बीएमसी में शिवसेना के साथ जाने के खिलाफ नहीं लेकिन फैसला कोर कमेटी लेगी: फडणवीस
नई दिल्ली: महाराष्ट्र में बीएमसी चुनाव में किसी को बहुमत नहीं मिला. कल आए नतीजों के बाद शिवसेना को 84, बीजेपी को 82, कांग्रेस को 31, एनसीपी को 9, एमएनएस को 7 और अन्य को 14 सीटें मिली हैं.
महाराष्ट्र में इस वक्त सबसे बड़ा सवाल यही है कि बीएमसी में किसकी और कैसे सरकार बनेगी? इस बीच शिवसेना और बीजेपी दोनों ही ओर से बयानों की बाढ़ आयी है.
आलाकमान ने दिया फैसला लेने का अधिकार: फडणवीस महाराष्ट्र के सीएम देवेंद्र फडणवीस ने अंग्रेजी चैनल टाइम्स नाउ से बात करते हुए कहा कि आलाकमान ने उन्हें और कोर कमिटी को अधिकार दिया है कि बीएमसी में सरकार बनाने के लिए फैसला करने के लिए. मैं बीएमसी में शिवसेना के साथ सरकार बनाने के खिलाफ नहीं हू लेकिन इसे ज्यादा नहीं पढ़ा जाए. उन्होंने कहा कि महाराष्ट्र में शिवसेना सरकार का हिस्सा है इसीलिए बीएमसी में शिवसेना अछूत नही है लेकिन बैठक के बाद ही कोई फैसला होगा. हम पारदर्शिता के मुद्दे पर चुनाव लड़े थे इसलिए जो भी फैसला होगा वो पारदर्शिता के एजेंडे पर ही होगा.
कल उद्धव ने भी कहा- पहले मिठाई तो खाने दीजिए आपको बता दें कि बीएमसी में प्रचारक के दौरान शिवसेना लगातार बीजेपी पर हमलावर रही. नतीजों के बाद शिवसेना की तरफ से भी अभी स्थिति साफ नहीं की गई है. कल शिवसेना प्रमुख उद्दव ठाकरे से एबीपी न्यूज़ ने जब सवाल किया कि आप राज्य सरकार से समर्थन कब वापस ले रहे हैं? इसके जवाब में उद्धव ने कहा था कि अभी जल्दी क्या है अभी हमें जीत की मिठाई तो खा लेने दीजिए.
मेयर हमारा ही होगा: शिवसेना उद्धव ठाकरे ने कल चुनाव के बाद पहली प्रतिक्रिया देते हुए कहा, ''मुंबई में मेयर शिवसेना का ही होगा. हम सबसे बड़ी पार्टी हैं. शिवसेना मुंबई में नंबर एक की पार्टी है. कुछ सीट हम थोड़े अंतर से हारे है. विधानभा चुनाव से ही ऐेसे नतीजे आ रहे हैं. शिवसैनिकों की मेहनत और जनता के आशीर्वाद से ऐसा परिणाम आया.”
आज सामना में बीजेपी पर हमला? शिवसेना ने सामना की संपादकीय में बीजेपी पर जोरदार हमला बोला है. मुंबई बीएमसी में सबसे बड़ी पार्टी बनने के बाद शिवसेना ने कहा है कि उसे नतीजों की परवाह नहीं है. मुखपत्र सामना में शिवसेना ने कहा है कि बीजेपी बीएमसी में जीती जरूर लेकिन हमें नहीं हरा पाई. मराठी अस्मिता के लिए शिवसेना की लड़ाई जारी रहेगी और हम हार नहीं मानेंगे.
क्या फॉर्मूला हो सकता है ? शिवसेना और बीजेपी के पास विकल्प क्या हैं ये आपको बताएं उससे पहले अन्य के पास जो 14 सीटें हैं उनका समीकरण समझना बेहद जरूरी है. 14 अन्य में समाजवादी पार्टी की 6 सीटें हैं, 3 सीटें ओवैसी की पार्टी AIMIM के पास हैं, 4 निर्दलीय हैं, और 1 सीट अरूण गवली की पार्टी अखिल भारतीय सेना के पास है, जिस पर उनकी बेटी गीता गवली जीती हैं. अगर शिवसेना और बीजेपी हाथ नहीं मिलाते हैं तो बीएमसी के लिए तीन विकल्प निकल कर सामने आते हैं.
पहला विकल्प शिवसेना कांग्रेस से हाथ मिला ले, मतलब शिवसेना के 84 और कांग्रेस के 31 मिलकर हुए 115, यानि बहुमत से 1 सीट ज्यादा
दूसरा विकल्प शिवसेना, एनसीपी, एमएनस और अन्य को साथ मिला ले, मतलब 84, 9, 7 और 14, मिलकर हुए 114, यानि बहुमत के बराबर
तीसरा विकल्प बीजेपी, एनसीपी, एमएनएस और अन्य को साथ मिलाकर दावा करे, मतलब 82, 9, 7 और 14, मिलकर हुए 112, यानि बहुमत से 2
चौथा विकल्प शिवसेना और बीजपी आपस में बात करके ढाई-ढाई साल के लिए अपना मेयर बना लें. लेकिन जिस तरह के हालात दोनों के बीच हैं, उससे इस विकल्प के आसार बेहद कम नजर आ रहे हैं.