थाओं के विभिन्न वर्गों से रचनात्मक ‘इनपुट’ के लिए पश्चिम बंगाल प्रदेश कांग्रेस कमेटी और ऑल इंडिया प्रोफेशनल्स कांग्रेस की ओर से संयुक्त रूप से आयोजित एक कार्यक्रम 'शेप द फ्यूचर' में भाग लिया. तिरुवनंतपुरम के सांसद थरूर पार्टी का घोषणापत्र तैयार करने वाली समिति के सदस्य भी हैं.
उन्होंने कहा, ‘‘मुझे लगता है कि प्रत्येक पार्टी अपने स्वयं के घोषणापत्र पर काम करने जा रही है... यह पूरी तरह से संभव है कि ‘इंडिया’ गठबंधन सभी घोषणापत्रों में से समान तत्वों को चुनेगा और प्रमुख मुद्दों की एक मुख्य सूची लेकर आएगा.”
क्या होगा घोषणापत्र में?
शशि थरूर ने कहा कि घोषणापत्र में बेरोजगारी, महंगाई, गरीबों के लिए आय समर्थन की आवश्यकता, महिलाओं के अधिकार, युवाओं और किसानों के मुद्दों पर ध्यान केंद्रित किया जाएगा.
कांग्रेस के एक नेता ने कहा कि शनिवार के संवाद सत्र का उद्देश्य उन मुद्दों पर समाज के विभिन्न वर्गों से निष्पक्ष, सहज और बहुमूल्य विचार एकत्र करना था, जिन्हें वे एक केंद्र सरकार की ओर से हल करवाना चाहते थे. शशि थरूर ने उद्योग, अर्थव्यवस्था, स्वास्थ्य सेवा, बैंकिंग, शिक्षा, सूचना प्रौद्योगिकी, मानव संसाधन, साहित्य, सांस्कृतिक, कानूनी और विविध क्षेत्रों के हितधारकों के विचार जाने.