शिवसेना (Shivsena) ने अपने मुखपत्र सामना (Saamana) में देश में बेरोजगारी, कश्मीर समस्या और ज्ञानवापी मस्जिद जैसे मुद्दों को लेकर बीजेपी (BJP) पर निशाना साधा है. शिवसेना ने सामना के संपादकीय में लिखा है कि देश में बेरोजगारी (Unemployment) का आंकड़ा बढ़ता ही जा रहा है. पंजाब और कश्मीर अशांत हो गया है और राजनीति अलग ही दिशा में भटक रही है. देश की नई पीढ़ी किस दिशा में जा रही है? ऐसे समय पर विश्व का मार्गदर्शन करने वाले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) मौन हैं, इसका आश्चर्य है.
बीजेपी को सिर्फ एक धर्म का बलिदान दिखता है- शिवसेना
सामना में लिखा है, ''हिंदू और मुसलमान की परवाह किए बिना कश्मीर घाटी में आतंकवादियों का खूनी खेल जारी है. जो लोग देश की तरफ हैं, उन्हें खत्म करना आतंकियों की नीति है. घाटी में पिछले दो महीनों में 12 मुस्लिम पुलिस अधिकारी मारे गए हैं. बीजेपी को केवल एक समुदाय, एक धर्म का ही बलिदान दिखाई देता है. यह ‘राष्ट्रीय’ एकता का लक्षण नहीं है. देश के लिए बलिदान देने वाले हिंदू का जितना सम्मान होता है, उतना ही सम्मान इस देश के लिए कुर्बानी देनेवाले मुसलमान का भी होना चाहिए.'' संपादकीय में आगे लिखा गया है, ''जापान में ‘क्वाड’ देशों की बैठक में प्रधानमंत्री मोदी सहित दुनियाभर के प्रमुख नेता इकट्ठा हुए. वे सभी नेता चल रहे हैं और उसमें सबसे आगे हमारे प्रधानमंत्री मोदी हैं, यह तस्वीर हिंदुस्थान में प्रसिद्ध हुई, जो खुशी की बात है. लेकिन उसी वैश्विक मंच पर हमारी बेरोजगारी दर सबसे ज्यादा है, उसका क्या?''
सामना में शिवसेना ने लिखा, ''औरंगजेब की कब्र का मुद्दा बीजेपी ने खोदकर निकाला है. बाबरी की तरह औरंगजेब की कब्र भी राष्ट्रीय अस्मिता का मुद्दा है तो बीजेपी कुदाल-फावड़ा लेकर उस कब्र का बाबरी करने की हिम्मत दिखाए. हालांकि सच्चाई यह है कि औरंगजेब की कब्र भारत सरकार के पुरातत्व विभाग के अंतर्गत आती है और अब यह कब्र पर्यटकों के लिए खोलने का निर्णय पुरातत्व विभाग ने लिया है. इस पर बीजेपी मंडल का क्या कहना है? आज देश की राजनीति से मानवता के नाते और सम्मान नष्ट हो गए हैं. अपने देश की राजनीति को हम मोड़ नहीं दे सके तो विश्व को क्या दिशा देंगे?''
देश की नई पीढ़ी किस दिशा में जा रही है?- शिवसेना
शिवसेना ने कहा, ''हमारे देश में मौजूदा राजनीति का जो खेल चल रहा है, उसे देखकर सजग जनता का मन कुंठित हो गया है. लोगों को भड़काना, उन्हें आग लगाने के लिए प्रेरित करना यही राजनीति है, ऐसा हमारे नेताओं को लगता है. आंध्र प्रदेश में परिवहन मंत्री पिनिपे विश्वरूप के घर को गुस्साए लोगों ने जला दिया, क्योंकि नवगठित कोनासीमा जिले का नाम बदलकर डॉ. बाबासाहेब आंबेडकर कोनासीमा जिला रख दिया गया. इस पर लोग भड़क गए. डॉ. बाबासाहेब आंबेडकर के नाम से यह देश खड़ा है और उनके नाम का विरोध होना, आश्चर्यजनक है. देश की नई पीढ़ी किस दिशा में जा रही है? औरंगाबाद का नाम संभाजीनगर रखने की मांग पुरानी है. इस पर केंद्र सरकार क्यों निर्णय नहीं ले रही? संभाजीनगर के नामांतरण के मुद्दे को लेकर दंगे हों और उस आग में राजनीति की रोटियां सेंकी जाएं, क्या ऐसी किसी की मंशा है?''
हिन्दुस्तान में इस समय बेरोजगारी सबसे बड़ी चुनौती- शिवसेना
सामने में आगे कहा गया, ''दुनिया में सबसे ज्यादा बेरोजगारी (Unemployment) हिन्दुस्तान में है. ऐसा विश्व अर्थशास्त्री कौशिक बसु ने स्पष्ट किया है. धार्मिक-जातीय ध्रुवीकरण ने देश की बुनियाद ही हिला दी है. हिन्दुस्तान (India) में इस समय बेरोजगारी सबसे बड़ी चुनौती है. कौशिक के अनुसार बेरोजगारी दर 24 फीसदी तक पहुंच गई है, जो दुनिया में सबसे ज्यादा है. पिछले सात सालों में देश में उद्योग बंद हो गए, नए उद्योग नहीं आए. देश में माहौल उद्योगों के लिए ठीक नहीं है. सरकार (BJP Govt) अपने चहेते उद्योगपतियों के लिए रास्ता खोल रही है. हवाई अड्डे से लेकर सार्वजनिक कंपनियों तक के सार्वजनिक उपक्रम उन्हीं उद्योगपतियों की जेब में ठूंस रही है. इसे विकास (Dovelopment) कैसे कहा जाए? इससे बेरोजगारी कैसे कम होगी? दुनिया में सबसे अधिक बेरोजगारी दर वाले देश का नेतृत्व प्रधानमंत्री मोदी (PM Modi) करते हैं और उस नाते वे अंतरराष्ट्रीय मंच पर घूमते हैं तो आश्चर्य होता है.''
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