नई दिल्ली: सर्दी के मौसम में पिछले कुछ दिनों से महाराष्ट्र की सियासत का तापमान बढ़ा हुआ है. केंद्र और राज्य में बीजेपी की सहयोगी शिवसेना लगातार सरकार और उसकी नीतियों को लेकर हमलावर है.


ऐसे में परसों पश्चिम बंगाल की सीएम ममता बनर्जी ने शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे से मुलाकात की तो सियासी पारा और चढ़ गया. इस मुलाकात ने एनडीए के भविष्य पर भी सवाल उठाने शुरू कर दिए.


इस हाईप्रोफाइल मुलाकात पर अब शिवसेना की ओर से प्रतिक्रिया आई है. शिवसेना अपने मुखपत्र सामना में मुलाकात पर जवाब देते एक बार फिर बीजेपी पर हमला बोला है.


सामना में 'हां, ममता से मिला!' शीर्षक के साथ लिखा है, ''हां, हमने ममता बनर्जी से मुलाकात की. हमारी मुलाकात से से अगर किसी के पेट में मरोड़ शुरू हुई तो यह उनका दोष है. ममता बाजपेयी के समय में एनडीए में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती थीं, वे सरकार में भी थीं.''


सामना में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और पाक के पूर्व प्रधानमंत्री नवाज शरीफ की मुलाकात को भी निशाना बनाया गया है. सामना में आगे लिखा है, ''दो वर्ष पहले अफगानिस्तान से आते समय प्रधानमंत्री मोदी वापस आते समय पाकिस्तान चले गए नवाज शरीफ से 'गलबहियां' कीं, उनके साथ 'चाय पर चर्चा' भी की. पाकिस्तान जैसे कट्टर दुश्मन राष्ट्र के प्रमुख से इस तरह 'अचानक मुलाकात का कारण क्या था? इस मुलाकात के कारण दुश्मनी उस चाय के कप में पिघल गई हो ऐसा भी नहीं हुआ."


इसके साथ ही समाना में प. बंगाल में वामपंथियों को हराने के लिए ममता बनर्जी की जमकर तारीफ की गई है. सामना में लिखा है कि ममता बनर्जी ने बिना ईवीएम खरीदे ही वामपंथियों को हराया.


सामना में कश्मीर में महबूबा मुफ्ती के साथ सराकर बनाने पर भी बीजेपी की आलोचना की गई है. सामना में लिखा, "हमारी ममता बनर्जी के साथ मुलाकात पर जो शोर मचा रहे हैं उन्होंने मेहबूबा मुफ्ती के साथ हरे गलीचे पर कौन सी ओरी डाली है. वहां पाकिस्तान वादी और अलगाववादियों के साथ सत्ता की मलाई खाना यहां खुद की बगलें खुजाते हुए दूसरों को मुस्लिमवादी ठहराना.''