Shiv Sena Foundation Day 2023: उद्धव ठाकरे और एकनाथ शिंदे गुट एक बार फिर आमने-सामने आ रहे हैं, लेकिन इस बार न तो किसी ने पार्टी छोड़ी है और न कोई किसी गुट में शामिल हुआ है. दरअसल, आज 19 जून को उद्धव और शिंदे दोनों ही शिवसेना का स्थापना दिवस मनाने जा रहे हैं. एकनाथ शिंदे की अगुआई वाली शिवसेना गोरेगांव स्थित NESCO ग्राउंड में कार्यक्रम का आयोजन करेगी. वहीं, शिवसेना (यूबीटी) सेंट्रल मुंबई के सियोन में कार्यक्रम करने जा रही है. इसे लेकर पोस्टर वार पहले ही शुरू हो गया है.
शिंदे गुट ने कलानगर इलाके में पोस्टरबाजी की है. ये वही इलाका है जहां पर उद्धव ठाकरे का निवास स्थान मातोश्री स्थित है. इलाके में लगे पोस्टरों में लिखा गया है कि शेरों की लीग अब चली गोरेगांव.
बीते साल शिवसेना में हुई थी टूट
साल 2022 में शिवसेना में एकनाथ शिंदे और उद्धव ठाकरे के गुट में बंट गई थी. एकनाथ शिंदे 40 विधायकों के साथ उद्धव ठाकरे से अलग हो गए थे. उन्होंने दावा ठोंका कि उनकी शिवसेना ही असली शिवसेना है. पार्टी पर कब्जे की लड़ाई में दोनों गुट चुनाव आयोग के पास पहुंचे, जहां फैसला शिंदे के पक्ष में गया. चुनाव आयोग ने एकनाथ शिंदे के गुट वाली शिवसेना को ही असली शिवसेना करार दिया. पार्टी का चुनाव चिह्न धनुष बाण भी शिंदे गुट को मिला.
उद्धव ठाकरे गुट को शिवसेना (उद्धव बालासाहेब ठाकरे) नाम दिया गया. उद्धव ठाकरे के गुट वाली शिवसेना को मशाल चुनाव चिह्न दिया गया. इसके पहले दशहरा रैली को लेकर भी दोनों गुटों में भिड़ंत देखने को मिली थी. अब शिवसेना के स्थापना दिवस पर एक बार फिर दोनों आमने-सामने हैं.
एक दिन पहले ही मनीषा कायंदे ने छोड़ा उद्धव का साथ
स्थापना दिवस के एक दिन पहले जब उद्धव ठाकरे मुंबई में राज्य पदाधिकारियों की बैठक कर रहे थे, उसी शाम को महाराष्ट्र की एमएलसी मनीषा कायंदे ने उद्धव ठाकरे का साथ छोड़ एकनाथ शिंदे गुट में शामिल हो गईं. कायंदे ने आरोप लगाया कि ठाकरे गुट में महिलाओं से पैसे मांगे जाते हैं. उद्धव ठाकरे के लिए दो दिन में ये दूसरा झटका था. इसके एक दिन पहले ही शिशिर शिंदे ने भी इस्तीफा दे दिया था.
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