मुम्बई: शिवसेना ने शुक्रवार को कहा कि पाकिस्तान के लिए कश्मीर अब बंद अध्याय है. पार्टी ने कहा कि सीमावर्ती राज्य का विशेष दर्जा खत्म किए जाने के बाद इस्लामाबाद द्वारा कूटनीतिक संबंधों में कमी लाने से नई दिल्ली की तुलना में उसे ज्यादा नुकसान होगा.
इस हफ्ते की शुरुआत में केंद्र सरकार ने संविधान के अनुच्छेद 370 के तहत जम्मू-कश्मीर को दिए गए विशेष दर्जा को समाप्त कर दिया और राज्य को दो केंद्र शासित क्षेत्रों - जम्मू-कश्मीर तथा लद्दाख में बांट दिया. पाकिस्तान ने भारत के साथ राजनयिक संबंधों को कम करने के निर्णय के तहत बुधवार को भारत के उच्चायुक्त अजय बिसारिया को अपने देश से हटा दिया था.
शिवसेना के मुखपत्र ‘सामना’ के संपादकीय में इस्लामाबाद की प्रतिक्रिया को महत्वहीन करार देते हुए कहा गया है, ‘‘पाकिस्तान और क्या कर सकता है?.’’ शिवसेना ने भारत के साथ राजनयिक संबंधों को कमतर करने के लिए पाकिस्तान को ‘‘धन्यवाद’’ देते हुए कहा कि इस्लामाबाद को स्वीकार कर लेना चाहिए कि कश्मीर मुद्दा उसके लिए बंद अध्याय है और उनके पास अब केवल पीओके है जिसका जल्द समाधान हो जाएगा.
इस्लामाबाद के कई हिस्से में भारत समर्थक बैनरों और शिवसेना के नेता संजय राउत के उस पर उद्धृत बयानों के बारे में संपादकीय में कहा गया है कि भगवा संगठन पाकिस्तान के क्षेत्र में प्रवेश कर गया है और भारतीय सेना भी वहां पहुंचेगी. एक बैनर पर राउत का बयान लिखा था, ‘‘आज जम्मू-कश्मीर लिया है, कल बलूचिस्तान, पीओके लेंगे. मुझे विश्वास है देश के प्रधानमंत्री अखंड हिंदुस्तान का सपना पूरा करेंगे.’’
मराठी दैनिक में लिखा गया है कि संबंधों को कमतर करने से भारत की तुलना में पाकिस्तान को ज्यादा नुकसान होगा. इसमें कहा गया है कि शिवसेना कई वर्षों से मांग करती रही है कि नयी दिल्ली में पाकिस्तानी उच्चायोग को बंद किया जाए क्योंकि कश्मीरी अलगाववादियों को वहां से वित्त पोषण होता है.
बीजेपी की सहयोगी पार्टी ने कहा कि यह सबको पता है कि कश्मीरी आतंकवादी ‘‘भारत विरोधी षड्यंत्रों’’ के लिए पाकिस्तान उच्चायोग आते हैं. अखबार में लिखा गया है, ‘‘अगर पाकिस्तान ने नयी दिल्ली में अपना उच्चायोग बंद नहीं किया होता तो उसके उच्चायुक्त को यहां से भागना पड़ता क्योंकि यहां काफी गुस्सा है.’’
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