मुंबईः महाराष्ट्र में मुख्यमंत्री पद को लेकर जारी विवाद के बीच शिवसेना ने बीजेपी पर करारा हमला बोला है. फड़णवीस सरकार में वित्तमंत्री सुधीर मुनगंटीवार के बयान पर पलटवार करते हुए शिवसेना ने सामना में लिखा है कि क्या राष्ट्रपति आपकी जेब में हैं? सामना में शिवसेना ने लिखा कि राष्ट्रपति की मुहरवाला रबर स्टैंप राज्य के बीजेपी ऑफिस में ही रखा हुआ है. बीजेपी का शासन नहीं आया तो इस मुहर का प्रयोग कर राज्य में आपातकाल लागू किया जा सकता है.
शिवसेना ने कहा, ''राष्ट्रपति की मुहरवाला रबर स्टैंप राज्य के बीजेपी ऑफिस में ही रखा हुआ है और बीजेपी शासन नहीं आया तो इस स्टैंप का प्रयोग करके महाराष्ट्र में राष्ट्रपति शासन का आपातकाल लाद सकते हैं, इस धमकी का जनता ये अर्थ समझे क्या?''
संविधान किसी का गुलाम नहीं
शिवसेना ने कहा, ''महाराष्ट्र में राष्ट्रपति शासन की धमकी मत दो. कानून, संविधान और संसदीय लोकतंत्र की प्रथा और परंपरा हमें पता है. कानून और संविधान किसी का गुलाम नहीं. महाराष्ट्र में फिलहाल जो झमेला चल रहा है, उसकी चिंगारी हमने नहीं फेंकी है, जनता ये जानती है. सार्वजनिक जीवन में नैतिकता निचले पायदान पर पहुंच चुकी है.''
सामना में शिवसेना ने कहा, ''लोकतंत्र में बहुमत का आंकड़ा हो या न हो, किसी और को सत्ता में नहीं आने देने वाले घमंड की हार हो चुकी है. यही लोग राज्य में राष्ट्रपति शासन लगाने की चेतावनी दे रहे हैं. ऐसी धमकियों से महाराष्ट्र को फर्क नहीं पड़ता. राष्ट्रपति शासन लगाने की धमकी देनेवाले पहले सरकार बनाने का दावा तो पेश करें! फिर आगे देखेंगे. राष्ट्रपति संविधान की सर्वोच्च संस्था हैं. वे व्यक्ति नहीं बल्कि देश हैं.''
सुधीर मुनगंटीवार का बयान
इससे पहले सुधीर मुनगंटीवार ने कहा था कि अगर राज्य में सात नवंबर तक नई सरकार नहीं बनती है तो महाराष्ट्र में राष्ट्रपति शासन लागू हो सकता है. उन्होंने यह भी कहा कि सरकार गठन में मुख्य बाधा शिवसेना की ढाई साल के लिए मुख्यमंत्री पद की मांग है.
उनकी यह टिप्पणी तब ऐसे समय में आई है जब नतीजे घोषित होने के 9 दिन बाद भी राज्य में सरकार गठन को लेकर कोई स्थिति साफ नहीं हो पाई है. बता दें कि मौजूदा विधानसभा का कार्यकाल आठ नवंबर को खत्म होगा.
देवेंद्र फड़णवीस को नामित कर दिया है CM
मुनगंटीवार ने एक टीवी चैनल से कहा कि दीपावली उत्सव के कारण बीजेपी और शिवसेना के बीच बातचीत में देर हुई. एक या दो दिन में बातचीत शुरू होगी.
मुनगंटीवार ने साफ किया, ''हमने पहले ही देवेंद्र फड़णवीस को नामित कर दिया है.'' गतिरोध की बात स्वीकार करते हुए उन्होंने कहा, ''हम राज्य स्तर पर गतिरोध को तोड़ने के रास्ते तलाशने के लिए साथ बैठेंगे. अगर आवश्यक हुआ तो बीजेपी का केंद्रीय नेतृत्व हस्तक्षेप करेगा.''
किसके पास कितनी सीट
बता दें कि राज्य में सभी 288 सीटों पर हुए चुनाव में बीजेपी सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी है. बीजेपी के पास 105 सीटे हैं जबकि शिवसेना के पास 56 विधायक हैं. एनसपी के 54 उम्मीदवारों ने जीत दर्ज की थी वहीं कांग्रेस के पास 44 विधायक हैं.
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