नई दिल्ली: महाराष्ट्र में विधानसभा चुनाव के नतीजों के करीब 25 दिनों बाद भी सवाल बरकरार है कि सूबे में कब, कैसे और किसकी बनेगी सरकार? आज राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) के प्रमुख शरद पवार की बहुप्रतिक्षित कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी से मुलाकात भी हो गई, लेकिन सरकार गठन को लेकर तस्वीर साफ नहीं हो सकी.
मुलाकात के बाद पवार ने अपने पत्ते नहीं खोले और कहा कि महाराष्ट्र में सरकार गठन को लेकर चर्चा नहीं हुई और सोनिया से यह मुलाकात उन्हें सिर्फ मौजूदा राजनीतिक हालात के बारे में जानकारी देने के लिए थी. इस बयान के ठीक बाद संजय राउत शरद पवार के आवास पर पहुंचे.
संजय राउत ने पवार के साथ बैठक के बाद कहा कि सबकी ये सहमति है कि राज्य से राष्ट्रपति शासन खत्म हो, सबसे बड़ी पार्टी सरकार बनाने की जिम्मेदारी से भाग गई. शिवसेना के नेतृत्व में जल्द सरकार बनेगी. सोनिया गांधी से पवार साहब की क्या बात हुई इसके बारे में नहीं पूछा.
उन्होंने कहा, ''किसानों की समस्या के मुद्दे पर पवार से चर्चा हुई, वो पूर्व कृषि मंत्री रहे हैं. उनके नेतृत्व में प्रधानमंत्री से एक सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल मिलने को लेकर बात हुई.''
शरद पवार ने क्या कहा?
शरद पवार ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर कहा, ''समाजवादी पार्टी और स्वाभिमानी शेतकारी संगठन जैसे उन छोटे दलों के साथ विचार-विमर्श किया जाएगा जिन्होंने कांग्रेस-एनसीपी के साथ मिलकर चुनाव लड़ा था.'' पवार की सोनिया से मुलाकात से पहले यह अटकले लगाई जा रही थीं कि दोनों नेताओं के बीच बातचीत के बाद महाराष्ट्र में सरकार गठन की तस्वीर पूरी तरह साफ हो जाएगी, लेकिन ऐसा नहीं हुआ.
उन्होंने कहा, ‘‘हम हालात पर नजर रखे हुए हैं. हम दोनों दलों के वरिष्ठ नेताओं से चर्चा करेंगे और उनकी राय लेंगे . इसके आधार पर हम भविष्य को लेकर फैसला करेंगे.’’ इस मुलाकात के बाद कांग्रेस के मुख्य प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने ट्वीट कर कहा, ‘‘शरद पवार ने आज कांग्रेस अध्यक्ष से मुलाकात की और महाराष्ट्र के राजनीतिक हालात के बारे में उन्हें अवगत कराया.’’
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उन्होंने कहा, ‘‘यह निर्णय लिया गया कि अगले एक या दो दिनों में एनसीपी और कांग्रेस के प्रतिनिधि दिल्ली में फिर मिलेंगे जिसमें आगे के कदमों के बारे में चर्चा होगी.’’ सूत्रों का कहना है कि सोनिया और पवार की इस मुलाकात के बाद महाराष्ट्र में शिवसेना-एनसीपी-कांग्रेस गठबंधन की सरकार के गठन से जुड़े विभिन्न पहलुओं पर विस्तृत चर्चा हुई.
अगले कुछ दिनों में सरकार गठन की तस्वीर पूरी तरह साफ होने की संभावना है. सोनिया और पवार की मुलाकात से पहले महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री अशोक चव्हाण और राज्य कांग्रेस के कई अन्य नेताओं ने पार्टी के संगठन महासचिव केसी वेणुगोपाल के साथ चर्चा की.
कांग्रेस को नुकसान की आशंका?
कांग्रेस के सूत्रों का कहना है कि पार्टी के केरल से ताल्लुक रखने वाले नेता महाराष्ट्र में शिवसेना के साथ जाने के पक्ष में नहीं हैं क्योंकि उनके मुताबिक इससे दक्षिण भारत के इस महत्वपूर्ण राज्य में कांग्रेस को नुकसान हो सकता है. उधर, शिवसेना लगातार इस बात पर जोर दे रही है कि राज्य में अगला मुख्यमंत्री उसका ही होगा. उसने यह दावा भी किया कि कि तीनों पार्टियां साझा न्यूनतम कार्यक्रम पर सहमत हो गई हैं.
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पीएम मोदी ने की NCP की तारीफ
महाराष्ट्र में राजनीतिक घटनाक्रमों के बीच प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोमवार को राज्यसभा में एनसीपी की तारीफ की. उन्होंने कहा कि एनसीपी और बीजद (बीजू जनता दल) से हमें सीख लेना चाहिए क्योंकि उनके सदस्य कभी आसन के समक्ष नहीं आते. उन्होंने कहा कि इन दोनों दलों से सत्ता पक्ष सहित सभी दलों को सीख लेनी चाहिए कि हम आसन के समक्ष आये बिना भी अपना राजनीतिक विकास कर सकते हैं.
दूसरी तरफ, बीजेपी के देश की सबसे अमीर नगरपालिका के चुनाव में अपने उम्मीदवार नहीं उतारने के निर्णय के बाद शिवसेना के पास मुंबई महापौर का पद बने रहना सोमवार को लगभग तय हो गया है. शिवसेना की उम्मीदवार किशोरी पेडणेकर ने 22 नवम्बर को होने वाले महापौर पद के चुनाव के लिए अपना नामांकन पत्र दाखिल किया.
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इस बीच, महाराष्ट्र में एक वैकल्पिक सरकार गठित करने की कवायद के बीच शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे ने 24 नवंबर को निर्धारित अयोध्या की अपनी यात्रा स्थगित कर दी है.गौरतलब है कि गत 24 अक्टूबर को महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव के नतीजे आने के बाद से नयी सरकार को गठन को लेकर असमंजस की स्थिति बनी हुई है.
बीजेपी-शिवसेना को पूर्ण बहुमत मिला था, लेकिन बारी बारी से मुख्यमंत्री पद की शिवसेना की मांग को लेकर दोनों के रास्ते अलग हो गए. इसके बाद से शिवसेना, एनसीपी और कांग्रेस के साथ मिलकर सरकार बनाने की कवायद में जुटी हुई है.