ABP शिखर सम्मेलन 2020: यूनिफॉर्म सिविल कोड को चुपचाप नहीं लाएंगे-गृहमंत्री अमित शाह

केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह एबीपी न्यूज़ के शिखर सम्मेलन में आ चुके हैं और उन्होंने कहा कि साल 2019 देश के लिए और बीजेपी के लिए अच्छा साबित हुआ है. महाराष्ट्र में नतीजे भाजपा के पक्ष में आए थे हालांकि झारखंड के नतीजे हमारे लिए आत्मचिंतन का विषय हैं.

ABP News Bureau Last Updated: 02 Jan 2020 11:03 PM
जनसंख्या नियंत्रण के लिए पीएम मोदी ने जनता से अपील की है और इसके लिए आशा है कि जनता के सहयोग से इस दिशा में कुछ महत्वपूर्ण कदम उठ पाएंगे. हालांकि ये साफ है कि यूनिफॉर्म सिविल कोड चुपचाप नहीं लाया जाएगा.
राम मंदिर पर अमित शाह ने कहा कि 9 फरवरी तक राम मंदिर के लिए ट्रस्ट का एलान हो जाएगा और ट्रस्ट तय करेगा कि राम मंदिर का स्वरूप क्या होगा. सरकार राम मंदिर बनाने के लिए प्रतिबद्ध थी और सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद इसका रास्ता साफ हो गया है. अयोध्या में भव्य राम मंदिर बनेगा और ये हमारे चुनावी घोषणापत्र का हिस्सा था. हमें खुशी है कि संविधान के दायरे में रहकर मंदिर निर्माण का कार्य पूरा होने जा रहा है.
शिखर सम्मेलन में अमित शाह ने कहा कि संसद में प्रधानमंत्री की गैरमौजूदगी कोई विषय नहीं है. इसके अलावा कश्मीर में एक इंच ज़मीन पर भी कर्फ़्यू नहीं है. कश्मीर के हालात सामान्य हो रहे हैं और वहां के लोगों को अब सब तरह की सुविधाएं मिल रही हैं.
देश की अर्थव्यवस्था की गिरती हालत के सवाल पर अमित शाह ने कहा कि इस समय विश्व में आर्थिक मंदी है और भारत का बाजार सिकुड़ रहा है इसलिए इस पर भी वैश्विक बाजार का असर आ रहा है. आर्थिक मंदी सिर्फ देश में नहीं बल्कि पूरे विश्व में है. हमें पूरा भरोसा है कि 4 साल में देश 10 फीसदी की आर्थिक विकास दर को हासिल कर लेगा. हम अर्थव्यवस्था को लगातार सुधारने के लिए काम कर रहे हैं.
अमित शाह ने कहा कि जहां तक कश्मीर में तीनों नेताओं को छोड़ने की बात है वो ये वहां के प्रशासन पर निर्भर करता है. जब वहां का प्रशासन मंजूरी देगा तो उन्हें छोड़ दिया जाएगा. कुछ समय के लिए इन नेताओं को हिरासत में रखने का फैसला हुआ है और इसके पीछे उनके कुछ ऐसे बयान हैं जो कि काफी खतरनाक हैं. 'अगर 370 हटा तो कश्मीर में आग लग जाएगी. पाकिस्तान को मौका मिल जाएगा' इस तरह के बयान उन लोगों ने दिए हैं और इस तरह के बयानों के चलते ही उनके खिलाफ ये कार्रवाई हुई है.
अमित शाह ने कश्मीर के सवाल पर कहा कि स्थिति पूरी तरह नियंत्रण में हैं और जो रूटीन में चलता है वहां सब कुछ चल रहा है. दुकानें, घर, संस्थान सभी अच्छे से चल रहे हैं. किश्तवाड़ में कर्फ्यू है लेकिन उसका 370 से लेना-देना नहीं है और वहां की स्थिति कुछ अलग है.

