नई दिल्ली: इस साल का सबसे बड़ा वीरता पुरस्कार अशोक चक्र जम्मू कश्मीर पुलिस के एएसआई बाबू राम को मरणोपरांत दिया गया है. शांति-काल में वीरता का दूसरा सबसे बड़ा बहादुरी मेडल, क्रीति चक्र भी जम्मू कश्मीर पुलिस के कांस्टेबल, अल्ताफ हसन भट्ट को मरणोपरांत दिया गया है. दोनों पुलिसकर्मियों को आतंकियों के खिलाफ लड़ते हुए सर्वोच्च बलिदान देने के लिए ये वीरता मेडल दिए गए हैं.
रक्षा मंत्रालय के मुताबिक, राष्ट्रपति ने अशोक चक्र और कीर्ति चक्र के अलावा 15 शौर्य चक्र की भी घोषणा की है. थलसेना के छह सैनिकों को बहादुरी का तीसरा सबसे बड़े पुरस्कार देने की घोषणा की गई है. दो एयरफोर्स के पायलट्स को दिए गए हैं और एक नौसेना के कैप्टन को दिया गया है. सीआरपीएफ के तीन कर्मियों को भी शौर्य चक्र से नवाजा गया है. ओडिसा पुलिस के दो कर्मियों को मरणोपरांत शौर्य चक्र से सम्मानित करने की घोषणा की गई है. इसके अलावा जम्मू कश्मीर पुलिस के एक एसपीओ को भी मरणोपरांत शौर्य चक्र से नवाजा गया है.
वायुसेना को जो दो शौर्य चक्र दिए गए हैं उनमें से एक पायलट, विंग कमांडर वरुण सिंह को पिछले साल यानि अक्टूबर 2020 में एलसीए तेजस को क्रैश करने से बचाने के लिए दिया गया है. वहीं दूसरे पायलट, ग्रुप कैप्टन परमिंद्र एंटिल को सुखोई फाइटर जेट को क्रैश होने से बचाने और रिहायशी इलाके पर गिराने से बचाने के लिए दिया गया है. दोनों के ही लड़ाकू विमान में तकनीकी खराबी आ गई थी.
नौसेना के आईएनएस कोच्चि के कमांडिंग ऑफिसर, कैप्टन सचिन रूबेन सेकयोरा को इसी साल ताउते चक्रवात के दौरान मुंबई के करीब अरब सागर में एक बार्ज पर फंसे 105 लोगों को सुरक्षित बचाने के लिए शौर्य चक्र से सम्मानित किया गया है.
वहीं आईटीबीपी के उन 20 जवानों को वीरता के पुलिस मेडल से नवाजा गया है, जिन्होनें पिछले साल पूर्वी लद्दाख में एलएसी पर हुए तनाव के दौरान चीनी सेना के खिलाफ असाधारण बहादुरी का परिचय दिया था. इसके अलावा सरकार ने भारतीय सेना के छह सैनिकों को कश्मीर में एंटी-टेरेरिस्ट ऑपरेशन्स के लिए शौर्य चक्र से नवाजा है.
आईटीबीपी के मुताबिक, जिन 20 जवानों को वीरता के लिए पुलिस मेडल फॉर गैलेंट्री (पीएमजी) से नवाजा गया है, उनमें से 08 को पिछले साल यानि 15 जून 2020 को गलवान घाटी में चीनी सेना के खिलाफ वीरता, उच्च कोटि की रणनीति, सामरिक अंतर्दृष्टि और मातृभूमि की रक्षा के लिए सम्मानित किया गया है.