नई दिल्ली: नागरिकता कानून और NRC पर दिल्ली के जामिया, शाहीन बाग और JNU में छात्रों का प्रदर्शन जारी है. इस प्रदर्शन में रविवार को कांग्रेस के वरिष्ठ नेता शशि थरूर भी पहुंचे. थरूर पहले जामिया गए और उसके बाद जेएनयू भी पहुंचे. जामिया में जहां छात्रों का एक धड़ा थरुर का समर्थन कर रहा था तो वहीं कुछ छात्र विरोध भी कर रहे थे.


थरुर का ये विरोध उनके उस ट्वीट की वजह से हुआ जिसमें उन्होंने वीडियो शेयर करते हुए लिखा था कि हिंदू चरमपंथ के खिलाफ हमारी लड़ाई से इस्लामिस्ट चरमपंथियों को बढ़ावा नहीं मिलना चाहिए.


कांग्रेस के वरिष्ठ नेता सुभाष चोपड़ा के साथ थरूर मंच से वहां मौजूद छात्रों को संबोधित कर रहे थे इस दौरान थरुर ने इक़बाल का शेर पढ़ा. शशि थरुर ने नागरिकता कानून और NRC को देश को बांटने वाला बताया और फिर एक कविता पढ़ी.


जामिया के बाद थरूर शाहीन बाग पहुंचे और यहां बीजेपी सरकार पर NRC और नागरिकता कानून को लेकर ताबड़तोड़ हमले किए. वहीं JNU में भी थरूर ने नागरिकता कानून और NRC को लेकर केंद्र सरकार को खूब खरी खोटी सुनाई.


उन्होंने लोगों से कहा, ‘‘15 दिसंबर को जो कुछ हुआ वह राष्ट्र पर एक धब्बा है. बगैर किसी उकसावे के, कुलपति को सूचित किए बगैर वे (पुलिस) छात्रावासों में घुसे और छात्राओं पर हमला किया. पुस्तकालय में पढ़ रहे छात्रों पर हमला किया गया, जो कि शर्मनाक है और कहीं से भी स्वीकार्य नहीं है.’’


सीएए को आड़े हाथ लेते हुए तिरूवनंतपुरम से सांसद ने कहा कि केंद्र का कदम भेदभावपूर्ण है और एक समुदाय को हाशिये पर धकेलने की कोशिश है. उन्होंने कहा, ‘‘यही कारण है कि हमने संसद में इस विधेयक को पेश किए जाने का विरोध किया क्योंकि इसने नागरिकता कानून में पहली बार धर्म को शामिल किया है.’’


थरूर ने कहा, ‘‘भाजपा नीत सरकार द्वारा सीएए में धर्म को शामिल किए जाने तक इसका (धर्म का) नागरिकता कानून में कहीं कोई जिक्र नहीं था. यह कुछ ऐसी चीज है जिसे हम स्वीकार नहीं कर सकते.’’


उन्होंने कहा, ‘‘सीएए महात्मा गांधी के आदर्शों से विश्वासघात है, जिन्होंने राष्ट्र की एकता के लिए, हिंदू-मुस्लिम एकता के लिए अपना जीवन बलिदान कर दिया. भारत, जिसे महात्मा गांधी देखना चाहते थे, सीएए में धर्म को शामिल किए जाने पर वह भारत नहीं होगा.’’ नागरिकता कानून और NRC के खिलाफ काफी समय से चल रहे प्रदर्शन के बीच ये पहला मौका है जब कांग्रेस नेता शशि थरूर इस मुद्दे पर खुलकर सामने आए.