शिखर सम्मेलन' में गृहमंत्री अमित शाह ने कहा कि पुलिस को अपनी भी जान बचाती होती है और लोगों को भी बचाना होता है. कोई ये पूछ रहा है कि बस क्यों जली? बस ना जलती तो डंडा ना चलता. अमित शाह ने कहा- जो प्रोटेस्ट कर रहे हैं वो गुमराह हैं. ये राजनीतिक प्रोटेस्ट ज्यादा है.
अमित शाह ने साफ किया कि एनआरसी किसी को टारगेट करने के लिए नहीं है. जहां तक एनपीआर की बात है तो इससे सरकार को नीति बनाने में मदद मिलती है. विपक्ष ने ठीक से सीएए को पढ़ा ही नहीं है और अपनी अधूरी जानकारी के बाद भी वो जनता को गुमराह कर रहे हैं. देश में जनगणना को लेकर बेवजह सवाल खड़े किए जा रहे हैं और क्या देश में हर 10 साल में जनगणना नहीं होती है. क्या इससे पहले कभी सेंसस की प्रक्रिया नहीं हुई है. एनपीआर में बहुत ही बेसिक सवाल पूछे जाएंगे और जनता को इससे परेशान होने की बिलकुल भी जरूरत नहीं है. जनता जान रही है कि हिंसा कौन फैला रहा है और किसका हाथ इसमें है.
अमित शाह ने साफ किया कि जो भी लोग बिल का विरोध कर रहे हैं उनसे मैं पूछना चाहता हूं कि एनआरसी अभी नहीं आ रहा है तो वो आंदोलन को हवा क्यों दे रहे हैं. विपक्षी पूरे कानून को पढ़े बिना अफवाह फैला रहे हैं. CAA पर लोगों को गुमराह किया जा रहा है. CAA नागरिकता लेने का नहीं बल्कि देने का क़ानून है. राहुल गांधी, प्रियंका गांधी सभी सीएए पर झूठ फैला रहे हैं. इस कानून को लाने की आवश्यकता इसीलिए पड़ी है क्योंकि धर्म के आधार पर इस देश को दो भागों में बांटा गया है. जो भी शरणार्थी 2014 से पहले आए हैं वो हमारे ही भाई हैं और हमारे ही लोग हैं.
अमित शाह ने साफ किया कि जो भी लोग बिल का विरोध कर रहे हैं उनसे मैं पूछना चाहता हूं कि एनआरसी अभी नहीं आ रहा है तो वो आंदोलन को हवा क्यों दे रहे हैं. विपक्षी पूरे कानून को पढ़े बिना अफवाह फैला रहे हैं. CAA पर लोगों को गुमराह किया जा रहा है. CAA नागरिकता लेने का नहीं बल्कि देने का क़ानून है. राहुल गांधी, प्रियंका गांधी सभी सीएए पर झूठ फैला रहे हैं. इस कानून को लाने की आवश्यकता इसीलिए पड़ी है क्योंकि धर्म के आधार पर इस देश को दो भागों में बांटा गया है. जो भी शरणार्थी 2014 से पहले आए हैं वो हमारे ही भाई हैं और हमारे ही लोग हैं.
अमित शाह ने साफ किया कि CAA में NRC का कोई प्रावधान नहीं है और किसी की नागरिकता सीएए से जाने वाली नहीं है.
दिल्ली और बिहार में होने वाले चुनाव में पार्टी के चेहरे पर अमित शाह ने कहा कि इस पर पार्टी निर्णय करेगी. ये फैसले पार्टी का पार्लियामेंट्री बोर्ड करता है. दिल्ली में हालात देखकर चेहरा दिया जाएगा. बिहार में नीतीश कुमार के नेतृत्व में चुनाव लड़ेंगे. हमारे मुख्यमंत्री का चेहरा नीतीश कुमार होंगे. क्या बिहार में बराबर-बराबर सीटों पर लड़ेंगे इसपर उन्होंने कहा कि जब तय हो जाएगा तब ये मीडिया को बता दिया जाएगा.
साल 2019 बहुत अच्छा रहा. देश की जनता ने 303 सीटें देकर एक बार फिर केंद्र में नरेंद्र मोदी की सरकार बनाई. महाराष्ट्र चुनाव नतीजों पर उन्होंने कहा कि नतीजे हमारे खिलाफ नहीं आए. नतीजे हमारे पक्ष में आए. वहीं झारखंड चुनाव नतीजों पर उन्होंने कहा कि वहां हम जरूर हार गए. ये आत्मचिंतन का विषय है. सरयू राय से जुड़े सवाल पर उन्होंने कहा कि किसी एक फैसले से पार्टी को चिन्हित नहीं कर सकते.
साल 2019 बहुत अच्छा रहा. देश की जनता ने 303 सीटें देकर एक बार फिर केंद्र में नरेंद्र मोदी की सरकार बनाई. महाराष्ट्र चुनाव नतीजों पर उन्होंने कहा कि नतीजे हमारे खिलाफ नहीं आए. नतीजे हमारे पक्ष में आए. वहीं झारखंड चुनाव नतीजों पर उन्होंने कहा कि वहां हम जरूर हार गए. ये आत्मचिंतन का विषय है. सरयू राय से जुड़े सवाल पर उन्होंने कहा कि किसी एक फैसले से पार्टी को चिन्हित नहीं कर सकते.

गृहमंत्री अमित शाह ने कहा कि देश के लिए साल 2019 बहुत अच्छा रहा है. बीजेपी के लिए भी ये साल अच्छा साबित हुआ क्योंकि हमारे 5 साल के काम को जनता का आशीर्वाद मिला और 2019 लोकसभा चुनावों में देश की जनता ने बीजेपी और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को फिर से देश का नेतृत्व करने के लिए चुना.
केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह इस समय एबीपी न्यूज़ के शिखर सम्मेलन के मंच पर आ चुके हैं.
रविशंकर प्रसाद ने कहा कि जिन्हें इस बात पर शक है कि सीएए के जरिए मोदी सरकार किसी को देश से बाहर निकाल देगी उन्हें हम समझाएंगे. जहां तक एनआरसी की बात है तो अभी इस पर चर्चा नहीं की गई है. सीएए पर पूर्वाग्रह के आधार पर साजिश रची गई है और लोगों को विरोध का पूरा अधिकार है लेकिन आजादी के नारों की बात कहां तक सही है. मोदी सरकार कानून के हिसाब से काम करती है. एनआरसी पर अभी बातचीत नहीं हुई है.
चाहे वो फिल्म स्टार्स हों या सिलेब्रिटी हो उन्हें ये देखना चाहिए कि वो देश को तोड़ने वाले लोगों के साथ न खड़े हों. हाल ही में एक विरोध प्रदर्शन में कुछ फिल्मी सितारे नजर आए और वहां नारे लग रहे थे कि हमें चाहिए आजादी. आखिर इस बात का क्या मतलब है. -रविशंकर प्रसाद
रविशंकर प्रसाद ने कहा कि पूरी साजिश के साथ देश में हिंसा फैलाई जा रही है और योगी आदित्यनाथ ने जो बयान दिया था उसको उन्होंने स्पष्ट कर दिया है. उन्होंने साफ कहा है कि जिन्होंने हिंसा की है और देश की संपत्ति को नुकसान पहुंचाया है उन पर कार्रवाई की जाएगी. इसमें गलत क्या है. इसी के तहत हिंसा करने वालों पर कार्रवाई की जा रही है. सीएए का विरोध करने वाले संविधान विरोधी हैं.
रविशंकर प्रसाद ने कहा कि पूरी साजिश के साथ देश में हिंसा फैलाई जा रही है और योगी आदित्यनाथ ने जो बयान दिया था उसको उन्होंने स्पष्ट कर दिया है. उन्होंने साफ कहा है कि जिन्होंने हिंसा की है और देश की संपत्ति को नुकसान पहुंचाया है उन पर कार्रवाई की जाएगी. इसमें गलत क्या है. इसी के तहत हिंसा करने वालों पर कार्रवाई की जा रही है. सीएए का विरोध करने वाले संविधान विरोधी हैं.
रविशंकर प्रसाद ने कहा कि पाक में अल्पसंख्यकों की हालत किसी से छिपी नहीं है और वहां हिंदुओं की बेटियों के साथ अपहरण, बलात्कार होते हैं तो क्या भारत सरकार की ये जिम्मेदारी नहीं बनती कि वो ऐसे लोगों को अपने यहां शरण दे.

कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद ने कहा कि CAA न तो किसी भारतीय पर लागू होता है और ये न तो किसी भारतीय की नागरिकता लेता है और किसी भी धर्म के लोगों को इससे डरने की जरूरत नहीं है.
कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद इस समय एबीपी न्यूज के शिखर सम्मेलन के मंच पर आ चुके हैं.

कांग्रेस सांसद मनीष तिवारी ने कहा कि एक कानून और संविधान पर आधारित देश को कानून को सर्वोपरि मानना चाहिए. जब केंद्र सरकार ऐसा काम करती है जो संघीय ढांचे पर सीधा प्रहार है तो राज्यों में इसका विरोध होना स्वाभाविक है. केंद्र सरकार को पहले ही राज्यों को इस कानून के बारे में संज्ञान देना चाहिए था और सरकारों से बात करनी चाहिए थी. चाहे जिस भी राज्य की सरकार हो उन्होंने साफ कहा है कि हम एनआरसी और सीएए को लागू नहीं करेंगे तो ये सिर्फ कुछ यूनिवर्सिटी और कॉलेज की बात नहीं है बल्कि पूरे देश की बात है.

मनीष तिवारी ने कहा कि अगर कोई शरणार्थी है तो वो पहले शरणार्थी है और उसका धर्म नहीं देखा जाना चाहिए. सरकार श्रीलंका, भूटान को क्यों छोड़ रही है, सिर्फ तीन देशों के नागरिकों की बात क्यों की जा रही है और उसमें भी एक धर्म विशेष को क्यों छोड़ा जा रहा है.

मनीष तिवारी ने कहा कि धर्म के आधार पर अगर सरकार किसी को शरण या नागरिकता देती है तो संविधान की धारा 14, 15, 21, 26 के साथ-साथ पूरे संविधान की अवधारणा को नुकसान पहुंचाया जा रहा है. अगर आप किसी पर तरस खाकर उसे नागरिकता देते हैं तो उसमें आपत्ति नहीं है. सरकार ने जो सीएए पर कानून बनाया है वो पूरी तरह संविधान के खिलाफ है. नागरिकता का आधार धर्म नहीं हो सकता है. शरणार्थियों का धर्म नहीं देखा जाना चाहिए. इसीलिए सवला धर्म और मजहब का नहीं है बल्कि संविधान का है. इसीलिए एक समुदाय विशेष सीएए के खिलाफ नहीं है.

मनीष तिवारी ने कहा कि रक्षा प्रमुख पद से सिविलियन सुप्रीमेसी को खतरा हो सकता है. लोकतंत्र पर फौज को प्राथमिकता दी जा रही है, फौज का रिपोर्टिंग ढांचा बदलने से नुकसान होगा. कमजोर सरकार में इसका खामियाजा भुगतना पड़ सकता है. मैंने इसको लेकर आउटलुक में लेख भी लिखा है और इस संवेदनशील विषय पर विस्तार से चर्चा की है. मैं लेकिन ये भी चाहता हूं कि मेरी आशंकाएं सच न साबित हो पाएं. ये किसी व्यक्ति विशेष के खिलाफ नहीं है लेकिन किसी को एकाधिकार देने के पक्ष में नहीं हूं.
मनीष तिवारी ने कहा कि सीडीएस का जिस तरह से गठन किया गया है उसके दूरगामी परिणाम होने वाले हैं. सीडीएस बनाने से पहले सरकार को पर्याप्त चर्चा करनी चाहिए थी और जिस तरह से सेना के ऊपर सरकार का प्रभाव पड़ेगा वो देश के लिए ठीक नहीं है. सीडीएस को लेकर सरकार ने किसी अन्य दल के साथ चर्चा नहीं की. हालांकि कांग्रेस पार्टी ने इसके खिलाफ कुछ नहीं कहा लेकिन मेरी समझ के मुताबिक अगर सरकार को एक सिंगल पॉइंट मिलिट्री एडवाइस होनी चाहिए तो सरकार को इस पर दोबारा विचार करना चाहिए. जिस तरह से सरकार ने एक सिंगल पॉइंट पर सेना की कमान को सौंप दिया है उसके किस तरह के परिणाम सामने आएंगे अभी इसका जवाब सरकार के पास नहीं है.
कांग्रेस सांसद मनीष तिवारी इस समय एबीपी न्यूज के शिखर सम्मेलन में मंच पर आ चुके हैं.
तारेक फतेह ने कहा कि मोदी नहीं होते तो प्याज़ के लिए पाकिस्तान से दोस्ती हो जाती. उन्होंने हिंदुस्तानी मुसलमान को लेकर कहा कि यहां का मुसलमान इस्तेमाल हो रहा है. सीएए को लेकर उन्होंने कहा कि ये सब वामपंथियों का खेल चल रहा है.
शिखर सम्मेलन में तारिक फतेह ने कहा कि दाऊद इब्राहिम भारत में हमले कराता है. उन्होंने ये भी कहा कि मेरे हाथ में होता तो गिलगित बालटिस्तान को आज़ाद होता, नरसंहार करने वाले पाकिस्तान में खुलेआम बैठे हैं. तारिक फतेह ने कहा कि मोदी ने पाकिस्तान को घर में घुसकर मारा.
आपको बता दें कि तारिक फतेह पाकिस्तान मूल के कनाडाई लेखक हैं. उन्होंने शिखर सम्मेलन में कहा कि दुनिया में भारत की आवाज़ ठीक से नहीं उठाई जा रही है. तारिक फतेह ने ये भी कहा कि विदेश में रहने वाले भारतीय भारत के लिए आवाज़ नहीं उठाता.
शिखर सम्मेलन में तारिक फतेह ने कहा कि पाकिस्तान ने हिंदुस्तान को नुकसान पहुंचाया है. पाकिस्तान एक ट्रेजडी की तरह है. उन्होंने ये भी कहा कि हिंदुस्तान ने अब तक पाकिस्तान को जवाब नहीं दिया. उनका कहना है कि वकील और गुंडे की लड़ाई में वकील कभी जीत ही नहीं सकता.
अब एबीपी न्यूज के शिखर सम्मेलन के मंच पर कॉलमिस्ट तारिक फतेह आ चुके हैं और तमाम सवालों के जवाब देंगे.

