नई दिल्ली: कोरोना की दूसरी लहर के दौरान ऑक्सीजन की कमी से मौत को लेकर केंद्र के बयान के बाद राजनीति गरमा गई है. स्वास्थ्य मंत्रालय के इस बयान को लेकर विपक्ष मोदी सरकार को घेर रहा है. केंद्र सरकार पर संवेदनहीनता के आरोप लग रहे हैं. शिवसेना ने भी इस मुद्दे पर केंद्र सरकार पर हमला बोला है.
शिवसेना सांसद संजय राउत ने कहा, ''मेरे पास शब्द नहीं हैं. ऑक्सीजन की कमी से अपनों को खोने वाले इस बयान को सुनकर उनके परिवारों का क्या होगा? सरकार के खिलाफ मुकदमा दर्ज होना चाहिए. वे झूठ बोल रहे हैं.''
शिवसेना पर बीजेपी का पलटवार
संजय राउत के इस बयान पर केंद्रीय मंत्री मीनाक्षी लेखी ने पलटवार किया, उन्होंने कहा कि ऑक्सीजन की कमी के कारण महाराष्ट्र राज्य में होने वाली मौतों की संख्या बताएं. मीनाक्षी लेखी ने ट्वीट किया, ''संजय राउत जी मैं शिवसेना और कांग्रेस की दोहरी बात से स्तब्ध हूं. कृपया केंद्र सरकार और मीडिया को भी ऑक्सीजन की कमी के कारण महाराष्ट्र राज्य में होने वाली मौतों की संख्या बताएं. दिल्ली राज्य पर भी यही तर्क लागू होता है जो महामारी का केंद्र था.''
विशेषाधिकार हनन प्रस्ताव लाएगी AAP
केंद्र सरकार पर महामारी के दौरान मौतों को लेकर सच छुपाने के आरोप लग रहे हैं. दिल्ली सरकार कह रही है कि सरकार जले पर नमक छिड़क रही है. वहीं आम आदमी पार्टी ने कहा है कि वो सरकार के इस बयान को लेकर संसद में विशेषाधिकार हनन का प्रस्ताव लाएगी.
राज्यसभा में सरकार ने क्या कहा?
स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि राज्य सरकारें आंकड़े देती है, हम कंपाइल करके उसे छापते हैं. केंद्र सरकार की इससे ज्यादा कोई भूमिका नहीं होती इस जवाब में स्वास्थ्य मंत्री ने ये भी साफ कर दिया कि स्वास्थ्य व्यवस्था राज्यों के अधिकार क्षेत्र का मुद्दा है. राज्यों ने केंद्र को भेजी रिपोर्ट में ऑक्सीजन की कमी से लोगों की मौत का जिक्र नहीं किया. मतलब ये कि विपक्ष के सवालों की जवाबदेही केंद्र सरकार ने राज्यों पर डाल दी. सवाल ये भी है कि राज्यों ने ऑक्सीजन की कमी की वजह से हुई मौतों का आंकड़ा केंद्र को क्यो नहीं दिया ?