नई दिल्ली: प्रधानमंत्री कार्यालय के निर्देश पर शैल कंपनियो के खात्मे का ब्लू प्रिट तैयार किया जा रहा है इसके तहत जहा शैल कंपनियो का डाटाबेस बनाया जा रहा है वही शैल कंपनियों की पहचान के लिए एक दायरा बनाया गया है जिसके अंदर आने वाले कंपनियां शैल कंपनी के संदेह के दायरे में आय़ेगी. साथ ही अब किसी भी कंपनी में बनने वाले डायरेक्टर को अपना आधार कार्ड देना होगा बिना आधार कार्ड के किसी कंपनी में डायरेक्टर नही बन पायेगा.
शैल कंपनियों पर प्रधानमंत्री कार्यालय में बनी विशेष टास्क फोर्स ने अपनी कमर कस ली है इस ब्लू प्रिंट के तहत तमाम जांच एजेंसियो औऱ अन्य सरकारी एजेंसियो को उनके काम की जिम्मेदारी सौंपी जा रही है.
प्रधानमंत्री कार्यालय चाहता है कि काले से सफेद करने वाले इस सिस्टम पर एक साथ इतना जोरदार प्रहार किया जाए कि शैल कंपनियो का पूरा ढांचा ही ध्वस्त हो जाए. इसके लिए बाकायदा शैल कंपनियो की पहचान के लिए जहां एक दायरा बनाया गया है वही इसके डाटा सेल की जिम्मेदारी सीरियस फ्राड इन्वेस्टीगेशन आफिस को सौंप दी गई है.
सूत्रों के मुताबिक इस दायरे में तीन तरह की लिस्ट बनाई जायेगी इनमें शैल कंपनी की कन्फर्म लिस्ट संदेहास्पद लिस्ट और कई कंपनियो में एक ही शख्स के डायरेक्टर होने की लिस्ट शामिल है. इसके अलावा दस से ज्यादा बिंदु ऐसे बनाए गए है जो शैल कंपनी की पहचान करने में सहायक होगे.
कैसे पहचानी जाएंगी फर्जी कंपनियां?
- ऐसी कंपनी जिसका टर्न ओवर है ही नही या दो लाख से कम है
- ऐसी कंपनी जिसकी इंकम है ही नही या दो लाख से कम है
- लेनदारी है ही नही या केवल पचास हजार तक है
- देनदारी है ही नही या केवल पचास हजार तक है
- एक ही एड्रेस पर कई सारी कंपनियां
सूत्रों ने बताया कि इसी नियम के तहत मोदी सरकार के सत्ता में आने के बाद से कंपनियो द्वारा भरी गई आयकर रिटर्न की जांच की जा रही है और जो कंपनियां बनाए गए दस बिंदुओं के दायरे में आय़ेगी उसे शैल कंपनी के तौर पर चिन्हित कर कार्रवाई की जायेगी.
सूत्रो ने बताया कि इन्ही बिदुंओं के तहत अब पूर्व चेतावनी सिस्टम भी बनाया जा रहा है जिससे सरकारी एजेंसिया इन कंपनियो पर कडी निगाह रख सके साथ ही ऐसी कंपनियां जो अब समय पर अपना रिटर्न फाइल नही करेगी जांच के बाद उनका रजिस्ट्रेशन भी कैंसिल किया जायेगा इसके अलावा अब किसी भी कंपनी में डायरेक्टर बनने वाले शख्स को अपना आधार कार्ड देना होगा.
प्रधानमंत्री ने कहा था- एक कलम चलाकर एक लाख कंपनियों पर लगाया ताला
आपको याद दिला दें कि हाल ही में CAs के एक कार्यक्रम में प्रधानमंत्री मोदी ने कहा था कि जीएसटी लागू होने से पहले एक लाख फर्जी कंपनियों को एक झटके में ताला लगा दिया गया. प्रधानमंत्री ने कहा, "एक तरफ पूरी सरकार, मीडिया और व्यापारी जगत का ध्यान 30 तारीख को रात 12 बजे पर था, लेकिन, इससे 48 घंटे पहले ही Sk लाख फर्जी कंपनियों पर ताला लगा दिया गया. सिर्फ एक कलम चलाकर एकझटके में यह बड़ा काम कर दिया गया.'
क्या होती है शेल कंपनी?
दरअसल शेल कंपनी काले धन को सफेद करने के कॉरपोरेट तरीके को कहते हैं. ऐसी कंपनी जो सामान्य कंपनी की तरह मिनिस्ट्री ऑफ कॉरपोरेट अफेयर्स में रजिस्टर्ड होती है. कंपनी में निदेशक होते हैं, लेकिन ज्यादातर का कोई दफ्तर नहीं होता, कोई कारोबार नहीं होता. कोई कर्मचारी नहीं होता. लेकिन कागज पर कंपनी लाखों-करोड़ों का कारोबार करने वाली दिखती है. कंपनी के शेयर ट्रांसफर के जरिए सारा गोलमाल होता है. शेल कंपनी के शेयर आम तौर पर ऊंचे भाव में बेचे या खरीदे जाते हैं, लेकिन कंपनी शेयर बाजार में कारोबार नहीं करती है.