Shehla Rashid: 'पीएम मोदी को थैंक्यू...वो निस्वार्थी शख्स', शेहला रशिद ने की प्रधानमंत्री की तारीफ, जानें और क्या कहा
Shehla Rashid Praises PM Modi: JNU स्टूडेंट यूनियन की नेता शेहला रशीद ने कहा है कि जम्मू कश्मीर में हालात सुधरे हैं और इसके लिए पीएम नरेंद्र मोदी और गृहमंत्री अमित शाह को क्रेडिट दिया जाना चाहिए.
Shehla Rashid on PM Modi: जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (JNU) स्टूडेंट यूनियन की पूर्व वाइस प्रेसिडेंट शेहला रशीद ने एक बार फिर पीएम नरेंद्र मोदी और गृहमंत्री अमित शाह की तारीफों के पुल बांधे हैं. जम्मू-कश्मीर को लेकर एक बड़ी टिप्पणी करते हुए कहा है कि वहां हालात तेजी से सुधरे हैं. शेहला रशीद ने कहा है शुक्र है कश्मीर गाजा नहीं है. वहां हालात तेजी से सुधरे हैं. इसका क्रेडिट पीएम नरेंद्र मोदी और गृहमंत्री अमित शाह को जाता है.
उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी निस्वार्थी व्यक्ति हैं. वह बेहतरी के लिए कड़े फैसले लेने से भी पीछे नहीं हटत, भले ही इससे उनकी पॉपुलैरिटी को भी खतरा हो.
शेहला ने कहा- कश्मीर में बदलाव पीएम मोदी की सोच का परिणाम
एक दिन पहले बुधवार (15 नवंबर) को शेहला ने कहा, "कश्मीर में बदलाव के लिए मैं इसका क्रेडिट पीएम मोदी को देना चाहूंगी, जिन्होंने ऐसी राजनीतिक दिशा तय की, जो रक्तहीन थी."
एक जमाने में जम्मू कश्मीर में पत्थरबाजों का समर्थन करने वाली राशिद से पूछा गया कि आपने तो हमेशा से जम्मू कश्मीर में पत्थरबाजी का समर्थन किया है. इसके जवाब में उन्होंने कहा, "हां ऐसा 2010 में था, लेकिन आज जब मैं बदली हुई हालात को देखती हूं तो मैं इसके लिए बहुत अधिक आभारी हूं."
गृह मंत्री अमित शाह की भी सराहना की
जम्मू कश्मीर में हालात सुधारने और बेहतर होने को लेकर उन्होंने गाजा पट्टी में इजरायल हमास जंग का जिक्र किया और कहा, "कश्मीर गाजा नहीं है, यह बात बिल्कुल साफ हो गई है. क्योंकि कश्मीर सिर्फ विरोध-प्रदर्शनों में शामिल था. घुसपैठ और उग्रवाद की छोटी-मोटी घटनाएं हुईं. आज हालात बदले हुए हैं. इसके लिए मैं मौजूदा सरकार, खासकर पीएम (मोदी) को श्रेय देना चाहूंगीं. इसके साथ ही गृहमंत्री अमित शाह को भी मैं क्रेडिट दूंगी, जिनकी जोड़ी ने एक ऐसी राजनीतिक दिशा सुनिश्चित की है, जिसे रक्तहीन कहना चाहिए."
पीएम मोदी की धूर विरोधी रही हैं शेहला
शेहला रशीद पहली बार 2016 में उस समय खबरों में आई थीं, जब कन्हैया कुमार और उमर खालिद के साथ-साथ उन पर भी जेएनयू में देश विरोधी नारे लगाने के मामले में उनकी नाम आया था. इसके बाद 2019 में भारतीय सेना के खिलाफ टिप्पणी के लिए उन पर केस दर्ज किया गया था.
धारा 370 के खिलाफ याचिकाकर्ताओं की सूची से वापस लिया था नाम
इस साल अगस्त में शेहला रशीद ने अनुच्छेद 370 को खत्म करने के खिलाफ याचिकाकर्ताओं की सूची से अपना नाम वापस ले लेते हुए कहा था कि यह स्वीकार करना कितना भी असुविधाजनक हो, लेकिन नरेंद्र मोदी सरकार और जम्मू कश्मीर प्रशासन के तहत कश्मीर में मानवाधिकार के मामलों में सुधार हुआ है.
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