मुंबईः एक तरफ शिवसेना ने लद्दाख में गलवान घाटी में हुई हिंसक झड़प को लेकर चीनी सैनिकों की निंदा कर चीन को सबक सिखाने की वकालत की है, वहीं दूसरी तरफ राज्य की उद्धव ठाकरे की सरकार चीनी कंपनियों का निवेश महाराष्ट्र में करा रही है.


शिवसेना ने अपने मुखपत्र सामना के संपादकीय में लिखा की, "सूत्र कहते हैं कि चीन के कमांडिंग ऑफिसर और उसके 30-40 सैनिक मारे गए. अब चीन के सैनिक मारे गए, इस पर खुश होकर हम सिर्फ ताली बजाते बैठें क्या? चीन का नुकसान हुआ, यह स्वीकार है. लेकिन हिंदुस्तान की सीमा में चीनी सेना घुस आई है, यह सच होगा तो चीन ने हिंदुस्तान की संप्रभुता पर आघात किया है."


शिवसेना के आक्रमक तेवर के विपरीत दूसरी तरफ उद्धव ठाकरे सरकार ने चीन की तीन कंपनियों सहित विभिन्न देशों की 12 कंपनियों के साथ कुल 16000 करोड़ रुपये के निवेश के सहमति-ज्ञापनों पर साइन किए हैं.


महाराष्ट्र सरकार द्वारा जारी प्रेस रिलीज के मुताबिक तीनों चीनी कंपनियों ने कुल मिलाकर 5000 करोड़ रुपये निवेश करने का प्रस्ताव किया है. ये फैसले सोमवार को ‘‘मैग्नेटिक महाराष्ट्र 2.0’’ सम्मेलन में हुए. इस सम्मेलन में जारी बयान के मुताबिक, इन चीनी कंपनियों में हेंगली इंजीनियरिंग, पीएमआई इलेक्ट्रो मोबिलिटी साल्यूशंस का फोटोन के साथ संयुक्त उद्यम और तीसरी कंपनी ग्रेट वॉल मोटर्स शामिल हैं. ये सभी पुणे जिले के तालेगांव में निवेश करेंगी.


इनमें से हेंगली इंजीनियरिंग 250 करोड़ रुपये का निवेश करेगी जबकि पीएमआई ऑटोमोबाइल क्षेत्र में 1000 करोड़ रुपये का निवेश करेगी. वहीं ग्रेट वॉल मोटर्स 3770 करोड़ रुपये के निवेश से ऑटोमोबाइल कंपनी स्थापित करेगी.


चीन के महाराष्ट्र में निवेश करने के मुद्दे पर विपक्षी बीजेपी ने चुप्पी साध ली. लेकिन 'सामना' के  संपादकीय में पीएम मोदी पर निशाना साधे जाने पर बीजेपी नेता राम कदम ने कहा, "जब शिवसेना को लोकसभा और विधानसभा चुनाव जीतना था तब मोदी जी के गुणगान करते थे आज सोनिया गांधी को खुश करने के लिए और सत्ता की कुर्सी के लिए पीएम मोदी पर निशाना साध रहे हैं ." वहीं एक तरफ शिवसेना द्वारा चीन की निंदा और दूसरी तरफ ठाकरे सरकार द्वारा चीनी कंपनी के साथ करार के मुद्दे पर संजय राउत ने कोई प्रतिक्रिया नहीं दी.


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