नई दिल्ली/मुंबई: 2019 के लोकसभा चुनाव से पहले राम मंदिर का मुद्दा लगातार गरमाता जा रहा है. अलग-अलग पार्टियां इस मुद्दे को भुनाने की कोशिश में लगी हुई हैं. कुछ वक्त पहले राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ ने घोषणा की थी कि वो राम मंदिर निर्माण के लिए अयोध्या में 25 नवंबर को हुकांर रैली का आयोजन करने जा रहा है. आरएसएस के इस की घोषणा पर बीजेपी की सहयोगी शिवसेना ने तंज कसा है. अपने मुखपत्र सामना में शिवसेना ने कहा कि ऐसी हुंकार रैली निकालकर अगर राम मंदीर निर्माण होने वाला है, तो 25 साल पहले करसेवकों की बलि क्यों दी गई?


शिवसेना ने अपने मुखपत्र के संपादकीय में कहा, "25 नवंबर को जिस हुंकार रैली का आयोजन किया गया जा रहा है उसके लिए किस पंचांग को देखकर तारीख तय की गई है? शिवसेना अयोध्या जाने वाली है ये सुनकर कई लोगों के घर के कैलेंडर और पंचांग फड़फड़ा उठे हैं. जब तक हम नहीं निकले थे सब चुप थे अब सब जाग उठे हैं. हम अयोध्या शक्ति प्रदर्शन करने नहीं बल्कि राम जी को जेल से रिहा करने जा रहे हैं."


शिवसेना से पहले अन्य विपक्षी पार्टियां भी राम मंदिर निर्माण को लेकर बीजेपी पर हमलावर रुख अख्तियार कर चुकी हैं. खुद आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत ने भी बीजेपी से राम मंदिर निर्माण के लिए कानून बनाने की मांग कर चुके हैं. आज सुप्रीम कोर्ट ने अयोध्या के राम जन्मभूमि-बाबरी मस्जिद केस पर जल्द सुनवाई से इनकार कर दिया. चीफ जस्टिस रंजन गोगोई ने अपील ठुकराते हुए कहा कि हमने जनवरी के पहले हफ्ते में सुनवाई के लिए तारीख तय की है. हम इसपर जल्दी करने की कोई जरूरत नहीं समझते हैं.


VIDEO: जब बीजेपी सांसद ने अपनी ही सरकार पर कसा तंज