सुधांशु त्रिवेदी ने निशाना साधते हुए कहा कि कांग्रेस को भारत तेरे टुकड़े होंगे कहने वालों में भटके हुए नौजवान दिखते हैं. हाफिज सईद में साहब दिखता है. सुधांशु त्रिवेदी ने कहा कि जब कांग्रेस ने दूसरे देश के लोगों को नागरिकता दी तो हमने कभी नहीं कहा. कांग्रेस जिस बाबा साहेब आंबेडकर की बात कर ही है उन्हें लोकसभा चुनाव में हराने के लिए खुद जवाहर लाल नेहरू रैली में भाषण करने गए थे. उनके लिखे संविधान के खिलाफ जाकर कांग्रेस ने आपातकाल लागू कर दिया था.
गौरव वल्लभ ने बीजेपी से सवाल किया कि भूटान के लोगों को, श्रीलंका के लोगों को और चीन के लोगों को क्यों नहीं नागरिकता देना चाहते हैं. क्योंकि आपकी नीयत बांटने की है. आप बाबा साहेब आंबेडकर के संविधान के खिलाफ कदम उठा रहे हैं.
सुधांशु त्रिवेदी ने कहा कि कांग्रेस के पास तर्क नहीं हैं और वो बार-बार एक ही बात को दोहराती है. कांग्रेस पार्टी ये नहीं बताती कि मनमोहन सिंह ने क्यों कहा था कि देश के संसाधनों पर पहला हक मुसलमानों का है. ये बयान क्यों दिया गया था कि जब बड़ा पेड़ गिरता है तो जमीन हिलती है.
गौरव वल्लभ ने कहा कि सीएए में बर्मा, चीन, भूटान जैसे देशों के लोगों के नाम क्यों नहीं हैं. बीजेपी से आज के समय की बात की जा रही है और ये अंग्रेजों के जमाने की बात कर रहे हैं. क्या योगी ने बदला लेने की बात नहीं है. बीजेपी ने संविधान के ऊपर बुलडोजर चलाया है. संविधान के अनुच्छेद 14ए में सीएए का उल्लंघन हुआ है. इसके विरोध में जामिया में ही नहीं BHU और IIM में भी प्रदर्शन हुए हैं. स्टूडेंट के ऊपर आप लोग कार्रवाई करेंगे और सोचेंगे कि वो प्रदर्शन नहीं करेंगे तो ये गलत है.
सुधांशु त्रिवेदी ने कहा कि उत्तर प्रदेश के सीएम योगी आदित्यनाथ ने बदला लेने की बात नहीं कही थी बल्कि उपद्रवियों से सरकार संपत्ति के नुकसान की भरपाई की बात कही थी. भारत में ऐसे लोगों के खिलाफ कार्रवाई नहीं होनी चाहिए क्या जो देश की संपत्ति को नुकसान पहुंचाते हैं और उपद्रव मचाते हैं.
सुधांशु त्रिवेदी ने गौरव वल्लभ के आरोपों पर जवाब देते हुए कहा कि शाहबानो केस में कांग्रेस ने संविधान को नहीं माना. ये अपनी सुविधा से संविधान को मानते और खारिज करते हैं. कांग्रेस पार्टी के लिए देश ऊपर नहीं है. संविधान के किसी अनुच्छेद का सीएए में उल्लंघन नहीं किया गया है. कांग्रेस देश के लोगों को गुमराह कर रही है.
बीजेपी के सुधांशु त्रिवेदी ने कहा कि तोड़-फोड़कर कराकर कांग्रेस सत्ता पाना चाहती है और कांग्रेस को पाकिस्तानी हिंदुओं की प्रताड़ना नहीं दिखती. कांग्रेस संविधान की प्रस्तावना की हत्या करना चाहती है. ये पार्टी सिर्फ और सिर्फ अपने और गांधी परिवार के बारे में सोचती है.
बीजेपी के सुधांशु त्रिवेदी ने कहा कि तोड़-फोड़कर कराकर कांग्रेस सत्ता पाना चाहती है और कांग्रेस को पाकिस्तानी हिंदुओं की प्रताड़ना नहीं दिखती. कांग्रेस संविधान की प्रस्तावना की हत्या करना चाहती है. ये पार्टी सिर्फ और सिर्फ अपने और गांधी परिवार के बारे में सोचती है.
गौरव वल्लभ ने कहा कि सरकार रेल भाड़ा बढ़ रही है. पेट्रोल, डीजल के दाम लगातार बढ़ा रही है, गैस के दाम लगातार बढ़ा रही है. बीजेपी का काम है लोगों को गुमराह करना. पाकिस्तान में हिंदुओं पर बीजेपी झूठ बोल रही है और देश के गृह मंत्री झूठ पर झूठ बोल रहे हैं. पीएम और गृह मंत्री के बयानों से साफ है कि ये सिर्फ अपने बारे में सोचते हैं और इन्हें देश के हिंदुओं से भी मोहब्बत नहीं है. बीजेपी की नीयत अंग्रेजों वाली है और ये डिवाइड एंड रूल पर काम करती है.
बीजेपी के सुधांशु त्रिवेदी ने कहा कि राहुल गांधी एनपीआर को टैक्स बता देते हैं और प्रियंका गांधी उपद्रवियों के घर जाकर आंसू बहाती हैं और कोटा में मासूमों की मौत पर कुछ नहीं बोलती हैं. पीएम-गृह मंत्री के बयान अलग-अलग नहीं हैं और क्या ये सच नहीं है कि पाकिस्तान से आए मुस्लिमों को यहां नागरिकता दी गई है. ये आरोप लगाते हैं कि बीजेपी की नीयत साफ नहीं है लेकिन ये नहीं बताते कि एक्ट में मुस्लिम शब्द कहां लिखा हुआ है.

