Shikhar Sammelan: एबीपी न्यूज़ के खास कार्यक्रम शिखर सम्मेलन में आज ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन के प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने आफगानिस्तान पर तालिबान के कब्जे को लेकर खुलकर बात की. असदुद्दीन ओवैसी ने कहा कि हम काबुल में हुए हमलों की निंदा करते हैं और आतंकवाद से कभी समझौता नहीं किया जा सकता. उन्होंने कहा कि सरकार ने कल अफगानिस्तान की स्थिति पर सर्वदलीय बैठक बुलाई और तीन घंटे की बैठक में सिर्फ ‘वेट एंड वॉच’ कहा. ये बैठक चुनाव के नज़रिए से बुलाई गई थी.
तालिबान का अफगानिस्तान में आना भारत के लिए खरनाक- ओवैसी
असदुद्दीन ओवैसी ने कहा, ‘’भारत ने पिछले 20 सालों में अफगानिस्तान पर अरबों रुपए खर्च किए. वहां के लोगों को भारत बुलाकर ट्रेनिंग दी गई. 700 करोड़ रुपए खर्च करके संसद बनवाई, डैम बनवाए, बावजूद इसके भारत अब दुनिया में अलग थलग पड़ा हुआ है. तालिबान का अफगानिस्तान में फिर से आना भारत के लिए बेहद खरनाक है, लेकिन सरकार वेट एंड वॉट की स्थिति में है.’’’’
ओवैसी ने आगे कहा, ‘’अफगानिस्तान में भारत का निवेश फंस गया है. तालिबान पर हमारी सरकार का रैवया बेहद गंभीर विषय है. अफगानिस्तान में लश्कर-ए-तैयबा और जैश ए मोहम्मद जैसे आतंकी संगठन मौजूद हैं. बावजूद इसके हमारे विदेश मंत्री एस जयशंकर एक शब्द तालिबान के बारे में नहीं बोलते हैं. सरकार को अपनी बात मजबूती से रखनी चाहिए.’’
ये लोग यूपी चुनाव में तालिबान तालिबान करेंगे- ओवैसी
ओवैसी ने कहा, ‘’मोदी सरकार की विदेश नीति क्यों फेल हो रही है. अब यूपी में चुनाव हैं और ये लोग वहां तालिबान तालिबान करेंगे.’’ उन्होंने कहा, ‘’हम कहां हैं? सरकार की विदेश नीति ठीक नहीं है. हम अफगानिस्तान मैं मौजूद अपनी एंबेसी में अपने हथियार छोड़कर आए हैं. ये बात सुरक्षा एक्सपर्ट्स ने कही है.’’
अगर आप विदेश मंत्री होते तो क्या करते? इस सवाल के जवाब में ओवैसी ने कहा, ‘’मेरी मकसद मंत्री बनना नहीं है. हमारी बात सरकार सुनती तो 6-7 साल नहीं सोती. चीन हमारी जमीन पर बैठा है. चीन पाकिस्तान को समर्थन करता है. अफगानिस्तान से पाकिस्तान को फायदा होगा.’’ उन्होंने कहा, ‘’अब सरकार को नई विदेश नीति बनानी होगी. तालिबान पर वेट और वॉच की पॉलिसी ठीक नहीं है. सिर्फ रिश्ते बनाकर विदेश नीति नहीं चला सकती सरकार.’’