नई दिल्ली: कर्नाटक के सियासी नाटक में महाराष्ट्र की पार्टी शिवसेना की भी एंट्री हो गई है. शिवसेना ने केंद्र और राज्य में अपनी सहयोगी बीजेपी पर सवाल उठाए हैं. शिवसेना ने अपने मुखपत्र सामना में कहा है कि ऐसी घटना से क्या हासिल करोगे. शिवसेना ने कहा है कि तोड़ फोड़ की राजनीति पर राष्ट्रीय नीति होनी चाहिए.
सामना में लिखा है, ''मध्य प्रदेश के पूर्व सीएम शिवराज सिंह चौहान ने शनिवार को ही ये बात कही है कि कांग्रेस के कुछ विधायक हमारे संपर्क में हैं लेकिन तोड़फोड़ करके सरकार नहीं बनाएंगे. शिवराज सिंह की भूमिका अवसरवाद की है पर कर्नाटक में अलग भूमिका व मध्य प्रदेश में दूसरी ये ऐसा क्यों? तोड़फोड़ करके सरकार बनानी है कि नहीं इस पर राष्ट्रीय नीति होनी चाहिए.''
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सामना में आगे लिखा है, ''छत्तीसगढ़ में कांग्रेस को पूर्ण बहुमत है पर राजस्थान, मध्य प्रदेश में फूंक मारी तो उनकी सरकार गिर जाएगी ऐसी परिस्थिति है. विधायक दल-बदलने को तैयार हैं. सियासी घोड़ा बाजार में लोग बिकने और खरीदने के लिए खड़े हैं.''
आगे लिखा है, ''गोवा की बीजेपी सरकार अल्पमत में थी वो अब स्थिर हो गई है. कांग्रेस-मगो के विधायकों ने सीधे इस्तीफा दिया और वे बीजेपी में आकर मंत्री बन गए लेकिन पणजी का विधानसभा उपचुनाव बीजेपी हार गई. यहां से मनोहर पर्रीकर जीतकर आते थे.''
बीजेपी को सीख देते हुए लिखा, ''लोकसभा चुनाव खत्म हो गए उसमें जबरदस्त जीत मिली पर लोगों को अपनी जागीर मत समझो. देश में विपक्ष की सरकारें अब ज्यादा नहीं टिकेंगी व बीजेपी का एक छत्र राज्य पूरे देश में हो ऐसे कदम उठाए जा रहे हैं. कर्नाटक की घटना यही कह रही है.''