Shiv Sena Attack on Eknath Shinde Government: महाराष्ट्र (Maharashtra) में सत्ता परिवर्तन के बाद शिवसेना (Shiv Sena) बौखलाई सी नजर आने लगी है. हर रोज सामना (Saamana) के जरिए अपनी भड़ास निकाल रही है. सामना के ताजा संपादकीय में एक बार फिर एकनाथ शिंदे सरकार (Eknath Shinde), बीजेपी (BJP) और पीएम नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) पर हमला किया गया है. सामना में कहा गया है कि सवाल इतना है कि वर्तमान सरकार यानी ‘उधारी का माल’ है. शिंदे-फडणवीस के आने से महाराष्ट्र को सब कुछ मिलेगा. कोई कमी नहीं होने दी जाएगी, ऐसा प्रधानमंत्री मोदी कहते हैं.


वे बुलेट ट्रेन देंगे, जीएसटी बकाए का भुगतान करेंगे, आरे में जंगल काटने देंगे, ‘ईडी’ की जांच बंद कर देंगे. उसके बदले में केवल मुंबई सहित महाराष्ट्र के तीन टुकड़े शिंदे-फडणवीस से करवा लेंगे. yrpshr ने हर बार शिवसेना के पैर काटने और पंख छांटने का काम किया. उसी विद्रोह की चिंगारी से महाविकास आघाड़ी की सरकार आई. शिंदे ने आज शिवसेना को तोड़कर बीजेपी की मदद से नई सत्ता लाई.


एनडीए सरकार आने के बाद महाराष्ट्र को मिलेगा सबकुछ


महाराष्ट्र में शिंदे की सरकार आई और प्रधानमंत्री मोदी ने वचन दिया कि महाराष्ट्र को कुछ भी कम पड़ने नहीं दिया जाएगा. दिल्ली की सरकार राज्य से शिवसेना के मुख्यमंत्री चले जाएं इसके लिए पानी में भगवान को रखकर बैठी थी. जब तक सत्ता नहीं चली जाती तब तक महाराष्ट्र को उसके अधिकार का कुछ नहीं देने का जैसे निर्धार ही कर रखा था. शिंदे और फडणवीस की सरकार को जो चाहिए वो देंगे. उसके बदले में यह जोड़ी बीजेपी को अगली विधानसभा में दो सौ सीटें दिलवाएगी. सौभाग्य विपक्ष का कि उन्होंने 288 सीटों का वादा नहीं किया. अलग गुट के नेता व मुख्यमंत्री शिंदे कहते हैं कि उनके साथ आए 50 विधायकों में से एक का भी पराभव नहीं होगा.  इसे महाराष्ट्र की जागरूक जनता पर दिखाया गया अविश्वास कहें कि जैसे विधायकों को खरीदा जा सकता है, वैसे ही मतदाताओं को भी खरीद लेने का आत्मविश्वास?


एकनाथ शिंदे और देवेंद्र फडणवीस नाइट किंग


इसी बीच आदित्य ठाकरे ने आह्वान को स्वीकार करके कहा कि भागकर गए विधायक फिर चुनकर कैसे आते हैं, उसे देखा जाएगा. आदित्य ठाकरे कहते हैं उस बयान में ज्यादा जोर है. शिंदे के शरीर में नई हल्दी लगी है इसलिए उनका आत्मविश्वास से बोलना समझना चाहिए. फडणवीस और वे कैसे  गुपचुप मिलते थे, यह रहस्यमय कहानी शिंदे ने बताई. विधायकों के सोने के बाद वे निकलते थे और उठने से पहले वापस आ जाते थे. इस तरह ये दोनों ‘नाईट किंग’ काम करते थे. अब दो सौ सीटें चुनकर लाने का उनका वादा है. बाजार में हमेशा उधारी चलती रहती है. उधारी का मतलब क्या? सामान पहले कुछ दिनों के लिए ग्राहकों के कब्जे में देना और उसके पैसे दुकानदार को बाद में देना. कभी-कभी यह उधारी डूब जाती है. शिंदे-फडणवीस का यह बयान यानी बाजार का ‘उधारी का माल’ है.


मौजूदा सरकार उधारी का माल


बतौर मुख्यमंत्री शिंदे ने जोरदार टिप्पणियां कीं. पार्टी छोड़ते हुए उन सभी प्रकारों को एक नैतिकता का आधार मिल सके इसलिए नारायण राणे, छगन भुजबल इत्यादि नेता जैसे भावुक हो गए थे, वही भाव मुख्यमंत्री शिंदे ने भी लाया. वे विचलित और बेचैन हो गए. उनकी आंखों के किनारे भीग गए. ऐसे बहुत से ड्रामे हुए हैं. सवाल इतना है कि वर्तमान सरकार यानी ‘उधारी का माल’ है. इसलिए यह उधारी चुकाई कैसे जाए? यही सवाल है.


बीजेपी ने काटे शिवसेना पर


‘राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (NCP) शिवसेना (Shiv Sena) को निगल रही थी इसलिए बाहर हो गए.’ इसका कोई अर्थ नहीं. बीजेपी (BJP) के साथ सत्ता में रहते हुए इससे अलग क्या हुआ था? बीजेपी ने हर बार शिवसेना के पैर काटने और पंख छांटने का काम किया. उसी विद्रोह की चिंगारी से महाविकास आघाड़ी (MVA) की सरकार आई. उस सरकार में शुरुआत में ही शिंदे (Eknath Shinde) को मुख्यमंत्री का पद मिल गया होता तो उनके विचार आज अलग होते. शिंदे ने आज शिवसेना को तोड़कर बीजेपी की मदद से नई सत्ता लाई. वह उनके लिए लाभान्वित साबित हो.


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