नई दिल्ली: गृह मंत्री अमित शाह ने आज एबीपी न्यूज़ के कार्यक्रम शिखर सम्मेलन 2020 में शिरकत की और बातचीत के दौरान गलभग हर उस सवाल का जवाब दिया जो देश की जनता के दिलो दिमाग में कौंध रहे हैं. अमित शाह ने सीएए, एनआरसी और एनपीआर को लेकर हो रहे विरोध प्रदर्शनों पर अपनी बात रखी. गृह मंत्री ने प्रदर्शनकारियों पर की गई पुलिस की कार्रवाई और उस पर उठ रहे सवालों का भी जवाब दिया. इसके अलावा उन्होंने झारखंड में मिली हार और दिल्ली और पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनावों की तैयारियों को लेकर भी अपनी बात रखी. यही नहीं उन्होंने राम मंदिर से जुड़े सवालों का भी जवाब दिया.


पढ़ें शिखर सम्मेलन 2020 में कही गई अमित शाह की 15 बड़ी बातें:-


1. महाराष्ट्र में भाजपा को अपने साथी के साथ पूर्ण बहुमत था, लेकिन विचारधारा को तोड़कर कांग्रेस ने शिवसेना के साथ सरकार बनाई तो मीडिया कांग्रेस से सवाल क्यों नहीं पूछता, सिर्फ भाजपा से सवाल क्यों पूछा जाता है?


2. हमें अपेक्षा नहीं थी कि विपक्ष देश को इतना गुमराह करेगा. गलतफहमी फैलाई गई कि सीएए से देश के अल्पसंख्यकों की नागरिकता चली जाएगी, लेकिन विपक्ष नागरिकता संशोधन कानून को पढ़कर बता दे कि इसमें कहां पर किसी की भी नागरिकता लेने का प्रावधान है.


3. प्रधानमंत्री ने भी ये कहा है, अभी एनआरसी नहीं आ रहा है और मैं भी कह रहा हूं कि अभी एनआरसी की चर्चा ही नहीं है. अभी नहीं आ रहा है. अभी आंदोलन क्यों हो रहे हैं? अभी केवल सीएए आया है.


4.सीएए में हमने पाकिस्तान, अफगानिस्तान और बांग्लादेश में रह रहे सारे अल्पसंख्यकों को शामिल किया है. वहां के बहुसंख्यकों को इसमें शामिल नहीं किया गया है. फिर किसी के साथ भेदभाव का सवाल ही नहीं.


5. ये बात केवल मैंने ही नहीं बल्कि महात्मा गांधी, जवाहर लाल नेहरू, राजेंद्र प्रसाद, आचार्य कृपलानी, मौलाना आजाद सबने बार बार कही है और नेहरू-लियाकत समझौता भी यही कहता है. इस देश का विभाजन अगर धर्म के आधार पर कांग्रेस पार्टी न करती तो आज ये स्थिति देखनी ही न पड़ती.


6. शरणार्थियों की कॉलोनियों में न बिजली है, न शिक्षा है, न स्वास्थ्य है, न स्वाभिमान, कुछ नहीं है, रोजगार भी थोड़ा बहुत. आखिर वो कहां जांए. वो अपने ही देश के लोग हैं. 1947 के समय अपना ही देश था. जितने भी शरणार्थी आए हैं वो हमारे ही हैं, हमारे ही भाई हैं. भारत सरकार की जिम्मेदारी है कि उन्हें सम्मान के साथ अधिकार दिए जांए. सीएए में हमने कट ऑफ डेट डाली है कि जो 31 दिसंबर 2014 तक देश में आए हैं उन्हें ही नागरिकता दी जाएगी.


7. जनगणना हर 10 साल के बाद होती है. इस बार भी 10 साल के बाद होगी. पहले 2011 में हुई थी इस बार 2021 में होनी है. NPR भी 10 साल पहले हुआ था, अब फिर होना है. ये कोई नई बात नहीं है. कांग्रेस ने बार-बार किया है और वही कांग्रेस आज हमसे सवाल पूछ रही है.


8. जनगणना और एनपीआर में आपसे कोई दस्तावेज नहीं मांगा जाएगा. जो आप जानकारी देते हो, उसे नोट किया जाएगा. इसमें नाम, जन्म स्थान जैसे सवाल पूछे जाने वाले हैं और वो हर बार पूछे जाते हैं.


9. अल्पसंख्यक को इसलिए चिंता करने की जरूरत नहीं है, क्योंकि जब देश आजाद हुआ तो पाकिस्तान में अल्पसंख्यकों की संख्या लगभग 30% थी, जो अब लगभग 3% रह गई है. लेकिन यहां माइनॉरिटीज की संख्या घटी नहीं, बल्कि बढ़ी है.


10. सीएए को समझने के लिए जो भी मुझे मिलना चाहता है, उसके लिए मेरे घर का रास्ता 24 घंटे खुला है. रात के 3 बजे घर की घंटी बजा सकते हैं. किसी को दूरी रखने की जरूरत नहीं है. मैं अच्छे से समझाऊंगा, अगर वो समझना चाहता है तो.


11. हिंसा में पुलिस को अपनी भी जान बचानी होती है और लोगों की भी बचानी होती है. जब लोग बस को जलाते हैं और उसमें 50 लोग बैठे हैं, तो उनकी भी चिंता करनी है. कोई ये नहीं पूछ रहा है कि बस क्यों जली?.


12. कश्मीर में स्थिति पूरी तरह नियंत्रण में हैं और जो रूटीन में चलता है वहां सब कुछ चल रहा है. दुकानें, घर, संस्थान सभी अच्छे से चल रहे हैं. जहां तक कश्मीर में तीनों नेताओं को छोड़ने की बात है, ये वहां के प्रशासन पर निर्भर करता है,


13. आर्थिक मंदी सिर्फ देश में नहीं है, पूरी दुनिया में है. प्रधानमंत्री और निर्मला जी ने ढेर सारे कदम उठाए हैं, हम जल्द इससे निकलकर बाहर आएंगे. पूरी उम्मीद है कि इसी तिमाही से हम आगे बढ़ने लगेंगे.


14. देश की सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि राम मंदिर निर्माण के लिए 3 महीने के अंदर ट्रस्ट का निर्माण करना है. सरकार उस पर काम कर रही है और सभी लोगों से चर्चा कर रही है और जैसे ही इस पर निर्णय होगा तो हम उसे सार्वजनिक कर देंगे.


15. बंगाल के चुनाव में हम दो तिहाई बहुमत से सरकार बनाने जा रहे हैं. भाजपा की सरकार बनना वहां सुनिश्चित है. बंगाल की जनता टीएमसी के शासन से परेशान हो चुकी है.



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