कांग्रेस के गौरव वल्लभ ने कहा कि देश में बेरोजगारी का रजिस्टर ये सरकार नहीं बनाती, देश में आर्थिक विकास लगातार गिरता जा रहा है और सरकार इन सब मुद्दों से ध्यान हटाने के लिए एनआरसी, एनपीआर और सीएए जैसे मुद्दों पर आ चुकी है. धार्मिक उत्पीड़न के आधार पर ये सीएए करेंगे ये कहां लिखा हुआ है और इसके अलावा ये इस बात को नहीं बताते कि सीएए का मतलब मुद्दों से भटकाना है. योगी जी नौजवानों को रोजगार नहीं देते और लोगों से बदला लेने की बात करते हैं.

बीजेपी के सुधांशु त्रिवेदी ने कहा कि सीएए पर सबसे पहले जो पीआईएल दाखिल हुई वो यूनियन मुस्लिम लीग की तरफ से दाखिल हुई तो इसी से समझा जा सकता है कि देश के कानून के खिलाफ कौन जा रहा है.
एबीपी न्यूज के शिखर सम्मेलन के मंच पर बीजेपी के सुधांशु त्रिवेदी और कांग्रेस के गौरव वल्लभ आमने- सामने आ चुके हैं.
केशव प्रसाद मौर्य ने कहा कि उत्तर प्रदेश में अखिलेश यादव को अभी भी लगता है कि वो यूपी के सीएम हैं. उन्हें गफलत से निकलना चाहिए और समझना चाहिए कि वो 25 साल तक सत्ता में लौटने वाले नहीं हैं.

केशव प्रसाद मौर्य ने कहा कि उत्तर प्रदेश का मुसलमान डरा हुआ नहीं है, जिन्होंने हिंसा की उनसे सरकारी संपत्ति के नुकसान की भरपाई की जाएगी. हालांकि हम डराने वाले लोग नहीं हैं और सबके साथ के साथ विकास को आगे बढ़ाना चाहते हैं. प्रदेश के मुसलमान भाइयों को भी समझ आ गया है कि कांग्रेस-समाजवादी पार्टी ने सिर्फ उन्हें वोट बैंक समझा है. इस समय जो हिंसा हुई है उसको लेकर कांग्रेस और एसपी कठघरे में हैं और उन्हें जवाब देना होगा.
केशव प्रसाद मौर्य ने कहा कि मैं तो देश विरोधी नारे और पाकिस्तान जिंदाबाद के नारे नहीं सुनूंगा. प्रदर्शन और उपद्रव में अंतर है और जो लोग शांतिपूर्ण आंदोलन करते हैं उनके खिलाफ कोई कड़ी कार्रवाई नहीं की गई. कांग्रेस इस समय यूपी में
अपनी जमीन खो चुकी है और प्रियंका गांधी जगह-जगह जाने का नाटक कर रही हैं. उन्हें अगर कहीं जाना है तो वो जाएं, वो हर बात को प्रदर्शन के रूप में दिखाना चाहती हैं लेकिन इस बात को नहीं समझ रही हैं कि कांग्रेस इस समय यूपी में अपना दल से भी छोटी पार्टी बन गई है. कांग्रेस का यही हाल रहा और प्रियंका गांधी इसी तरह के नाटक करती रहीं तो अब रायबरेली भी उनके हाथ से निकल जाएगा.
छात्रों की आड़ में देश विरोधी तत्वों को अराजकता फैलाने की इजाजत नहीं दी जा सकती है. उत्तर प्रदेश के सीएम योगी आदित्यनाथ के बयान को गलत तरीके से पेश किया जा रहा है और उनके बदला लेने की बात को गलत ढंग से प्रसारित किया जा रहा है. उत्तर प्रदेश पुलिस ने विपरीत परिस्थितियों में संयम का परिचय दिया है और लखनऊ में हिंदू-मुसलमानों के बीच हिंसा कभी नहीं हुई. पीएफआई के लोग आंदोलनकारियों के बीच घुस आए और उन्होंने हिंसा भड़काई. पुलिस को कड़ी कार्रवाई करनी पड़ी क्योंकि लोग हिंसक हो रहे थे. -केशव प्रसाद मौर्य
उत्तर प्रदेश के उप-मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य ने कहा कि सीएए और एनआरसी पर विपक्ष ने आम लोगों को गुमराह किया कि उनको इस देश से निकालने की कोशिश की जा रही है और लोगों को भड़काने का काम किया. नागरिकता कानून की इस देश को जरूरत थी और हिंसा को नियंत्रण करने को लेकर यूपी सरकार नाकाम नहीं रही. यूपी सरकार ने उन लोगों से सरकारी संपत्ति के नुकसान की भरपाई करने की बात कही है जो अराजक तरीके से प्रदर्शन कर रहे थे.

