Haryana Assembly Election 2019: हरियाणा विधानसभा चुनाव की तारीखों का एलान होने से पहले सत्ताधारी बीजेपी को बड़ी कामयाबी मिली है. एनडीए की सहयोगी शिरोमणि अकाली दल ने हरियाणा में बीजेपी के साथ गठबंधन करने का एलान किया है. अकाली दल का कहना है कि वह राज्य में बीजेपी के साथ मिलकर ही चुनाव लड़ेगा. इससे पहले शिरोमणि अकाली दल हरियाणा में इंडियन नेशनल लोकदल के साथ मिलकर चुनाव लड़ता रहा है.
बीजेपी के साथ मिलकर चुनाव लड़ने का फैसला शिरोमणि अकाली दल की कोर कमेटी ने लिया. इस मीटिंग की अध्यक्षता पार्टी चीफ सुखबीर सिंह बादल ने की थी. इससे पहले पार्टी ने जानकारी दी थी कि वह चुनाव लड़ने के लिए इच्छुक उम्मीदवारों का 22 सितंबर को इंटरव्यू लेगी. पार्टी ने टिकट के लिए एप्लिकेशन देने की तारीख 22 सितंबर तय की है.
इनेलो के लिए बड़ा झटका
अपने सबसे मुश्किल दौर से गुजर रही इंडियन नेशनल लोकदल के लिए शिरोमणि अकाली दल का साथ छोड़ना किसी बड़े झटके से कम नहीं है. प्रकाश सिंह बादल को चौटाला परिवार का नजदीकी माना जाता है. इससे पहले शिरोमणि अकाली दल इनेलो के साथ मिलकर ही हरियाणा में चुनाव लड़ती रही है. 2014 के विधानसभा चुनाव में अकाली दल का एक उम्मीदवार जीत दर्ज करने में कामयाब हुआ था.
ये रही अलग होने की वजह
अकाली दल के इनेलो का साथ छोड़ने की दो बड़ी वजह हैं. दुष्यंत चौटाला के जननायक जनता पार्टी बनाने के बाद इनेलो राज्य में अपना आधार पूरी तरह से खो चुकी है. लोकसभा चुनाव में इनेलो को 2 फीसदी वोट ही मिले. ऐसी बुरी स्थिति अकाली दल का इनेलो के साथ जाना फायदा का सौदा नहीं हो सकता. इसके अलावा हरियाणा और पंजाब के बीच सतलुज यमुना लिंक नहर का विवाद भी है. सतलुज यमुना लिंक नहर के लिए 2016 में इनेलो ने मुहिम छेड़ी थी. उस वक्त पंजाब में अकाली दल की सरकार थी. सतलुज यमुना लिंक नहर विवाद की वजह से दोनों पार्टियों के बीच दरार आ गई थी.
Explained: 2014 में बीजेपी ने पहली बार फतह किया था हरियाणा का किला, हाशिए पर हैं विपक्षी पार्टियां