Aaditya Thackeray: महाराष्ट्र में विपक्ष के नेता आदित्य ठाकरे ने अपने पहले बिहार दौरे में विपक्षी नेता तेजस्वी यादव के साथ मुलाकात की. इस दौरान आदित्य ने विपक्षी एकता को मजबूत करने की तरफ एक कदम बढ़ाया. टना में उन्होंने दावा किया कि हिंदी भाषी उत्तर भारतीयों के प्रति शत्रुता रखने वाले अब ‘‘भाजपा के साथ’’ हैं और जोर देकर कहा कि जब हम महाराष्ट्र में सत्ता में थे, सभी समुदायों के बीच सद्भाव था. इसके अलावा जब उनसे तेजस्वी यादव को लेकर सवाल पूछा गया तो उन्होंने कहा कि हम दोनों लंबी रेस के घोड़े हैं. 


आदित्य ठाकरे ने अपनी पार्टी के राज्यसभा सदस्य अनिल देसाई और प्रियंका चतुर्वेदी के साथ पटना में बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव से शिष्टाचार मुलाकात की. इस दौरान जब आदित्य से नेतृत्व को लेकर सवाल किया गया तो उन्होंने कहा कि हर बार राजनीति करना जरूरी नहीं है. काम कोई भी कर सकता है. हम दोनों बातचीत करते रहते हैं और आगे लंबी रेस के घोड़े हैं. 




तेजस्वी से मुलाकात को लेकर आदित्य ने दिए जवाब
आदित्य ने तेजस्वी के ‘‘अच्छे काम’’ की सराहना की और खुलासा किया कि वह काफी समय से राजद नेता के साथ फोन पर संपर्क में थे, हालांकि दोनों की आमने-सामने की यह पहली मुलाकात है. आदित्य ने जोर देकर कहा कि उनके बिहार दौरे के बारे में ‘‘कुछ भी राजनीतिक नहीं’’ था. ये पूछने पर कि क्या उन्हें उम्मीद है कि तेजस्वी मुंबई नगरपालिका चुनाव में उनकी पार्टी के लिए प्रचार करेंगे, उन्होंने जवाब दिया कि ‘‘चुनाव बहुत दूर है.’’


हालांकि, उन्होंने कहा, ‘‘मैंने तेजस्वी यादव को महाराष्ट्र के निजी दौरे पर आने का न्योता दिया है. उन्होंने मुझे बिहार के पर्यटन स्थलों का दौरा करने के लिए आमंत्रित किया है. हम दोनों एक-दूसरे की यात्राओं को लेकर उत्सुक हैं.’’ जब कुछ पत्रकारों ने यह पूछा कि क्या ‘‘बिहारी अब निश्चिंत हो सकते हैं कि आपके राज्य में उन्हें नहीं पीटा जाएगा’’ आदित्य ने कहा, ‘‘जो लोग इस तरह के कृत्यों में शामिल थे वे अब भाजपा के साथ हैं. यह जवाब उन्हें देना चाहिए.’’ उद्धव ठाकरे नीत एमवीए सरकार में मंत्री रहे युवा नेता आदित्य ने कहा, ‘‘जब हमने महाराष्ट्र पर शासन किया तो सभी एक साथ और शांति से रहते थे.’’


इस दौरान तेजस्वी यादव ने कहा कि हम सभी महाराष्ट्र में सरकार को गिराने के लिए धन बल के ‘‘इस्तेमाल’’ के बारे में जानते हैं. भाजपा वहां अपनी सफलता से उत्साहित हो गई थी और बिहार में भी ऐसा करने की कोशिश की जहां उसे इसका खामियाजा भुगतना पड़ा.


(इनपुट - एजेंसी से भी)