मुख्तार अब्बास नकवी ने कहा कि एनपीआर के नए फॉर्मेट से किसी को क्या दिक्कत है. लोगों को कोई दस्तावेज नहीं दिखाने, उन्हें कोई बायोमीट्रिक नहीं देना और सरकार ने साफ-साफ बताया है कि इसका संबंध जनकल्याण की योजनाओं को चलाने के लिए किया जाएगा तो लोगों को परेशानी नहीं होनी चाहिए.

मुख्तार अब्बास नकवी ने कहा कि एनपीआर के नए फॉर्मेट से किसी को क्या दिक्कत है. लोगों को कोई दस्तावेज नहीं दिखाने, उन्हें कोई बायोमीट्रिक नहीं देना और सरकार ने साफ-साफ बताया है कि इसका संबंध जनकल्याण की योजनाओं को चलाने के लिए किया जाएगा तो लोगों को परेशानी नहीं होनी चाहिए.
शिखर सम्मेलन' में योगी आदित्यनाथ के 'बदला' वाले बयान पर मुख्तार अब्बास नकवी ने कहा कि उन्होंने हिंसा और आगजनी को लेकर कहा था. लोगों को प्रदर्शन और आंदोलन करने का पूरा अधिकार है लेकिन हिंसा का कोई जस्टिफिकेशन नहीं हो सकता.
बीजेपी सभी धर्मों के लोगों का ध्यान रखती है और किसी धर्म विशेष के प्रति दुर्भावना नहीं रखती है. सीएए तीन देशों के अल्पसंख्यकों के लिए बनाया गया कानून है और इसमें किसी तरह के कन्फ्यूजन की कोई जगह नहीं है. सीएए तीन देशों के अल्पसंख्यकों के लिए कानून है और इससे देश के मौजूदा नागरिकों को किसी तरह डरने की जरूरत नहीं है. -मुख्तार अब्बास नकवी
मुख्तार अब्बास नकवी ने एक शेर का जिक्र किया कि 'हर तरफ अपने को बिखरा पाओगे, आइने को तोड़कर पछताओगे' और इसपर कहा कि जो लोग देश को तोड़कर इसकी शांति भंग करने की कोशिश कर रहे हैं वो नहीं समझ रहे हैं कि जो आग वो लगाने की कोशिश कर रहे हैं वो उन्हीं को जला सकती है. कुछ लोग जेब में पाकिस्तान का वीजा रखते हैं. हम घर-घर जाकर लोगों को सीएए के बारे में बताएंगे और उनका भ्रम दूर करेंगे.

जो लोग कह रहे हैं कि देश में नागरिकता साबित करने के लिए दस्तावेज दिखाने पड़ेंगे तो ये बताएं कि क्या आप सिम कार्ड लेने जाते हैं तो डॉक्यूमेंट नहीं दिखाते? क्या पासपोर्ट, आधार कार्ड बनवाते हैं तो इसके लिए कागजी कार्रवाई नहीं करते?
क्या आप सरकार की किसी नीति पर सिर्फ इसलिए शक करेंगे कि कुछ लोग आपको गुमराह कर पाने में सफल हो रहे हैं. जब सरकार कह चुकी है कि एनआरसी शुरू करने की प्रक्रिया दूर तक नहीं है तो लोगों को शक और शुबह क्यों है?

मुख्तार अब्बास नकवी ने कहा कि हिंदुस्तान को मुसलमानों ने अपनी मर्जी से चुना है और करोड़ों मुसलमान यहां खुशी से रह रहे हैं. देश में जो 90 फीसदी से ज्यादा मुसलमान हैं वो इसी धरती में पैदा हुए हैं. एनआरसी प्रक्रिया शुरू करने की कोई कोशिश नहीं की जा रही है सिर्फ असम में ये हो रहा है. आप बताएं कि एनआरसी आएगा ये किसने कहा. एनआरसी की प्रक्रिया असम तक सीमित है और जो लोग कह रहे हैं कि सीएए और एनआरसी का आपस में संबंध है वो दुष्प्रचार कर रहे हैं.
मुख्तार अब्बास नकवी ने कहा कि केंद्र सरकार में अल्पसंख्यक मामलों का मंत्री होने के नाते मैं मुस्लिम समुदाय की चिंताओं के वाकिफ हूं और उन्हें ये आश्वस्त करना चाहता हूं कि नागरिकता संशोधन कानून किसी की नागरिकता लेने का कानून नहीं है. किसी की नागरिकता इस कानून से जाने वाली नहीं है. पूरी प्रक्रिया अपनाने के बाद इसे कानून का रूप दिया गया है और जो भी लोग आंदोलन कर रहे हैं उन्हें ये कहना चाहता हूं कि उन्हें भ्रामक जानकारी देने में विपक्ष सफल साबित हुआ है जिसके चलते वो भ्रम में हैं. बोगस बैशिंग ब्रिगेड ने अफवाहों को फैलाने का काम किया है.
बीजेपी के मुख्तार अब्बास नकवी इस समय एबीपी शिखर सम्मेलन के मंच पर आ चुके हैं. ये केंद्र सरकार में मुस्लिम समुदाय से अकेले मंत्री हैं.

अभय दुबे का कहना है कि जितना गहरा रिश्ता प्रधानमंत्री और गृहमंत्री का है उतना ही गहरा रिश्ता सीएए और एनआरसी का है. पीएम और गृहमंत्री ऐसे बयान दे रहे हैं जिससे देश में कन्फ्यूजन बढ़ रहा है, लोगों में अविश्वास पैदा हो रहा है और लोगों को समझ नहीं आ रहा है कि आखिरकार सरकार क्यों किसी धर्म विशेष के लोगों को वंचित रखना चाहती है.

