Maharashtra MLAs Disqualification:  महाराष्ट्र में उद्धव ठाकरे (Uddhav Thackeray) के इस्तीफे के बाद एकनाथ शिंदे (Eknath Shinde) ने नए सीएम के तौर पर शपथ ले ली है, जिसके बाद अब विधानसभा में बहुमत साबित करने की तैयारी की जा रही है. लेकिन शिवसेना (Shiv Sena) ने इसके खिलाफ सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) का दरवाजा खटखटाया है. शिवसेना की तरफ से चीफ व्हिप सुनील प्रभु ने सुप्रीम कोर्ट में अर्जी लगाई है कि जब तक सुप्रीम कोर्ट विधायकों की अयोग्यता पर फैसला नहीं सुना देता, तब तक विधानसभा में नई सरकार के बहुमत परीक्षण पर रोक लगाई जाए. 


राज्यपाल ने बुलाया विधानसभा का विशेष सत्र
शिवसेना नेता ने अपनी अपील में सुप्रीम कोर्ट में चल रही सुनवाई का जिक्र किया है. जिसमें विधायकों की अयोग्यता को लेकर 12 जुलाई तक  यथा स्थिति बहाल रखने को कहा गया था. लेकिन इसके बाद नई सरकार ने शपथ ले ली है. शिवसेना ने सुप्रीम कोर्ट से जल्द सुनवाई की मांग की है. बता दें कि राज्यपाल की तरफ से कल यानी 2 जुलाई को विधानसभा का विशेष सत्र बुलाया गया है. जिसमें शिंदे गुट को अपना बहुमत साबित करना होगा. लेकिन इस बहुमत परीक्षण पर रोक लगाने के लिए अब शिवसेना ने सुप्रीम कोर्ट का एक बार फिर रुख किया है. 


सुप्रीम कोर्ट से लग चुका है झटका
इससे पहले शिवसेना को सुप्रीम कोर्ट से एक झटका लगा था, जिसमें शिवसेना की तरफ से फ्लोर टेस्ट वाले आदेश को रोकने की अपील की गई थी, जिसे सुप्रीम कोर्ट ने ठुकरा दिया. सुप्रीम कोर्ट ने राज्यपाल के आदेश को बरकरार रखा और कहा कि फ्लोर टेस्ट तय समय पर ही होगा. क्योंकि शिंदे गुट की बगावत के बाद एमवीए सरकार बहुमत के आंकड़े से काफी दूर थी, इसीलिए इस फैसले के आधे घंटे बाद ही उद्धव ठाकरे ने सीएम पद से इस्तीफा दे दिया.


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