मुंबई/नई दिल्ली: महाराष्ट्र में सरकार गठन को लेकर अब सभी की निगाहें सोनिया गांधी और शरद पवार के बीच आज होने वाली बैठक पर टिकी हैं. इस बैठक को लेकर शिवसेना आश्वस्त दिख रही है. शिवसेना नेता और राज्यसभा सांसद संजय राउत ने एबीपी न्यूज़ से खास बातचीत में कहा कि सरकार के कामकाज को लेकर कॉमन मिनिमम प्रोग्राम पर तीनों दलों के बीच सहमति बन गई है. तीनों दलों के नेताओं ने यह तैयार किया है. सोनिया गांधी से शरद पवार मिलेंगे, हम भी मिलेंगे. उसके बाद पावर शेयरिंग पर चर्चा होगी.


उन्होंने कहा कि कांग्रेस को लेकर कोई अड़चन नहीं दिख रही है. राष्ट्रपति शासन की आड़ में अगर कोई हुकूमत करना चाहता है तो यह महाराष्ट्र की जनता के लिए ठीक नहीं है. उन्होंने कहा, ''जल्द ही महाराष्ट्र में सरकार का गठन होगा. दिसंबर तक सरकार बन जाएगी. तीन पार्टी की सरकार बनेगी. अलग-अलग हाईकमान है, स्थिर सरकार के लिए थोड़ा वक्त तो लगता है. नई सरकार बन रही है और शिवसेना का मुख्यमंत्री होगा.''


शरद पवार आज नई दिल्ली में सोनिया गांधी द्वारा नामित कांग्रेस के प्रतिनिधियों से भी मिलने वाले हैं. सूत्रों ने कहा है कि कांग्रेस के तीन नेता अहमद पटेल, मल्लिकार्जुन खड़गे और के.सी वेणुगोपाल शरद पवार के साथ बैठक करेंगे ताकि सोनिया गांधी द्वारा इस डील को अंतिम करार देने से पहले सत्ता के समझौते को लेकर तीनों पक्षों के बीच न्यूनतम साझा कार्यक्रम (कॉमन मिनिमम प्रोग्राम) पर सहमति बन सके.


'राष्ट्रपति शासन नहीं चाहते हैं लोग'
मुख्यमंत्री पद के बंटवारे के मुद्दे पर बीजेपी और शिवसेना के बीच चली खींचतान के बाद राज्य में 12 नवम्बर को राष्ट्रपति शासन लगा दिया गया था. शिवसेना, एनसीपी और कांग्रेस राज्य में सरकार गठन पर चर्चा करने में व्यस्त हैं. आज शरद पवार की अध्यक्षता में हुई एनसीपी कोर ग्रुप की बैठक के बाद पार्टी नेता नवाब मलिक ने कहा कि बैठक के बाद हम इस निष्कर्ष पर पहुंचे हैं कि राष्ट्रपति शासन महाराष्ट्र में समाप्त होना चाहिए और एक वैकल्पिक सरकार का गठन किया जाना चाहिए.


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नवाब मलिक ने कहा, ''हमने तय किया है कि कांग्रेस के साथ चर्चा के बाद ही अगला फैसला लिया जाएगा. आज कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी और पवार साहब एक बैठक करेंगे और कल दोनों दलों के नेताओं की बैठक होगी.''


पृथ्वीराज चव्हाण का संदेह बढ़ाने वाला बयान
वहीं महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस के वरिष्ठ नेता पृथ्वीराज चव्हाण ने कहा कि हम यह देख रहे हैं कि क्या शिवसेना, कांग्रेस और एनसीपी एक साथ आ सकते हैं. शिवसेना और कांग्रेस के नेताओं के बीच आज एक बैठक है. हम देखेंगे कि आगे बढ़ सकते हैं या नहीं.


बीजेपी और शिवसेना ने राज्य में 21 अक्टूबर को हुआ विधानसभा चुनाव साथ मिलकर लड़ा था और दोनों पार्टियों ने क्रमश: 105 और 56 सीटों पर जीत दर्ज की थी और 288 सदस्यीय सदन में बहुमत का आंकड़ा हासिल कर लिया था. हालांकि शिवसेना ने मुख्यमंत्री पद के बंटवारे की मांग की और बीजेपी ने इस मांग को मानने से इनकार दिया. इसके बाद दोनों दलों के बीच संबंधों में खटास आ गई.


अब शिवसेना केंद्र में विपक्ष में आ गई है. लोकसभा में पूर्व केंद्रीय मंत्री और शिवसेना सांसद अरविंद सावंत को लोकसभा में सामने की तीसरी पंक्ति की सीट आवंटित की गई है. सोमवार से शुरू होने जा रहे सत्र में पार्टी के अन्य 17 सांसदों को नई सीटें आवंटित की गई हैं.


संसदीय कार्य मंत्री प्रह्लाद जोशी ने रविवार को कहा, "शिवसेना ने विपक्ष में बैठना पसंद किया है. वे कांग्रेस के साथ गठजोड़ का प्रयास कर रहे हैं. उनके मंत्री ने भी इस्तीफा दे दिया है, इसलिए कार्यप्रणाली के अनुसार हम उन्हें नई सीटें आवंटित कर रहे हैं."