संबित पात्रा ने कहा कि जो कांग्रेस ने 70 सालों में नहीं किया वो बीजेपी ने 6 सालों में कर दिया. कांग्रेस की हालत ऐसी है कि उन्हें सरयू में डूबना ही है, कांग्रेस बताए कि उन्हें हाफिज सईद की चिंता क्यों है. कांग्रेस को सिर्फ गांधी परिवार से मतलब है, गांधी परिवार के लिए जो सही है वो पूरे देश के लिए सही है ऐसा कांग्रेस सोचती है. कांग्रेस के लिए देश की चिंता पहले नहीं है, अपनी राजनीति चमकाने की चिंता पहले हैं.
कांग्रेस के अभय दुबे का कहना है कि बीजेपी मुसलमानों की बात करती है लेकिन लोगों को रोजगार देने के लिए कुछ नहीं करती. असम में एनआरसी से 12 लाख हिंदू बाहर हो गए, उनके अधिकारों की बात नहीं करते. कानून के सामने सभी धर्मों के लोग बराबर है लेकिन बीजेपी ध्रुवीकरण करना चाहती है. सांप्रदायिक ध्रुवीकरण कराकर बीजेपी देश के लोगों को बांटना चाहती है और वोट हासिल करना इनका अंतिम लक्ष्य है.
संबित पात्रा ने कहा कि बीजेपी सबका साथ-सबका विकास की परिकल्पना लेकर चल रही है जो पाकिस्तान में बैठे लोगों के लिए नहीं है. कांग्रेस को पाकिस्तान के मुसलमानों की चिंता क्यों है. कांग्रेस ने देश के मुसलमानों के लिए क्या किया है वो खुलकर बताए. हम मुस्लिम महिलाओं के लिए तीन तलाक पर कानून लेकर आए और उसका फायदा महिलाओं को मिल रहा है.
कांग्रेस के अभय दुबे ने कहा कि बीजेपी न तो भारत की आर्थिक प्रगति के मुद्दे पर बात करती है, न देश के विकास के लिए बात करती है न देश में भयमुक्त माहौल पर चर्चा करती है. उल्टा ये कहा जाता है कि एनआरसी पर कोई चर्चा नहीं हुई लेकिन उसकी प्रक्रिया शुरू कर दी गई. सीएए एनआरसी का पहला स्टेप है और सरकार इस बात को चुपचाप शुरू करना चाहती है. सरकार लोगों को बेवकूफ बनाने की कोशिश कर रही है. पीएम कुछ कहते हैं और देश के गृह मंत्री कुछ और कहते हैं. कहते हैं कि एनपीआर के आधार पर जलकल्याण की योजनाएं चलाई जाएंगी तो सरकार बताए कि उनकी क्या योजना है.
संबित पात्रा ने कहा कि देश में भड़काने वाले भाषण दिए जा रहे है. देश में किसी भी कीमत पर हिंदु-मुसलमान के दंगे नहीं होने चाहिए लेकिन कुछ लोग इन्हें भड़का रहे हैं. सरकार की कामयाबी से विपक्ष बेचैन है इसलिए अराजकता फैलाने वाले वाले मुद्दों को हवा दे रहा है. लंदन में एक शूटर ने गोलीबारी की तो उसे वहां की पुलिस ने एक नहीं-कई गोलियां मारी लेकिन किसी ने पुलिस के ऊपर उंगुली नहीं उठाई. अगर ऐसा यहां पर होता तो पुलिस के खिलाफ लोगों ने मोर्चा खोल लिया होता. आतंक फैलाने वाले को निर्दोष साबित करने की पूरी कोशिश की जाने लगती. उसको एक मासूम स्टूडेंट घोषित कर दिया जाता. हमारे लिए देश का हित बड़ा है और हम राजनीति नही साधते लेकिन विपक्ष को ये रास नहीं आ रहा है.
कांग्रेस के नेता अभय दुबे ने संबित पात्रा का जवाब देते हुए कहा कि एनआरसी को पहले त्रेता युग में सबसे पहले कैकेयी ने किया था और आज बीजेपी इस एनआरसी को देश में एक समुदाय विशेष के खिलाफ इस्तेमाल करना चाहती है. एनआरसी असम में लागू हुआ तो 25 हिंदुओं ने आत्महत्या कर ली. सीएए-एनआरसी लाकर देश के असली मुद्दों से ध्यान भटकाने की कोशिश की जा रही है. भगवा को ये भोग का प्रतीक बना रहे हैं. भगवान राम ने भगवा धारण किया तो उन्होंने त्याग का उदाहरण पेश किया.
बीजेपी के प्रवक्ता संबित पात्रा ने कहा कि अगर विपक्ष बिजली, सड़क पानी को मुद्दा बनाना चाहता है तो इसके लिए उन्हें किसने रोका है. लेकिन विपक्ष किन मुद्दो को हवा दे रहा है ये सभी जानते हैं. विपक्ष की तरफ से अराजकता को बढ़ावा देने वाले मुद्दों पर बात की जा रही है. आर्टिकल 370 हट गया, देश में शांति रही. राम मंदिर पर सुप्रीम कोर्ट ने फैसला दिया लेकिन देश के हिंदु-मुस्लिम ने शांति भंग होने नहीं दी. कांग्रेस को इस बात से बुरा लगा और ये प्रेशर कुकर की तरह भरे हुए थे, इन्हें सीएए के मुद्दे पर राजनीति करने का मौका मिल गया. बताइये पुलिस पर पत्थरबाजी हुई, अमानतुल्लाह खान ने भड़काने वाले नारे लगवाए. क्या देश में इस तरह की बातें होनी चाहिए. बिलकुल नहीं, देश में अमन और शांति रहेगा.
शुरू हो चुका है एबीपी न्यूज पर शिखर सम्मेलन और अब बीजेपी के प्रवक्ता संबित पात्रा और कांग्रेस के नेता अभय दुबे मंच पर आ चुके हैं.
शुरू हो चुका है एबीपी न्यूज पर शिखर सम्मेलन और अब बीजेपी के प्रवक्ता संबित पात्रा और कांग्रेस के नेता अभय दुबे मंच पर आ चुके हैं.
शिखर सम्मेलन में शामिल होने वाले मेहमानों को जानिए- सुधांशु त्रिवेदी: सुधांशु त्रिवेदी बीजेपी के राष्ट्रीय प्रवक्ता और राज्यसभा सांसद हैं. बीजेपी के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष राजनाथ सिंह के राजनीतिक सलाहकार रहे. सुधांशु त्रिवेदी मैकेनिकल इंजीनियरिंग में डॉक्टरेट हैं. सहप्रभारी रहते हुए 2019 में राजस्थान की सभी सीटों पर जीत दिलाई. राजनीतिक विश्लेषण और जाति समीकरणों की गहरी समझ है.
शिखर सम्मेलन में शामिल होने वाले मेहमानों को जानिए- गौरव वल्लभ: गौरव वल्लभ कांग्रेस के राष्ट्रीय प्रवक्ता हैं, गौरव पीएचडी है, मीडिया में कांग्रेस का पक्ष मुखरता से रखते हैं. पेशे से गौरव वल्लभ फाइनेंस के प्रोफेसर भी हैं. रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया में भी कार्य कर चुके हैं, हाल में झारखंड के जमशेदपुर ईस्ट से चुनाव हारे.
शिखर सम्मेलन में शामिल होने वाले मेहमानों को जानिए- मुख्तार अब्बास नकवी: मुख्तार अब्बास नकवी केंद्र सरकार में अल्पसंख्यक मामलों के मंत्री हैं. नकवी केंद्र सरकार में एक मात्र मुस्लिम समाज से मंत्री हैं. 1998 में पहली बार यूपी के रामपुर से सांसद चुने गए थे. मोदी 2 के अलावा अटल और मोदी 1 सरकार में मंत्री रहे. 2002 में पहली बार राज्यसभा सांसद बने, 3 बार के राज्यसभा सांसद हैं.
शिखर सम्मेलन में शामिल होने वाले मेहमानों को जानिए- अभय दुबे: अभय दुबे कांग्रेस पार्टी के नेशनल मीडिया कोआर्डिनेटर हैं. मध्यप्रदेश कांग्रेस कमेटी की मीडिया विभाग के उपाध्यक्ष हैं. मीडिया और सोशल मीडिया में मुखरता से कांग्रेस का पक्ष रखते हैं. जनवरी 2014 में कांग्रेस के राष्ट्रीय प्रवक्ता बनाए गए, टीवी डिबेट में आंकड़ों और तर्कों से सरकार को घेरते है.
शिखर सम्मेलन में शामिल होने वाले मेहमानों को जानिए- संबित पात्रा: बीजेपी के राष्ट्रीय प्रवक्ता हैं, एमबीबीएस डॉक्टर हैं हैं और दिल्ली के हिंदू राव हास्पिटल में मेडिकल अफसर रहे हैं. 2010 में दिल्ली बीजेपी में शामिल हुए, 2014 में बीजेपी के राष्ट्रीय प्रवक्ता बने. सितंबर 2017 में पात्रा को ओएनजीसी में तीन सालों के लिए निदेशक बनाया गया. 2019 लोकसभा चुनाव में ओडिशा के पुरी से चुनाव हारे.
क्यों खास है शिखर सम्मेलन? - देश में एनआरसी और सीएए को लेकर विवाद छिड़ा हुआ है, अलग अलग जगहों पर प्रदर्शन जारी हैं. खुद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आश्वासन दे चुके हैं, इसके बाद भी प्रदर्शन हो रहे हैं. सीएए को लेकर विरोध और विवाद की कहानी इतनी आगे निकल गई है कि इसे समझना दिन प्रति दिन एक नया चालेंज बनता जा रहा है. इसी के साथ लोगों के मन में कई सवाल भी पैदा हो रहे हैं. इसी सवालों का जवाब देने के लिए शिखर सम्मेलन के मंच पर खुद गृह मंत्री अमित शाह मौजूद होंगे. रात आठ बजे आप उनकी जुबानी सीएए और एनआरसी पर सरकार की प्रतिक्रिया विस्तार से समझ सकते है.

