महाराष्ट्र सरकार बनाने वालों को निशाना बनाया जा रहा, संजय राउत बोले- ED-CBI सरकारों को हटाने में खुद को शामिल न करे
शिवसेना, कांग्रेस और एनसीपी के बीच मतभेद की अटकलों के बीच संजय राउत ने कहा कि बीजेपी की गठबंधन को कमजोर करने की कोशिशों के बावजूद सरकार को कोई खतरा नहीं है.
मुंबई: शिवसेना नेता संजय राउत ने शुक्रवार को कहा कि प्रवर्तन निदेशालय और केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) को सरकारों को सत्ता से बेदखल करने में अपने आप को शामिल नहीं करना चाहिए. संजय राउत ने आरोप लगाया कि जिन लोगों ने महाराष्ट्र में महा विकास आघाड़ी (एमवीए) सरकार के गठन में अहम भूमिका निभाई, उन्हें निशाना बनाया जा रहा है.
एमवीए सरकार के घटक दलों शिवसेना, कांग्रेस और एनसीपी के बीच मतभेद की अटकलों के बीच संजय राउत ने कहा कि बीजेपी की गठबंधन को कमजोर करने की कोशिशों के बावजूद सरकार को कोई खतरा नहीं है.
शिवसेना के राज्यसभा सदस्य ने यह भरोसा भी जताया कि विपक्षी दल के सरकार के अस्तित्व को लेकर संदेह और अनिश्चितता पैदा करने की कोशिश के बावजूद एमवीए राज्य विधानसभा के अध्यक्ष पद का चुनाव जीतेगी.
यह पूछने पर कि क्या महाराष्ट्र में एक शुगर मिल पर ईडी की कार्रवाई का कथित तौर पर संबंध उपमुख्यमंत्री अजित पवार से है, इस पर राउत ने कहा कि एमवीए सरकार बनाने में जिन लोगों ने महत्वपूर्ण भूमिका बनाई थी, उनको निशाना बनाया जा रहा है.
उन्होंने कहा, ‘‘धमकियां दी जा रही हैं कि ऐसी और कार्रवाई देखने को मिलेगी. इस तरह की राजनीति अच्छी बात नहीं है. लाखों लोग अपनी आजीविका के लिए शुगर मिलों पर निर्भर हैं. ईडी और सीबीआई का इस्तेमाल पीछे से हमला करने सरीखा है. आमने-सामने की लड़ाई लड़नी चाहिए. ईडी और सीबीआई को सरकारों को सत्ता से बेदखल करने में अपने आप को शामिल नहीं करना चाहिए.’’
ईडी ने कहा था कि सतारा जिले में चिमनगांव-कोरेगांव में स्थित जरांदेश्वर सहकारी शुगर कारखाना (जरांदेश्वर एसएसके) को कथित महाराष्ट्र राज्य सहकारी बैंक (एमएससीबी) घोटाले के सिलसिले में कुर्क किया गया है.
राउत ने कहा कि एनसीपी प्रमुख शरद पवार, शिवसेना अध्यक्ष उद्धव ठाकरे के कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी के साथ मैत्रीपूर्ण संबंध हैं. उन्होंने कहा, ‘‘बीजेपी के एमवीए को कमजोर करने की पुरजोर कोशिशों के बावजूद गठबंधन को कोई खतरा नहीं है.’’
उन्होंने कहा कि यह तय है कि एमवीए राज्य विधानसभा अध्यक्ष पद का चुनाव जीत जाएगी. उन्होंने कहा, ‘‘अगर बीजेपी सर्वसम्मति से निर्वाचन होने देती है तो वह महाराष्ट्र पर उपकार करेगी. सरकार के अस्तित्व पर संदेह और अनिश्चितता पैदा करने का कोई फायदा नहीं है. अध्यक्ष का पद कांग्रेस के पास जाएगा. कांग्रेस नेतृत्व उम्मीदवार का फैसला करेगा.’’
शिवसेना नेता ने कहा कि पार्टी की यह राय है कि कोरोना वायरस महामारी के दौरान अध्यक्ष पद के चुनाव से बचा जा सकता है, लेकिन निवर्तमान अध्यक्ष (नाना पटोले) के इस साल की शुरुआत में कांग्रेस की महाराष्ट्र इकाई का अध्यक्ष बनने के बाद से यह पद खाली पड़ा है.
राज्य विधानसभा का मानसून सत्र पांच और छह जुलाई को होने वाला है. राज्य विधानमंडल की परिपाटी के मुताबिक अध्यक्ष हमेशा निर्विरोध चुना जाता रहा है.