मुंबई: जब थानेदार हो अपना तो फिर काहे का डरना. जी हां, महाराष्ट्र में ठाकरे सरकार बनने के बाद शिवसैनिकों का रवैया कुछ ऐसा ही है. अब तक 2 ऐसे मामले हो चुके हैं जहां शिवसैनिकों ने उद्धव ठाकरे पर टिप्पणी करने वाले पर हमला किया है. महाराष्ट्र का गृह मंत्रालय फिलहाल शिवसेना के पास ही है.


ताजा घटना महाराष्ट्र के बीड़ जिले की है, जहां पंचायत समिति में विस्तार अधिकारी के तौर पर काम करने वाले सुनील कुलकर्णी पर महिला शिवसैनिकों ने हमला कर दिया. उनके ऊपर स्याही फेंकी गई और उन्हें धमकाया गया. दरअसल ये महिला शिवसैनिक कुलकर्णी की ओर से फेसबुक पर की गई एक टिप्पणी से गुस्साई हुई थी. कुलकर्णी ने हिंदुत्व के मुद्दे पर शिवसेना के नरम पड़े रवैया को लेकर टिप्पणी की थी.


शिवसेना के अध्यक्ष उद्धव ठाकरे के मुख्यमंत्री बनने के बाद महीने भर में ये दूसरा इस तरह का मामला है, जहां शिवसैनिकों ने फेसबुक पर की गई टिप्पणी को लेकर किसी को निशाना बनाया हो. 2 हफ्ते पहले भी मुंबई के वडाला इलाके में शिवसैनिकों ने एक दवा की कंपनी में काम करने वाले हीरामणि तिवारी नाम के शख्स की पिटाई कर दी थी और उसका मुंडन कर दिया था.


उस घटना की शिकायत मिलने के बाद भी मुंबई पुलिस ने आरोपी शिवसैनिकों के खिलाफ तब तक कोई कार्रवाई नहीं की जब तक बीजेपी ने इस मामले में हस्तक्षेप नहीं किया. मामला तूल पकड़ता देख पुलिस ने उन शिवसैनिकों को बुलाकर तकनीकी तौर पर गिरफ्तार तो कर लिया लेकिन कुछ देर बाद ही उन्हें जमानत भी दे दी. किसी को भी सलाखों के पीछे एक रात भी नहीं गुजारनी पड़ी.


शिवसेना अपने ऐसे ही हिंसक तेवरों की वजह से हमेशा चर्चा में रही है. इससे भी पहले कई ऐसे मामले हो चुके हैं जहां शिवसैनिकों ने किसी को मुंह काला किया हो या फिर उसकी पिटाई की हो. माना जा रहा था कि उद्धव ठाकरे के मुख्यमंत्री बनने के बाद और एनसीपी और कांग्रेस के साथ मिलकर सरकार बनाने के बाद शिवसेना तेवरों में बदलाव आएगा और वो अपने प्रति की जाने वाली निंदा को लेकर नरम रवैया अपनाएगी लेकिन वैसा होते हुए नहीं दिख रहा है.


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