Shiv Sena Dussehra Rally Highlights: दशहरा के त्योहार पर मुंबई (Mumbai) में शिवसेना के दोनों गुटों ने रैली का आयोजन किया. पार्टी में टूट के बाद एक दिन में दोनों धड़ों ने शक्ति प्रदर्शन किया. मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे (Eknath Shinde) के गुट की रैली बीकेसी में हुई और उद्धव ठाकरे (Uddhav Thackeray) के गुट ने शिवाजी पार्क (Shivaji Park) में दशहरा रैली की. दोनों रैलियों में बड़ी संख्या में लोग पहुंचे थे. जानिए दशहरा रैली से जुड़ी बड़ी बातें. 


1. शिवसेना के दोनों गुटों की रैलियों में बालासाहेब ठाकरे को सम्मान देने के के लिए मंच पर एक कुर्सी खाली रखी गई. सीएम एकनाथ शिंदे ने और उद्धव ठाकरे ने बालासाहेब ठाकरे की कुर्सी पर भी श्रद्धांजलि दी. शिंदे गुट की रैली में 51 फीट की तलवार की 'शस्त्र पूजा' की गई जिसके लिए यूपी के अयोध्या से एक महंत को बुलाया गया था.


2. शिवाजी पार्क की रैली में उद्धव ठाकरे की पत्नी रश्मि ठाकरे और उनके दोनों बेटे आदित्य व तेजस ठाकरे भी पहुंचे. उद्धव ठाकरे ने रैली को संबोधित करते हुए दूसरे गुट पर जमकर निशाना साधा. इशारों-इशारों में उद्धव ठाकरे ने एकनाथ शिंदे पर तंज कसते हुए कहा कि शिवसैनिक कटप्पा को माफ नहीं करेंगे. उन्होंने कहा कि मुझे केवल एक ही बात बुरी लगी और गुस्सा भी आता है कि जब मुझे अस्पताल में भर्ती कराया गया, तो जिन लोगों को मैंने (राज्य की) जिम्मेदारी दी, वे कटप्पा बन गए और हमें धोखा दिया. वे मुझे ही काट रहे थे और सोच रहे थे कि मैं अस्पताल से कभी नहीं लौटने वाला.


3. उद्धव ठाकरे ने कहा कि वे देशद्रोही हैं, गद्दार हैं, मैं उन्हें गद्दार कहूंगा और उनकी इस पहचान को मिटाया नहीं जा सकता. यहां एक भी व्यक्ति पैसा लेकर नहीं आया है. ये वफादार सैनिक हैं. उन्होंने शिवसेना को छोड़ने के लिए बागी विधायकों को कथित तौर पर दिए गए 50 करोड़ रुपये का जिक्र करते हुए कहा कि हर साल की तरह रावण दहन होगा, लेकिन इस बार हमारे पास अलग-अलग रावण हैं. रावण के 10 सिर हैं, लेकिन इस रावण (शिंदे) के पास 50 हैं. ये सिर नहीं हैं बल्कि 50 खोके (करोड़) हैं. उद्धव ठाकरे ने जिस रावण का दहन किया उस पर 50 खोके लिखा हुआ था. 


4. सीएम एकनाथ शिंदे पर निशाना साधते हुए शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे ने कहा कि वह शिवसेना प्रमुख बनने के लायक नहीं हैं. उन्होंने कहा कि क्या आप इसके लायक हैं? क्या आपके पास अपने बारे में कोई विचार है? आप (बाल ठाकरे का जिक्र करते हुए) दूसरों के पिता के नाम को चुराते हैं. अगर हिम्मत है तो अपने पिता के नाम का इस्तेमाल करके चुनाव का सामना करें. 


