नई दिल्लीः दिल्ली की एक अदालत ने सुनंदा पुष्कर की मौत मामले में कांग्रेस नेता शशि थरूर की अग्रिम जमानत याचिका पर आदेश कल तक के लिये सुरक्षित रख लिया. तिरूवनंतपुरम से सांसद को इस मामले में पहले ही बतौर आरोपी तलब किया जा चुका है.


दिल्ली पुलिस ने कांग्रेस नेता के विदेश भाग जाने का संदेह जताया था जिसके चलते थरूर की अग्रिम जमानत याचिका का विरोध किया था जिसके बाद विशेष न्यायाधीश अरविंद कुमार ने आदेश पर फैसला सुरक्षित रख लिया.


विशेष लोक अभियोजक अतुल श्रीवास्तव ने दिल्ली पुलिस की ओर से पेश होते हुए कहा कि चूंकि थरूर एक प्रभावशाली व्यक्ति हैं और उन्हें अब एक आरोपी के रूप में तलब किया गया है, वह जांच को नुकसान पहुंचा सकते हैं. उन्होंने कहा, ‘‘वह अक्सर विदेश जाते रहते हैं और वह बाहर ही बस सकते हैं. नारायण सिंह एवं बजरंगी सहित कुछ प्रमुख गवाह अभी तक थरूर के साथ काम कर रहे हैं और वह उन्हें प्रभावित कर सकते हैं.’’


थरूर की ओर से पेश हुए वरिष्ठ वकील कपिल सिब्बल और अभिषेक मनु सिंघवी ने अदालत से कहा कि पुलिस ने पहले जो कहा था, अब वह उससे ठीक विपरीत बात कर रही है. उन्होंने कहा, ‘चार्जशीट में उन्होंने कहा कि थरूर जांच में सहयोग कर रहे थे लिहाजा उन्हें गिरफ्तार नहीं किया गया. पुलिस अब जो कह रही वह उसकी पूर्व की बात के ठीक विपरीत है.’ उन्होंने कहा कि चूंकि चार्जशीट पेश होने से पहले थरूर को गिरफ्तार नहीं किया गया, उन्हें गिरफ्तारी से राहत दी जानी चाहिए.


शशि थरूर अग्रिम जमानत के लिए कल अदालत गये थे. अपनी याचिका में थरूर ने कहा था कि मामले में चार्जशीट दाखिल कर दी गई है और एसआईटी ने साफ रूप से कहा है कि जांच पूरी हो गयी है और हिरासत में लेकर उनसे पूछताछ की जरूरत नहीं है. अदालत ने पांच जून को थरूर को समन जारी कर उन्हें सात जुलाई को पेश होने को कहा था और माना था कि उनके खिलाफ कार्रवाई शुरू करने का पर्याप्त आधार है.


सुनंदा पुष्कर की मौत
गौरतलब है कि सुनंदा 17 जुलाई 2014 को दिल्ली के एक आलीशान होटल के कमरे में मृत पाई गई थीं. थरूर पर भारतीय दंड संहिता की धारा 498ए (पति या रिश्तेदार के हाथों महिला की प्रताड़ना) और 306 (आत्महत्या के लिए उकसाना) के तहत आरोप लगाये गये हैं. हालांकि थरूर की इस मामले में गिरफ्तारी नहीं हुई है.


दिल्ली पुलिस ने 14 मई को दायर अपने आरोप पत्र में थरूर पर सुंनदा को खुदकुशी के लिए उकसाने का आरोप लगाया है और कहा है कि अदालत को मामले में उन्हें एक आरोपी के रूप में तलब किया जाना चाहिए. पुलिस ने उनके खिलाफ पर्याप्त सबूत होने का दावा किया. करीब 3000 पन्नों के चार्जशीट में पुलिस ने थरूर को एकमात्र आरोपी बताया और कहा कि वह अपनी पत्नी को प्रताड़ित करते थे.