बैकग्राउंड

ABP Shikhar Sammelan 2020: साल 2019 की विदाई हो चुकी है और 2020 ने दस्तक दे दी है और 2020 का स्वागत लोगों ने बाहें फैला कर किया है. सियासी नजर से देखें तो साल 2019 में कई घटनाएं ऐसी हुईं जिनका असर पूरे देश पर पड़ा. अब नए साल 2020 से राजनीतिक और सामाजिक स्थिरता की उम्मीद तो कर रहे हैं लेकिन मुद्दों को देखकर ऐसा लगता नहीं है.


 


नागरिकता कानून को लेकर देशभर में चल रहे विवाद और आंदोलन हों, आर्थिक संकट हो या फिर राजधानी दिल्ली में होने वाले चुनाव इन सभी पर हर आम से लेकर खास शख्स की नजर टिकी हुई है. लोगों के मन में कई तरह के सवाल भी उठ रहे हैं. वर्तमान माहौल को भांपते हुए नए साल में एबीपी न्यूज़ 'शिखर सम्मेलन' लेकर आया है. शिखर सम्मेलन के इस मंच से आपके मन में उठ रहे हर सवाल का जवाब आपको मिल जाएगा.


 


शिखर सम्मेलन के इस मंच पर सत्ता पक्ष और विपक्ष के कई दिग्गज चेहरे मौजूद होंगे. इनमें बीजेपी अध्यक्ष और देश के गृह मंत्री अमित शाह से लेकर संबित पात्रा, अभय दुबे, मुख्तार अब्बास नकवी, केशव प्रसाद मौर्य, सुधांशु त्रिवेदी, गौरव वल्लभ, तारेक फतेह, मनीष तिवारी, रविशंकर प्रसाद शामिल हैं. लाइव अपडेट के लिए जुड़े एबीपी न्यूज़ के साथ.

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