5. बीजेपी पर निशाना साधते हुए उद्धव ठाकरे ने कहा कि उन्हें बीजेपी से हिंदुत्व सीखने की जरूरत नहीं है. मैं एक हिंदू हूं और हमेशा हिंदू रहूंगा. उद्धव ठाकरे ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर भी हमला किया. उन्होंने कहा कि वह अपने जन्मदिन पर पाकिस्तान के पीएम नवाज शरीफ से मिलने गए थे. हमें उनसे हिंदुत्व सीखने की जरूरत नहीं है, जो पाकिस्तान के प्रधानमंत्री के जन्मदिन पर सिर झुकाने पाकिस्तान चले जाते हैं. 


6. मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने भी बीकेसी में रैली को संबोधित करते हुए उद्धवा गुट पर जमकर प्रहार किया. उन्होंने कहा कि यहां आई भारी भीड़ ये दिखाने के लिए पर्याप्त है कि बालासाहेब ठाकरे की विरासत के सच्चे उत्तराधिकारी कौन हैं. ये आपकी (उद्धव ठाकरे) प्राइवेट लिमिटेड कंपनी नहीं है. शिवसेना उन शिवसैनिकों की है, जिन्होंने इसके लिए अपना पसीना बहाया है. आप जैसे लोगों के लिए नहीं, जिन्होंने पार्टनरशिप की और उसे बेच दिया. आप मुझे कटप्पा कहते हैं मैं आपको बताना चाहता हूं, कि कटप्पा का भी स्वाभिमान था, वह आपकी तरह दोहरे मापदंड का नहीं था.


7. एकनाथ शिंदे ने कहा कि धोखा दिया गया, लेकिन अभी नहीं, 2019 में विधानसभा चुनाव के बाद दिया गया था. महाराष्ट्र के वोटरों ने विधानसभा चुनाव में आपको और बीजेपी को चुना था, लेकिन आपने कांग्रेस और एनसीपी के साथ गठजोड़ कर लोगों को धोखा दिया. उन्होंने आगे कहा कि उद्धव को बाल ठाकरे के स्मारक पर घुटने टेकने चाहिए और महाराष्ट्र के लोगों को धोखा देने के लिए माफी मांगनी चाहिए.


8. महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री ने कहा कि बालासाहेब ठाकरे का कश्मीर में अनुच्छेद 370 को खत्म करने और राम मंदिर बनाने का सपना पीएम नरेंद्र मोदी और अमित शाह ने पूरा किया और फिर भी आप उनकी मजाक उड़ाते हैं. जिस पार्टी ने पीएम को चायवाला कहकर मजाक उड़ाया वह आज बिना नेता के हैं और आप बिना पार्टी के नेता हैं. सत्ता की लालसा में आप बालासाहेब ठाकरे की आलोचना करने वालों के साथ गए.


9. शिंदे गुट की दशहरा रैली में ठाकरे परिवार के भी कई सदस्य पहुंचे थे. बालासाहेब ठाकरे के बेटे जयदेव ठाकरे और उद्धव ठाकरे की भाभी स्मिता ठाकरे ने महाराष्ट्र के सीएम एकनाथ शिंदे के साथ मंच साझा किया. जयदेव ठाकरे ने सीएम शिंदे के लिए समर्थन दिखाते हुए कहा कि, "एकनाथ शिंदे को अकेला मत छोड़ना. वह किसानों और आम लोगों के लिए काम कर रहे हैं." 


10. शिवसेना के शिंदे गुट के नेता रामदास कदम ने भी उद्धव ठाकरे (Uddhav Thackeray) पर निशाना साधा. उन्होंने कहा कि आपके अपने भाई, चचेरे भाई राज ठाकरे भी आपके साथ नहीं हैं, अगर आप अपने परिवार को जोड़कर नहीं रख सकते हैं, तो आप राज्य को कैसे बरकरार रखेंगे. बता दें कि, शिवसेना (Shiv Sena) के इतिहास में पहली बार दो दशहरा रैली आयोजित की गई. 1996 के बाद से हर साल शिवाजी पार्क (Shivaji Park) में शिवसेना की रैली आयोजित होती रही है. 


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