NDA से 'निकाले जाने' को लेकर छलका शिवसेना का दर्द, संजय राउत बोले- कैसे कोई तुगलक हमें बाहर कर देगा?
शिवसेना सांसद संजय राउत ने एबीपी न्यूज़ से खास बातचीत में कहा कि अगर हमें एनडीए से निकालना था तो घटक दलों की बैठक बुलानी चाहिए थी. क्या इसके लिए प्रकाश सिंह बादल, नीतीश कुमार से पूछा गया?
नई दिल्ली: महाराष्ट्र में बीजेपी से रिश्ता तोड़ कर एनसीपी-कांग्रेस के साथ सरकार बनाने में जुटी शिवसेना के प्रवक्ता और सांसद संजय राउत ने शिवसेना को एनडीए से अलग 'किए जाने' पर दुख प्रकट करते हुए इसे बीजेपी की मनमानी बताया और सवाल उठाया है कि शिवसेना को एनडीए से बाहर करने से पहले राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) के घटक दलों के बीच कोई चर्चा क्यों नहीं की गई?
दरअसल सोमवार से शुरू हो रहे संसद सत्र के दौरान शिवसेना के सांसद विपक्ष की कुर्सियों पर बैठेंगे. इसका एलान खुद संसदीय कार्यमंत्री प्रह्लाद जोशी ने किया. संसद सत्र के लिए दिल्ली पहुंचे संजय राउत ने एबीपी न्यूज से बात करते हुए इस फेरबदल पर कहा "हम जमीन पर बैठने को तैयार हैं. शिवसेना ने हमेशा सड़क की राजनीति की है, जनता और किसानों की राजनीति की है. लेकिन एनडीए से निकालने वाली बात हास्यास्पद है. हमें एनडीए से निकालने का अधिकार किसके पास है? एनडीए का अध्यक्ष कौन है? ऐसा कैसे हो सकता है कि कोई तुगलक हमें निकाल दे? हम एनडीए के फाउंडर थे. अगर हमें एनडीए से निकालना था तो घटक दलों की बैठक बुलानी चाहिए थी. क्या इसके लिए प्रकाश सिंह बादल, नीतीश कुमार से पूछा गया?"
'एनडीए से भावनात्मक रिश्ता था' इसे मनमानी करार देते हुए राउत ने कहा कि "ऐसी मनमानी अटल जी के जमाने में नहीं थी. एक साथ बैठ कर चर्चा होती थी. लेकिन आज ये नहीं रहा.'' राउत ने ये भी कहा कि एनडीए एक भावनात्मक रिश्ता था लेकिन जिनसे रिश्ता था वो लोग अब नहीं रहे. एनडीए का अस्तित्व बचाने के लिए किसी ने मदद नहीं की. राउत ने ये दावा भी किया कि कल को नीतीश कुमार को भी एनडीए से निकाला जाएगा.
इस सवाल के जवाब में कि शिवसेना के मंत्री ने केंद्र सरकार से इस्तीफा दे दिया राउत ने कहा कि सरकार से इस्तीफे का मतलब क्या एनडीए से अलग हो गए? राउत ने कहा कि कुर्सी जाने का दुख नहीं है लेकिन जिस तरह व्यवस्था का दुरुपयोग किया जा रहा है उसका दुख है.
'दिसम्बर में बनेगी शिवसेना के नेतृत्व वाली सरकार' महाराष्ट्र में सरकार गठन के सवाल पर राउत ने कहा कि दिसम्बर में नई सरकार बन जाएगी और शिवसेना का मुख्यमंत्री होगा. राउत ने दावा किया कि शिवसेना, एनसीपी और कांग्रेस के बीच न्यूनतम साझा कार्यक्रम पर सहमति बन गई है. उन्होंने कहा कि शरद पवार सोनिया गांधी से मिलेंगे इसके बाद हम भी मिलेंगे और सत्ता में भागीदारी की रूपरेखा तय की जाएगी. राउत ने ये भी संकेत दिए कि जल्द ही शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे दिल्ली आकर कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी से मुलाकात कर सकते हैं.