मुंबई: महाराष्ट्र में सरकार गठन को लेकर शिवसेना, एनसीपी और कांग्रेस के बीच बात लगभग बन गई है और सरकार गठन की ओर यह गठबंधन बढ़ रहा है. अलग अलग विचारधारा की पार्टी होने से कॉमन मिनिमम प्रोग्राम पर सहमति बन रही है. कांग्रेस-एनसीपी मीटिंग में यह तय हुआ कि कांग्रेस अपनी विचारधारा से कोई समझौता नहीं करेगी. मीटिंग में कॉमन मिनिनम प्रोग्राम का ढांचा तैयार किया गया. विवादित मुद्दों को ना शिवसेना उठाएगी और ना ही कांग्रेस-एनसीपी. इस पर सोनिया गांधी और शरद पवार की मुहर लगी.


शिवसेना, कांग्रेस और एनसीपी सहित छोटे दलों का जो गठबंधन बनेगा उसका नाम महा शिव-आघाड़ी नहीं होगा. इस सरकार का नाम महाराष्ट्र विकास आघाड़ी होगा. इसमें समाजवादी पार्टी, कम्युनिस्ट पार्टी, शेतकारी स्वाभिमान संगठन सहित ग़ैर बीजेपी दलों को सरकार में शामिल होने के लिए निमंत्रण दिया जाएगा.


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सूत्रों के मुताबिक, शिवसेना का ही मुख्यमंत्री 5 साल तक होगा. सरकार में 2 उप मुख्यमंत्री होंगे, एक कांग्रेस का और एक एनसीपी का. एनसीपी ने मांग की थी कि ढ़ाई साल एनसीपी के CM होना चाहिए, हालांकि अधिकतर नेता इसके लिए राजी नहीं हुए. कांग्रेस का उपमुख्यमंत्री का फैसला सोनिया गांधी पर छोड़ा गया.


सरकार गठन को लेकर लगातार मीटिंग का दौर जारी है. गुरुवार को सुबह 9 बजे CWC की मीटिंग के बाद 11 बजे कांग्रेस कोर ग्रुप की बैठक हुई. दोपहर 3 बजे शरद पवार के घर एनसीपी और कांग्रेस की बैठक में फाइनल ड्राफ्ट तैयार होगा. उसे कल मुंबई के वाईबी चव्हाण सेंटर में शिवसेना, कांग्रेस और एनसीपी नेताओं की बैठक में रखा जाएगा. कॉमन मिनिमम प्रोग्राम की जानकारी शिवसेना से साझा होगी. शिवसेना अगर सहमत हुई तो पोर्टफोलियो बंटवारे पर बातचीत होगी. सब कुछ सही रहा तो शनिवार को तीनों दलों के नेता राज्यपाल से मिलेंगे और सरकार बनाने का दावा करेंगे.


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