अमृतसर: सिखों की सबसे बड़ी धार्मिक संस्था श्री अकाल तख़्त साहिब के एक फैसले पर विवाद हो गया है. श्री अकाल तख़्त साहिब ने पााकिस्तान में रह रहे भारत के मोस्टवांटेड हाईजैकर गजेंद्र सिंह को पंथ सेवक अवॉर्ड से नवाजने का एलान किया है.


ख़ालिसतानी गजेंद्र सिंह दल खालसा का प्रमुख था पंजाब में ख़ालिस्तान मुहिम के संचालक जरनैल सिंह भिंडरांवाले की गिरफ़्तारी के बाद 1982 में गजेंद्र सिंह ने चार साथियों संग श्रीनगर जा रही इंडियन एयर लाइंजस की फ़्लाइट को हाईजैक किया और लाहौर ले गए थे.


भिंडरणवारांवाले की रिहाई के लिए फ़्लाइट हाईजैक करने वाले सभी हाईजैकरों पर पाकिस्तान में केस चला. इन्होंने 1994 तक लाहौर की जेल में रहकर सजा काटी. दो हाईजैकर 1998 में पाकिस्तान से भारत लौट आए थे जबकि चंडीगढ़ का मूल निवासी गजेंद्र सिंह पाकिस्तान में ही बस गया. बीच में एक बार गजेंद्र ने जर्मनी जाकर बसने का प्रयास किया लेकिन भारत सरकार के दबाव में जर्मनी की सरकार ने गजेंद्र सिंह को पाकिस्तान डिपोर्ट कर दिया.


भारत सरकार गजेंद्र सिंह के प्रत्यापण की कोशिश कर चुकी है. श्री अकाल तख़्त साहिब ने 11 लोगों को सम्मानित करने का फ़ैसला लिया गया है इसमें एक नाम गजेंद्र सिंह का भी है.


साल 2002 में अटल बिहारी बाजपेई की सरकार में पाकिस्तान को 20 मोस्टवांटेड आतंकियों की लिस्ट सौंपी थी इनमें गजेंद्र सिंह का नाम भी शामिल है. गजेंद्र को पाकिस्तान में रहते 35 साल से ज़्यादा अरसा हो गया. गजेंद्र के अलावा खालिस्तानी वधाबा सिंह बब्बर, महल सिंह बब्बर, रणजीत सिंह नीटा और परमजीत सिंह पंजवड़ भी पाकिस्तान में ही शरण लिए हुए हैं. इन सबके नाम भारत की मोस्ट वांटेड लिस्ट में शुमार हैं.


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