ऐसा हुआ तो 2019 में बीजेपी प्रणब मुखर्जी को बनाएगी प्रधानमंत्री उम्मीदवार: शिवसेना
शिवसेना नेता संजय राउत ने कहा कि 2019 में त्रिशंकु लोकसभा होने की स्थिति में बीजेपी और आरएसएस प्रणब मुखर्जी को प्रध(ानमंत्री उम्मीदवार बना सकती है.
नई दिल्ली: बीजेपी से रूठी शिवसेना कई कोशिशों के बाद भी तैयार नहीं है. शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे अमित शाह से मुलाकात के बाद भी ऐलान कर चुके हैं कि 2019 में शिवसेना अलग चुनाव लड़ेगी. इस पूरे सियासी माहौल के बीच शिवसेना की ओर से बड़ा बयान आया है. शिवसेना नेता संजय राउत ने कहा कि 2019 में त्रिशंकु लोकसभा होने की स्थिति में बीजेपी और आरएसएस प्रणब मुखर्जी को प्रध(ानमंत्री उम्मीदवार बना सकती है.
शिवसेना नेता संजय राउत ने कहा, ''आरएसएस ने प्रणब बाबू को मार्गदर्शक और वक्ता के रूप में अपने कार्यक्रम में बुलाया. इसके पीछे उनके (RSS) मन में राजनीतिक सोच हो सकती है. शायद 2019 लोकसभा त्रिशंकु रहे और बीजेपी को बहुमत नहीं मिला. प्रधानमंत्री पद के लिए कोई साझा उम्मीदवार नहीं मिला तो शायद प्रणब बाबू का नाम नेशनल कैबिनेट के नेतृत्व के लिए आ सकता है. आरएसएस ने इसकी तैयारी शुरू कर दी है.''
We feel RSS is preparing itself for a situation where it might put forth Pranab Mukherjee ji as PM name if BJP fails to get required numbers, in any case BJP will lose a minimum of 110 seats this time: Sanjay Raut,Shiv Sena pic.twitter.com/y36dsakELo
— ANI (@ANI) June 10, 2018
संजय राउत ने कहा, ''प्रणब बाबू का इस देश में कम से कम विरोध होगा. कोई राहुल गांधी को ना चहता हो, बीजेपी अपना समर्थन ना जुटा पाई. बीजेपी 110 सीटों का घाटा हो रहा है, इसकी भरपाई कैसे करेगी.''
आरएसएस के कार्यक्रम में क्यों गए थे मुखर्जी? पूर्व राष्ट्रपति और कांग्रेस नेता रहे प्रणब मुखर्जी आरएसएस के तृतीय शिक्षा वर्ग के कार्यक्रम में मुख्य अतिति के तौर पर संघ के कार्यालय नागपुर गए थे. सात जून को हुए इस कार्यक्रम पर पूरे देश की नजरें थी. कई कांग्रेस नेताओं ने इस दौरे को लेकर नाराजगी जताई थी. यहां तक कि प्रणब मुखर्जी की बेटी शर्मिष्ठा मुखर्जी ने भी कहा था कि भाषण भुला दिया जाएगा लेकिन तस्वीरें गलत तरीके पेश की जाएंगी.
कार्यक्रम में क्या बोले मुखर्जी? प्रणब मुखर्जी ने आरएसएस के कार्यक्रम में कहा कि मैं यहां राष्ट्र, राष्ट्रवाद और देशभक्ति की बात करने आया हूं. उन्हों भारत के इतिहास पर बात करते हुए पूर्व पीएम नेहरू का जिक्र राष्ट्रवाद की बात की. प्रणब मुखर्जी ने अपने भाषण में राष्ट्र, राष्ट्रवाद और देशभक्ति की परिभाषा भी बताई.